गुरुग्राम में हुई करोड़ों की चोरी मामले में इस IPS अफसर का नाम आने की असली वजह ये है, जानें

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तनसीम हैदर के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

GURUGRAM HIGH PROFILE THEFT CASE : गुरुग्राम में एक हाई प्रोफाइल चोरी के मामले में अब रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस केस में नामी डॉक्टर से लेकर पुलिस अधिकारी तक की मिलीभगत सामने आ रही है। गुरुग्राम के खेड़कीदोला में हुई इस हाई प्रोफाइल चोरी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्ट को भी दो बार सफाई देनी पड़ी है। सीएम ने कहा है कि इस मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो कितने भी बड़े पद पर क्यों ना हो। अभी इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है।

दरअसल ये हाई प्रोफाइल चोरी का मामला एक अगस्त 2021 का है। इसका खुलासा तब हुआ जब 20 अगस्त को अल्फा जी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने गुरुग्राम के खेड़कीदौला थाने में शिकायत दर्ज करवाई की उनकी कंपनी से कैश चोरी कर लिया गया है और उसे एक फ्लैट में रखा गया है। कंपनी की तरफ से शिकायत में कहा गया कि जिस जगह कैश रखा हुआ था वहा पर किसी को जाने की इजाजत नहीं है।

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मामले की गंभीरता को देखते हुए गुरुग्राम पुलिस ने जांच शुरू की। गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात एक एएसआई सहित दो लोगों से कुछ कैश बरामद किया, लेकिन उसके बाद पुलिस की लापरवाही सामने आई है।

STF को सौंपी गई थी जांच

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कई हुए गिरफ्तार

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पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जाने लगी जिसके बाद इस केस की जांच का जिम्मा गुरुग्राम एसटीएफ को सौंप दिया गया। एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की तो एक के बाद एक परत खुलती चली गई। इस मामले में एसटीएफ ने गुरुग्राम के दो डॉक्टरों जीपी सिंह और डॉक्टर सचिंदर जैन नवल को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो हाई प्रोफाइल चोरी का मामला खुलता चला गया।

एसटीएफ की तफ़्तीश में सामने आया कि यह चोरी लाखों की नही बल्कि करोड़ों की थी। इस चोरी का मास्टरमाइंड कोई और नही बल्कि डॉक्टर सचिंदर जैन, डॉक्टर जीपी सिंह है और डॉक्टर सचेन्द्र जैन नवल ने गैंगस्टर विकास लगरपुरिया और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात एएसआई विकास गुलिया के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से चोरी को अंजाम दिया।

जांच में शामिल नहीं हुए IPS धीरज, किया गया सस्पेंड

जांच में यह भी सामने आया कि इन लोगों ने चोरी किए गए पैसे को गोल्ड और यूएस डॉलर में बदल दिया। छानबीन के दौरान एसटीएफ को पता चला कि गैंगस्टर विकास लगरपुरिया ने अपने गुर्गों के माध्यम से इस करोड़ों की चोरी को अंजाम दिया था। जिस समय चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया उस वक़्त धीरज सेतिया गुरुग्राम में डीसीपी वेस्ट का चार्ज संभाल रहे थे। गुरुग्राम एसटीएफ द्वारा धीरज सेतिया को जांच में शामिल होने के लिए दो से तीन बार नोटिस भेजा गया, लेकिन वह शामिल नहीं हुए। इस पर हरियाणा सरकार ने धीरज सेतिया को नौकरी से सस्पेंड कर दिया।

करोड़ों रुपये बरामद

कहां से आया इतने रुपये !

वहीं एसटीएफ अभी तक इस सनसनीखेज मामले में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में तैनात विकास गुलिया ,गुरुग्राम के दो नामी डॉक्टरों जीपी सिंह ,डॉक्टर सचेन्द्र जैन नवल के साथ अन्य लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 6 से 7 करोड़ रुपये कैश, सोना और 64 हजार 500 यूएस डॉलर बरामद कर चुकी है। इस हाई प्रोफाइल चोरी में जिस तरह से आईपीएस धीरज सेतिया का नाम सामने आया है उसके बाद से कयास लगाए जा रहे है कि गुरुग्राम पुलिस के और भी अधिकारी इस चोरी में शामिल हो सकते हैं।

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