Shraddha Murder Case : आफताब का नार्को टेस्ट शुरू, सच सामने आने की घड़ी

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Shraddha Murder Case Update: श्रद्धा मर्डर केस में आफताब अमीन पूनावाला (AAFTAB) का नार्को टेस्ट शुरू हो गया है। इससे पहले पुलिस उसे दिल्ली के अंबेडकर अस्पताल पहुँची थी।

इससे पहले आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट पूरा हुआ था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच के लिए अब एक SIT का भी गठन किया है। हालांकि पुलिस को अब तक आफताब से काफी कुछ पता चल चुका है लेकिन अब भी कई सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस को आफताब से पता लगाने हैं।

Mehrauli Murder Case Update : डॉक्टर नवीन अंबेडकर अस्पताल के नार्को डिपार्टमेंट के नोडल अफसर हैं।

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चूंकि नार्को टेस्ट से गुजरनेवाले शख्स को होशो हवास में रहने नहीं दिया जाता है, इसीलिए सबसे पहले इंजेक्शन के जरिए उसकी रगों में बेहोशी की दवा पहुंचाई जाती है। जैसे अमूमन किसी बडे ऑपरेशन से पहले मरीज को बेहोश करने के लिए एनस्थिशिया दी जाती है। पर यहां इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि नार्को टेस्ट से गुजरनेवाले शख्स की सेहत, उम्र और वजन क्या है।

उसे कोई बीमारी तो नहीं है। फिर उसी हिसाब से बेहोशी की दवा की डोज तय की जाती है। डोज की मात्रा इतनी ही होनी चाहिए कि ना वो पूरी तरह बेहोश हो और ना ही पूरी तरह होश में। क्योंकि अगर वो पूरी तरह बेहोश हो गया, तो फिर सवालों के जवाब नहीं देगा। और अगर होश में ही रह गया, तो फिर झूठे जवाब ही देगा।

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हालांकि दवा के असर से नार्को टेस्ट से गुजरनेवाला शख्स अक्सर गहरी नींद में जाने की कोशिश करता है। आपने देखा होगा ऐसे कई नार्को टेस्ट के दौरान इसीलिए सवाल पूछनेवाला डॉक्टर लगातार उसे थपकियां देकर जगाए रखता है।

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श्रद्धा मर्डर केस की सबसे बड़ी चुनौती : एक भी चश्मदीद नहीं

Delhi Murder Case Update: श्रद्धा मर्डर केस की सबसे कमजोर कड़ी ये है कि इस केस में एक भी चश्मदीद नहीं है. यानी अब जो कुछ है या पुलिस को जो कुछ करना है वो सिर्फ और सिर्फ चंद इंसानी हड्डियों, चंद खून के कतरे और आफताब के बदलते बयानों को सामने रख कर ही करना है। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि नार्को टेस्ट के दौरान आफताब कुछ ऐसे सुराग या सबूत उगल दे, जिससे उसका बच पाना नामुकिन हो जाए। इस टेस्ट के जरिए पुलिस को खास तौर पर जिन सवालों के आफताब से सच-सच जवाब चाहिए, वो सवाल ये हैं।

श्रद्धा का कत्ल किस तारीख को किया?
श्रद्धा को क्यों मारा?
श्रद्धा को कैसे मारा?
लाश के टुकडे कैसे किए?
टुकडे करने के लिए हथियार कहां से खरीदे?
टुकडों को घर में कितना वक्त तक रखा?
टुकडों को कैसे और कहां रखा?
लाश के टुकडों को कहां-कहां ठिकाने लगाए?
हथियार कहां फेंके?
कत्ल के बाद छह महीने तक क्या कुछ किया?
अगर कत्ल गुस्से में और गलती से किया तो तभी पुलिस के सामने सरेंडर क्यों नहीं किया?

Mehrauli Murder News: मनोवैज्ञानिकों की एक टीम के साथ मिलकर केस के जांच अधिकारी और आला पुलिस अफसरों ने इन सवालों के अलावा बाकी सवालों की एक लंबी फेहरिस्त तैयार की है। लेकिन कुल मिलाकर जिन सवालों पर पुलिस का ज्यादा जोर है, वो सवाल सीधे सबूतों से जुडे हैं।

जैसे श्रद्धा की लाश के टुकडे या हड्डियां कहां-कहां हो सकती हैं? कहां कहां उसने फेंके? श्रद्धा के मोबाइल कपडे कत्ल और करते और लाश के टुकडे करते हुए खुद के पहने कपडे कहां छुपाए?

अगर नीम बेहोशी की हालत में आफताब अंजाने में सच बोल गया, तो इसमें कोई शक नहीं कि दिल्ली पुलिस के हाथ सबूतों का पूरा पुलिंदा लग जाएगा। लेकिन अगर कहीं सवालों के जवाब में अबु सलेम की तरह गाना गाने लगा तो सबूत ढूंढना, मुश्किल हो जाएगा।

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