जघन्य, पैशाचिक और बर्बर हत्याकांड, दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल की हत्या में 11 साल बाद फैसला, कत्ल के जुर्म में चार लोगों को उम्रकैद

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अदालत का फैसला
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Delhi: दिल्ली की एक अदालत ने यहां जी बी रोड पर एक पुलिसकर्मी की हत्या किये जाने के 11 साल से भी अधिक पुराने मामले में चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनायी है और कहा है कि यह अपराध ‘जघन्य, पैशाचिक और बर्बर’ है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार खरता चार दोषियों --आशीष बहुगुणा उर्फ आशु, सूरज, मनोज और आकाश की सजा के विषय पर दलीलें सुन रहे थे। इन चारों को हत्या, हत्या की कोशिश समेत भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, इन चारों ने 2012 में 10 और 11 सितंबर की दरम्यानी रात को बिजेंद्र पर चाकू से जानलेवा हमला किया। 

चार लोगों को उम्रकैद की सजा

उन्होंने इरशाद तथा कांस्टेबल संदीप कुमार को घायल कर दिया था। अदालत ने आठ अप्रैल को जारी अपने आदेश में कहा, ‘‘ दोषियों द्वारा किये गये अपराध जघन्य, पैशाचिक एवं बर्बर हैं। दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत बिजेंद्र के परिवार के सदस्यों तथा संदीप कुमार एवं इरशाद कुमार की पीड़ा को समझा जा सकता है।’’ अदालत ने चारों को भादंसं की धारा 302 (हत्या) एवं 34 (समान मंशा) के तहत उम्रकैद की सजा सुनायी। सूरज को चाकू रखने को लेकर शस्त्र कानून के तहत भी दोषी ठहराया गया और उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी गयी।

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यह अपराध ‘जघन्य, पैशाचिक और बर्बर’

अदालत ने चारों को कांस्टेबल कुमार और इरशाद की हत्या की कोशिश के सिलसिले में समान मंशा को लेकर सात साल के कठोर कारावास की सजा भी सुनायी। दोषियों को लोक सेवकों को जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने के लिए पांच साल के सश्रम कारावास तथा लोकसेवकों रोकने के लिये उनपर हमला करने या आपराधिक बल का इस्तेमाल करने को लेकर और दो साल के सश्रम कारावास तथा लोकसेवकों के कामकाज में बाधा खड़ी करने को लेकर तीन माह की साधारण कारावास की सजा सुनायी। अदालत ने कहा कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

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(PTI)

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