ड्रोन से नज़र आए खेतों में छुपे हुए 'डेथ सेंटर', ज़हरीली शराब के कारोबार पर पुलिस का वार

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Bihar hooch tragedy: बिहार के छपरा (Chhapara) में अवैध शराब (Hooch) के जहर का कहर अब काफी फैल चुका है। यहां तक कि इस वारदात के इतने दिनों बाद भी अब भी ये सड़क से लेकर सदन तक अपना असर दिखाता घूम रहा है। लिहाजा पुलिस (Bihar Police) ने अब इस जहर (Poision) को मारने का ऐसा इंतज़ाम किया है जिसे देखकर लोगों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली है।

पुलिस के ड्रोन (drone) ने जब आसमान पर उड़ान भरी तो ज़मीन पर खेतों में छुपी मौत की फैक्टरी यानी 'डेथ सेंटर' (Death Center) नज़र आ गए।

इसी बीच खबर ये सामने आई है कि इस जहरीली शराब से मरने वालों का आकड़ा तेज़ी से बढ़ता जा रहा है और अबतक 82 लोग इस जहर को हलक से उतारने के बाद मौत के घाट उतर चुके हैं।

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बिहार के सारण में 70 से ज़्यादा लोगों की मौत होने की खबर सामने आई है। जबकि तीन दिनों के भीतर सीवान में जहरीली शराब पांच लोगों की जिंदगी लील चुकी है।

रिपोर्ट तो ये कहती है कि जनवरी 2022 से अब तक बिहार में जहरीली शराब के 10 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में ये भी सवाल उठता है कि कहां कहां फैली है मौत की फैक्टरी, कहां कहां बन रहा ज़हरीला 'जाम', ज़हर के डेथ सेंटर का बेलगाम क़हर, बढ़ता जा रहा है मौत का आंकड़ा।

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Bihar Hooch: इन खबरों की रोशनी में और सियासी आफत के बीच अचानक पुलिस तेजी से हरकत में आती दिखाई दी और धंधेबाज़ों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करके पुलिस ने उन तमाम इलाक़ों में छापेमारी की है। यहां तक कि पुलिस की ऐसी कार्रवाई वाली तस्वीरें अब उन लोगों को राहत दे रही हैं जिनका इस घटना के बाद से रो रोकर बुरा हाल है।
यूपी की देवरिया पुलिस ने ड्रोन कैमरे से सर्च ऑपरेशन चलाकर कच्ची शराब के ठिकानों पर छापेमारी की 175 लीटर कच्ची शराब बरामद किया है। इसके अलावा 13 लोगों को पकड़ा तब पता चला कि खेतों में छुपी हुई इस ज़हर के डेथ सेंटर के निशाने पर बिहार ही है क्योंकि यहां बनी शराब बिहार ही भेजी जाती है...
उत्तर प्रदेश में पुलिस के उस ऑपरेशन के साथ साथ बिहार में भी पुलिस का सर्च ऑपरेशन तेज़ हुआ तो मौत का सामान सामने आ गया। मोतिहारी पुलिस की बड़ी कार्यवाही में जानलेवा स्प्रिट का बड़ा जखीरा जब्त किया गया। जहरीली शराब के कहर से बिहार के चार चार ज़िलों में मातम की चीखें सुनाई दी...उस बिहार में खराब शराब की वजह से मौत का तांडव देखने को मिला जहां पहले से ही शराब बंदी है।

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Bihar Crime: शायद यही वजह है कि सड़क से लेकर सदन तक आंसू तो बहे...चीख पुकार भी मची...मगर राहत की बूंद बहती कहीं नज़र नहीं आई...
ज़हरीली शराब से 60 से ज़्यादा की मौत हो चुकी है...दर्जनों लोग अस्पताल में ज़िंदगी के लिए जूझ रहे हैं...जिधर देखो उधर.. लोगों की चीख सुनाई दे रही है...और सबसे बड़ी बात यही है कि इस मातम का कोई अंत होता नज़र नहीं आ रहा! जब लोग मरने लगे.. तब शुरु हुआ पुलिस का ऑपरेशन।

कई शहरों कई ज़िलों और कई गांवों में पुलिस के ताबड़तोड़ छापेमारी से जो कुछ सामने आया...उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि ज़हर के डेथ सेंटरों की जड़ें बड़ी गहरी हो गई हैं...लेकिन...सवाल यही है कि इतनी मौत का ज़िम्मेदार कौन है?

क्या सरकारें ज़हरीली शराब के कहर पर लोगों के तड़पते दिलों को करार देने के लिए कुछ जवाब देंगी? या सिर्फ पल्ला झाड़कर खड़ी हो जाएंगी जैसे बिहार की सदन में खड़े होकर मुख्यमंत्री ने किया
जहरीली शराब की घूंट ने हंसते खेलते कई परिवारों की दुनियां ही उजाड़ दी। किसी के सर से बाप का साया उठा है, कोई बेवा हुई बीवी, किसी ने बेटा खोया है। छपरा का सदर अस्पताल मरघट बन गया। सवाल उठता है कि ये कैसी शराबबंदी है जहां इलाके के इलाके श्मशान में बदल गए हैं।

आखिर कौन है इन मौतों का गुनहगार? आरोप है कि इलाके में काफी समय से जहरीली शराब का धंधा चल रहा था लेकिन प्रशासन ने रोकने की जरुरत नहीं समझी।
मतलब ये कि पुलिस की मिलीभगत से शराब बेची गई। ये कहानी सिर्फ छपरा की नहीं बल्कि पूरे राज्य की है।

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