Nawab Malik : ED ने नवाब मलिक के खिलाफ 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जानें पूरा केस

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Mumbai Nawab Malik News : महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। 21 अप्रैल को 5 हजार से अधिक पन्नों की ये चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई. ये चार्जशीट भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कथित रूप से संबंध होने और मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सीनियर नेता नवाब मलिक को इस मामले में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं।

ईडी के वकीलों ने कहा कि अदालत की रजिस्ट्री में 5,000 से अधिक पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया गया है। उन्होंने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के मामलों की विशेष अदालत दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी।

ईडी का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा वर्ष 1993 मुंबई धमाकों के आरोपी और वैश्विक आंतकवादी घोषित दाऊद इब्राहिम तथा उसके सहायकों के खिलाफ हाल में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है।

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इससे पहले हिरासत में लेने के लिए हुई सुनवाई के दौरान केंद्रीय वित्तीय जांच एजेंसी ने अदालत से कहा था कि मलिक मुख्य षड्यंत्रकर्ता और लाभार्थी हैं। ईडी ने आरोप लगाया कि अवैध रूप से इन संपत्तियों पर कब्जा के लिए उन्हें दाऊद इब्राहिम गिरोह के अहम सदस्यों से धन मिला।

एजेंसी ने दावा किया कि ‘‘ इन संपत्तियों को हड़पने के लिए दाऊद इब्राहिम के गिरोह के सदस्यों और नवाब मलिक ने साठगांठ की और इस आपाधिक कृत्य को वास्तविक दिखाने के लिए कई कानूनी दस्तावेजों में हेरफेर की।’’

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ईडी ने बताया कि हिरासत में लेकर पूछताछ के दौरान (पूर्व में गिरफ्तार) इकबाल कासकर (दाऊद इब्राहिम का भाई) ने बहन हसीना पार्कर को लेकर कई खुलासे किए जिनमें उसकी मुंबई में निर्दोष नागरिकों से उच्च मूल्यों की संपत्ति को दाऊद गिरोह का भय दिखा हड़पने में उसकी संलिप्तता शामिल है।

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एजेंसी ने बताया कि जांच के दौरान खुलासा हुआ कि दाऊद गिरोह का एक ऐसी ही पीड़िता मुनीरा प्लंबर है। प्लंबर की मुख्य स्थान पर संपत्ति थी जिसकी मौजूदा कीमत 300 करोड़ रुपये हैं कि मलिक ने परिवार के स्वामित्व वाली सोलीडस इन्वेस्मेंट के जरिये निवेश कर हसीना पार्कर सहित दाऊद गिरोह के सदस्यों के साथ साठगांठ कर हड़प लिया।

ईडी के समक्ष दर्ज कराए गए बयान में प्लंबर ने दावा किया कि उन्होंने यह संपत्ति मलिक को नहीं बेची थी। यह भी लगता है कि मलिक पीएमएलए के प्रावधानों के तहत परिभाषित धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग के भी दोषी हैं। हालांकि, मलिक ने स्वयं पर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय के तत्काल जेल से रिहा करने के लिए दायर अर्जी को खारिज करने के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

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