Parliament Security Case: पुलिस को चार्जशीट के लिए 'एक्सटेंशन' चाहिए, कोर्ट ने 30 दिन और दिए
Parliament security breach case : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में कोर्ट से चार्जशीट दाखिल करने के लिए कुछ और समय मांगा है। कोर्ट ने 30 दिनों का टाइम और दे दिया।
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Parliament security: नई संसद भवन की सुरक्षा में हुई चूक मामले के दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर कोर्ट से चार्जशीट दाखिल करने के लिए मियाद बढ़ाने की गुहार लगाई है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में छह मुल्जिमों के खिलाफ जांच का काम पूरा करने में अभी उसे कुछ वक़्त और चाहिए। इससे पहले पुलिस ने सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सभी छह मुल्जिमों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था।
कोर्ट ने 30 दिनों का एक्सटेंशन दिया
पुलिस का कहना है कि इस मामले में कानून अपना काम कर रहा है। दिल्ली की अदालत ने पुलिस को चार्जशीट के लिए एक बार फिर 30 दिनों का टाइम दिया है। हालांकि इससे पहले मार्च में दिल्ली पुलिस को कोर्ट ने 45 दिन का वक्त और दिया था। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की गुहार पर गौर करते हुए समय की अवधि और बढ़ाते हुए हिदायत दी है कि पुलिस अब अपना काम तेजी से पूरा करे। ये गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल संसद में सुरक्षा में लगी सेंध के मामले में जांच का काम कर रही है। कोर्ट ने एक बार फिर दिल्ली पुलिस को जांच पूरी करने के लिए वक्त दिया है, साथ में ये भी कहा है कि अब तय किए गए वक्त में पुलिस अपनी चार्जशीट तैयार करके उसे अदालत के सामने रखे।
पुलिस ने जांच पूरी करने के लिए वक्त मांगा
पिछले साल 13 दिसंबर को दो उपद्रवियों ने नई संसद भवन के मुख्य हॉल में घुसकर न सिर्फ नारे लगाए थे बल्कि वहां उन लोगों ने पीले रंग का स्प्रे भी किया था। इसके अलावा संसद के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया था। दिल्ली पुलिस ने इस सिलसिले में UAPA के तहत केस दर्ज किया था और जांच पूरी करने के लिए 90 दिन का समय मांगा था। पुलिस की अदालत में यही गुहार थी कि ये केस बेहद संवेदनशील है लिहाजा उसे जांच के लिए थोड़ा और वक्त दिया जाए। हालांकि कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 25 अप्रैल 2024 तक जांच पूरी करने के आदेश दिए थे लेकिन पुलिस अभी तक इस मामले में जांच पूरी नहीं कर सकी है। कोर्ट ने पुलिस को चार्जशीट के लिए समय देने के साथ सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत को भी 30 दिनों के लिए बढ़ा दी है।
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13 दिसंबर को घुसे थे उपद्रवी
पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और सभी मुल्जिमों का पॉलीग्राफी, नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवा चुकी है। ऐसा करवाने के पीछे पुलिस का मकसद ये जानने का है कि असल में इन सभी के संसद में घुसने के पीछे असली मंशा क्या थी। पुलिस ने इस सिलसिले में पूरे कांड का मास्टरमाइंड मनोरंजन डी को बताया है। बकौल पुलिस इस मामले के सभी आरोपी एक दूसरे से फेसबुक के जरिए ही जुडे़ थे। साल 2001 में संसद में हुए आतंकी हमले की बरसी के मौके पर 13 दिसंबर को सागर शर्मा और मनोरंजन डी ने शून्यकाल में संसद में मौजूद थे। इसके बाद दोनों दर्शक दीर्घा से कूद गए थे और उसके बाद दोनों ने संसद भवन के भीतर ही पीले रंग का स्प्रे किया था। इसके बाद दो आरोपियों शिंदे और नीलम आजाद ने संसद परिसर के बाहर नारेबाजी की थी। संसद के बाहर भी इन लोगों ने रंगों का स्प्रे किया था।
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