Salman Firing Case: शूटरों की फंडिंग और रेकी करने वाला गिरफ्तार, जब मुंह खोला तो पुलिसवाले रह गए सन्न

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Salman Firing Case: शूटरों की फंडिंग और रेकी करने वाला गिरफ्तार, जब मुंह खोला तो पुलिसवाले रह गए सन्न
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Salman Khan Firing Case: दबंग खान यानी सलमान खान के घर पर 14 अप्रैल की सुबह फायरिंग की वारदात हुई और तभी से बॉलीवुड समेत सलमान के तमाम सलमान की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं। ये फायरिंग सलमान खान के बांद्रा वाले घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर हुई थी और शूटरों ने एक दो नहीं बल्कि पूरे पांच राउंड फायर किए थे। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीमें अभी तक इस मामले की जांच में जुटी हैं। इसी सिलसिले में अब एक बड़ा अपडेट सामने आया है। मुंबई पुलिस ने इस मामले में एक और गुर्गे को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी मुंबई से दूर राजस्थान के नागौर जिले के बंसी गांव से हुई है। 

पांचवीं गिरफ्तारी चौंकाने वाली

अब तक इस सिलसिले में मुंबई पुलिस पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन इस पांचवें शख्स के बारे में जो जानकारी सामने आई वो चौंकाने वाली है। असल में जिस पांचवें शख्स को पुलिस ने पकड़ा है वो बेहद खास है क्योंकि बताया जा रहा है कि इसी ने सलमान के घर पर फायरिंग करने वाले शूटरों की मदद की थी। पुलिस का खुलासा है कि ये पकड़ा गया शख्स लॉरेंस बिश्नोई के सिंडीकेट का सदस्य है। बताया यही जा रहा है कि पकड़े गये आरोपी ने उन शूटरों को पैसे मुहैया करवाए थे जिन्होंने सलमान खान के घर पर गोली चलाई थी। 

Salman Khan Firing Case
सलमान खान केस में पकड़े गए शूटरों से मिला था फंडिंग करने वाले का पता

अनमोल बिश्नोई ने दिया था बड़ा काम

मुंबई पुलिस के सूत्रों से पता चला है कि आरोपी का नाम मोहम्मद रफीक चौधरी है और रफीक का मुंह खुलवाने की कोशिशें जारी हैं। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपी मोहम्मद रफीक चौधरी ने शूटरों के साथ हुई एक मीटिंग में कहा था कि जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई ने उसे बड़ा काम दिया था। फिलहाल आरोपी को मुंबई की एक अदालत में पेश किया गया जहां से उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 

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दूध बेचने वाला बना मौत का सौदागर

असल में जिस मोहम्मद रफीक को गिरफ्तार किया गया है उसका नाम शूटरों से हुई पूछताछ और उनके मोबाइल फोन खंगालने के बाद सामने आया था। असल में मोहम्मद रफीक का परिवार मुंबई में रह कर दूध का कारोबार करता है। बताया जाता है कि वह दक्षिण मुंबई में अपने परिवार के साथ डेयरी पर ही काम करता था लेकिन कोरोना महामारी के दौरान उसका धंधा बंद हो गया था। इसी बीच वो रोहित गोदारा के संपर्क में आया। गोदारा के जरिए ही उसका कॉन्टैक्ट लॉरेंस बिश्नोई से हुआ। पुलिस के मुताबिक अनमोल बिश्नोई के कहने पर उसे गैंग में शामिल किया गया। इसके बाद उसने ज्यादातर वक्त राजस्थान में ही बिताया। 

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