दिल्ली : पैसों को लेकर था विवाद, इसलिए की थी हत्या, सिपाही ने सोते हुए अपने सब इंस्पेक्टर जीजा को मारी थी गोली

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दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम सिंह ने अपने जीजा वीरेंद्र नांदल को सोते हुए सिर में गोली मारी थी। दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए विक्रम सिंह ने पूछताछ में बताया है कि उसने अपनी जीजा वीरेंद्र नांदल के साथ घर को बेचने का सेल एग्रीमेंट तैयार कर लिया था। ये तय हुआ था कि वीरेंद्र उसके मकान को बेचेगा। वह अपने पैसे लेकर बाकी पैसे उसे दे देगा। इसके बावजूद वीरेंद्र उस पर पैसे लौटाने का बहुत ज्यादा दवाब बना रहा था। दरअसल, वीरेंद्र ने विक्रम सिंह के कृष्णा नगर, सफदरजंग एंक्लेव स्थित घरों में काफी पैसे लगाए थे। वीरेंद्र पैसे वापस मांग रहा था।

पूरा मामला जानिए

तो पैसों का था चक्कर !

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दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम सिंह ने अपने जीजा वीरेंद्र नांदल को सोते हुए सिर में गोली मारी थी। सिपाही ग्रेटर कैलाश थाने से रेड के नाम पर जाने के लिए सरकारी रिवाल्वर व छह कारतूस जारी करवा कर ले गया था। उसने अपने जीजा जूड़ो खिलाड़ी को एक ही गोली मारी थी। सफदरजंग एंक्लेव थाना पुलिस को मौके से एक खोल व रिवाल्वर में पांच कारतूस मिले है। दूसरी तरफ वीरेंद्र नांदल पैसे के लिए दिल्ली आकर अपने साले विक्रम सिंह के घर रहने लग गया था। वीरेंद्र ने पैसे लेने के लिए इतना ज्यादा दवाब बना दिया था कि वह अपने घर नहीं जा पा रहा था। 

पुलिस के मुताबिक, विक्रम सिंह ने वीरेंद्र नांदल की दो दिन पहले हत्या की साजिश रच ली थी। वारदात वाली रात को वीरेंद्र ने फोन पर विक्रम सिंह को काफी गालियां दी थीं। वीरेंद्र के गाली देने की वजह से विक्रम ने उसे खत्म करने का पूरी तरह से ठान लिया था। उसने शनिवार रात को रिवाल्वर जारी करवाई थी और रविवार सुबह आठ बजे अपने घर पहुंचकर वीरेंद्र को गोली मार दी। विक्रम सिंह के कृष्णा नगर, सफदरजंग एंक्लेव स्थित घरों में वीरेंद्र ने काफी पैसे लगाए थे। वीरेंद्र पैसे वापस मांग रहा था। वीरेंद्र पैसे लेने के लिए बहुत ज्यादा दवाब बना रहा था। वह विक्रम सिंह के घर आकर रहने लग गया था। वीरेंद्र ने कहा था कि जब तक उसे पैसे नहीं मिलेंगे तब तक वह अपने घर नहीं जाएगा। इस कारण विक्रम सिंह पांच-छह दिन से अपने घर नहीं जा रहा था।

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विक्रम सिंह ने पूछताछ में बताया है कि उसने अपनी जीजा वीरेंद्र नांदल के साथ घर को बेचने का सेल एग्रीमेंट तैयार कर लिया था। ये तय हुआ था कि वीरेंद्र उसके मकान को बेचेगा। वह अपने पैसे लेकर बाकी पैसे उसे दे देगा। इसके बावजूद वीरेंद्र उस पर पैसे लौटाने का बहुत ज्यादा दवाब बना रहा था। ये भी बताया जा रहा है कि विक्रम सिंह पर काफी कर्जा हो रखा था। उसने रिश्तेदारों से पैसे लेकर कमेटियों में लगा रखे थे। 

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पूर्व पुलिस आयुक्त थपथपा चुके हैं सिपाही की पीठ

गत मंगलवार को 15 लोगों की जान बचाने वाले हत्या के आरोपी विक्रम सिंह ने फरवरी महीने में भी चार सीनियर सिटीजन की जान बचाई थी। उस समय भी ग्रेटर कैलाश एक इमारत में आग लग गई थी। विक्रम सिंह ने आग में फंसे चार सीनियर सिटीजन को बचाया था। तब पूर्व पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने सिपाही विक्रम सिंह को पुलिस मुख्यालय बुलाया था और उसे शबाशी दी थी। उधर, कोर्ट ने आरोपी सिपाही को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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