जज के सामने जीवा की हत्या के बाद पुलिस का बड़ा एक्शन, गृह विभाग ने भेजी ऐसी चिट्ठी

GOPAL SHUKLA

09 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 9 2023 9:40 AM)

up police home ministery letter : लखनऊ में जज के सामने मुख्तार अंसारी के दाहिने हाथ कहे जाने वाले संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के करीब 40 घंटे बाद पुलिस ने एक्शन लिया है।

कोर्ट में जज के सामने हत्या के बाद पुलिस का एक्शन

कोर्ट में जज के सामने हत्या के बाद पुलिस का एक्शन

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up police home ministery: लखनऊ के कोर्ट में संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के 40 घंटे बाद अब पुलिस एक्शन दिखाई पड़ा जब उन पुलिस कर्मियों पर गाज गिरी जो कोर्ट में अलग अगल गेट पर तैनात थे। ये छह पुलिसवाले हैं जिन्हें निलंबित किया गया। जिन पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है उनकी तैनाती उस गेट पर थी जहां से शूटर विजय यादव असलहे समेत कोर्ट परिसर में घुसा था। इसके अलावा यूपी के गृह विभाग की तरफ से एक चिट्ठी रवाना हुई है प्रदेश के हरेक जिले के लिए। उस चिट्ठी में कहा गया है कि जिले की किसी भी कोर्ट परिसर में कोई भी व्यक्ति अब हथियारों के साथ प्रवेश नहीं कर सकता। 

कोर्ट में की गई जीवा की हत्या
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कोर्ट के लिए बड़ी फोर्स

सभी जिलों में कोर्ट की सुरक्षा के लिए बड़ी फोर्स तैनात कर दी गई।  सभी कोर्ट परिसर की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त QRT यानी क्विक रिस्पॉन्स टीमें भी लगाई गई हैं, जो सुनने में राहत देती महसूस होती हैं। लेकिन शायद सच ये है कि ये सारी कवायद सिर्फ लकीर पीटने जैसी है।

यूपी पुलिस को गृहमंत्रालय की तरफ से भेजी गई हिदायतें

71 SHO और 22 इंस्पेक्टर करेंगे कोर्ट की हिफाजत

इतना ही नहीं सभी ज़िलों की कोर्ट की हिफाजत के लिए अब 71 सुरक्षा प्रभारी इंस्पेक्टर, 22 इंस्पेक्टर, 240 सब इंस्पेक्टर, 522 कांस्टेबल और 1772 हेड कांस्टेबल की तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा हरेक कोर्ट परिसर में QRT यानी क्विक रेस्पॉन्स टीमें भी लगाई गई हैं जिसमें 60 दारोगा, 112 हेडकांस्टेबल और 256 कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। 

पुलिस की नाकामी की तस्वीर हैै कोर्ट में चली गोली की वारदात

यूपी पुलिस का Motto

सुरक्षा आपकी संकल्प हमारा...यही Motto यानी ध्येय वाक्य जिस उत्तर प्रदेश पुलिस का है, जिस यूपी पुलिस की वेबसाइट पर जाइए तो लिखा मिल जाएगा कि ये दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स है। मगर वहां सुरक्षा की बातें ‘कंडीशन अप्लाई के साथ हैं और सबसे बड़ी फोर्स होने के बावजूद यूपी पुलिस न तो कोर्ट में गोली चलने से रोक पाती है और न ही कोर्ट में शूटर को वकीलों के हाथों पिटने से रोक पाती है। 

चिट्ठी आई है गृह विभाग से

ऐसा लगता है कि पुलिससिर्फ अपराध को चुनौती देते अपराधियों के आगे तमंचे पर डिस्को देखती है। आखिर ये सारी बातें क्यों कही जा रही है तो इसे ऐसे समझिये लखनऊ कोर्ट में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद गृह विभाग का सभी जिलों को आदेश गया है कि किसी भी कोर्ट परिसर में कोई व्यक्ति अब हथियार लेकर प्रवेश नहीं कर सकता। 

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