Cyber Crime: महिला को तीन दिन तक 'डिजिटल अरेस्ट' कर ठगे 1.48 करोड़, अनोखा है झांसा देने का तरीका
Prayagraj Cyber Fraud Digital Arrest: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में साइबर ठगी का बेहद अनोखा मामला सामने आया। इसमें साइबर शातिरों ने एक महिला को तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके उनके खाते से एक करोड़ 48 लाख रुपये की रकम ठग ली। हालांकि पुलिस ने इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
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UP Cyber Crime: यूपी के प्रयागराज से साइबर ठगी का एक ऐसा किस्सा सामने आया है जिसे सुनने वाला बस यही दुआ करता है कि कहीं उसके साथ ऐसा न हो जाए। सच कहा जाए तो डिजिटल अरेस्ट का ऐसा संगीन किस्सा इससे पहले शायद ही किसी ने सुना हो। जी हां, आपने एकदम दुरुस्त पढ़ा, डिजिटल अरेस्ट की ही बात की जा रही है और इसी डिजिटल अरेस्ट की बदौलत ठगों ने महिला के खाते से पूरे एक करोड़ 48 लाख रुपये निकाल लिए।
डिजिटल अरेस्ट पहली बार सुना?
वैसे तो अरेस्ट शब्द सुनते ही बड़े से बड़े तीस मार खां के पसीने छूट जाते हैं। लेकिन शायद ही कभी किसी ने डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द सुना हो। और इस शब्द को सुनते ही सोच में भी पड़ सकते हैं कि क्या कोई डिजिटली अरेस्ट भी हो सकता है। लेकिन हां ऐसा हो सकता है क्योंकि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ऐसा ही हुआ है। यहां प्रयागराज के जार्जटाउन इलाके में एक महिला को उन्हीं के घर में तीन दिनों तक साइबर ठगों ने बंधक बनाए रखा। और महिला को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद उनके खाते से 1.48 करोड़ रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर करवा दिए।
बुजुर्ग महिला को कॉल करके ठगा
साइबर ठगी का शिकार हुई महिला का नाम काकोली दासगुप्ता है। काकोली दासगुप्ता जार्जटाउन स्थित घर में अकेली रहती हैं. उनके पति केंद्र में अफसर थे जिनका निधन हो चुका है। जॉर्जटाउन में रहने वाली काकोली दासगुप्ता को बीती 23 अप्रैल को साइबर ठगों ने कॉल कर कहा कि वो फेडेक्स नाम की इंटरनेशनल कोरियर कंपनी से बोल रहे हैं और उनके नाम से ताइवान से एक पार्सल आया है। लेकिन उस पार्सल में दूसरी चीजों के साथ-साथ ड्रग्स भी हैं। इसके बाद उस शख्स ने काकोली दासगुप्ता की बात जिस शख्स से करवाई उसने अपना परिचय दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के डीसीपी के तौर पर दिया। फोन पर बात करने वाले ने कहा वह पार्सल शायद गलत आ गया है, लेकिन इस पार्सल की वजह से आप जांच के दायरे में आ गई हैं।
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पार्सल में ड्रग्स वाली बात कही
फोन करने वाले ने यह भी कहा है कि आपके यहां ताइवान से एक अवैध पार्सल आया है। जिसमें 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग 3 तीन क्रेडिट कार्ड 5 लैपटॉप है। यही नहीं फोन करने वाले ने यह भी कहा हमें अब आपके पूरे बैंक की खातों की जांच करनी है आप हमारा पूरा कॉर्पोरेट करना होगा। महिला के मुताबिक उसे कॉल के बाद मैं इतना डर गई। कि अपने पूरे खाते की डिटेल उनको दे दिया। यही नहीं इस फोन से कहा गया आपको क्राइम ब्रांच मुंबई शाखा से बात कराई जा रही है।
वीडियो कॉल से खाता खंगाला
वहीं दूसरी ओर वीडियो कॉल के जरिए एक पुलिस के ड्रेस में नकली क्राइम ब्रांच का डीसीपी बनकर बाकायदा बात भी किया गया।। वीडियो कॉल के जरिए नकली डीसीपी ने कहा की आप के बैंक खातों की जांच करनी होगी। इसके बाद महिला के सारे खातों की डिटेल, दस्तावेजों पर साइन भी लिया गया और खातों से रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिये गये। यही नहीं जांच के नाम पर 3 दिन घर से बाहर भी नहीं निकलने दिया गया। महिला से यह भी कहा गया अगर बाहर निकलीं तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। यही वजह रही कि तीन दिनों तक महिला अपने घर से बाहर नहीं निकलीं।
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तीन दिन तक ऑनलाइन गिरफ्तार
इसके बाद शुरू हुआ डिजिटल अरेस्ट का सिलसिला। काकोली दासगुप्ता को समझा दिया गया कि जिस वीडियो कॉल पर वो बात कर रही हैं अब उनकी कॉल कट नहीं सकती और वो पूरी तरह से पुलिस की निगरानी में हैं। यानी उन्हें ऑनलाइन गिरफ्तार कर लिया गया है। अगले तीन दिन तक वो कमरे से बाहर नहीं जाएंगी। इस दौरान महिला डरकर तीन दिन तक अपने घर से ही बाहर नहीं निकली। और फर्जी पुलिसवालों ने जैसा बताया वैसा करती रहीं। जब भी पुलिसवाले उससे अपने खाते से कुछ रकम किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर करने को कहते वो चुपचाप कर देती। इस तरह कई बार में उसने एक करोड़ 48 लाख 30 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए।
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चार आरोपी गिरफ्तार
लेकिन तीन दिन के बाद जब उस महिला का भतीजा घर आया तब जाकर ये सिलसिला रुका। और फिर वो महिला अपने भतीजे के साथ मिलकर साइबर थाने पहुँचीं और रिपोर्ट दर्ज करवाई। इतनी बड़ी रकम की हेराफेरी का किस्सा सुनने के बाद पुलिस भी फौरन एक्टिव हो गई। देखते ही देखते पुलिस ने इस मामले में चार अलग-अलग जगहों से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।
थाईलैंड और नेपाल तक फैला नेटवर्क
प्रयागराज के साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी के मुताबिक इस साइबर ठगी गैंग का सरगना देवराय उर्फ राणा है जो दिल्ली से नेपाल भाग चुका है। जबकि पुलिस ने देवराय राणा के बेटे निशांत राय, नोएडा से राजेश कुमार और दिल्ली से रामा उर्फ चेतन को गिरफ्तार किया गया है। बकौल पुलिस पकड़े गए चारों साइबर ठगों बताया इस तरह के साइबर क्राइम को अंजाम बैंकॉक, थाईलैंड और नेपाल में बैठकर दिया जाता है. वहीं लोगों को वाट्सऐप और टेलीग्राम पर ठगी करके उन्हें इसका शिकार बनाया जाता है. इसके आगे आरोपियों ने बताया कि अफसर की पत्नी के खाते से उड़ाई गई रकम को डिजिटल मुद्रा में बदलकर देश से बाहर कैश कराया गया।
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