बर्थडे पर पिता ने जो हीरे की अंगूठी बेटी को गिफ्ट की, उसी रिंग से सुपारी दे कराया बाबुल का मर्डर

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जमशेदपुर से मनीष और अनूप सिन्हा के साथ सुप्रतिम बनर्जी की रिपोर्ट

Crime Murder Mystery Story in hindi : 29 जून बुधवार की रात करीब साढ़े 8 बजे झारखंड के जमशेदपुर में एक बड़ी वारदात हुई. कुछ गुमनाम कातिलों ने शहर के आदित्यपुर इलाके के एक अपार्टमेंट में घुस कर एक शख्स को बिल्कुल करीब से सिर में गोली मार दी और भाग निकले. आनन-फानन में कन्हैया सिंह को उठा कर अस्पताल लाया गया. लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत करार दिया गया. यानी डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में लाने से पहले ही इनकी मौत हो चुकी थी.

वैसे तो मर्डर समेत जुर्म की तमाम वारदात इन दिनों झारखंड में एक आम बात है लेकिन ये वाकया दूसरे मामलों से जुदा था. वजह ये कि जिस शख्स का क़त्ल हुआ था, उसकी गिनती ना सिर्फ शहर के बडे ठेकेदारों और दबंगों में होती थी, बल्कि वो इस शहर के सबसे बड़े बाहुबली और पूर्व विधायक मलखान सिंह (Malkhan Singh) का साला भी था. और मलखान सिंह के साले कन्हैया सिंह के कत्ल की वारदात सिर्फ जमशेदपुर ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक बड़ी बात थी.

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क्या ये मर्डर किसी गैंगवार का नतीजा था? या फिर वर्चस्व की लड़ाई का अंजाम था? ठेकेदारी का कोई विवाद था या फिर पॉलिटिकल मर्डर? या फिर कुछ और? शहर में जितनी मुंह उतनी बातें थीं. पर इस मर्डर की साजिश से जब पर्दा उठा तो सब लोग सन्न रह गए. आखिर क्या थी ये मर्डर मिस्ट्री. आखिर क्या था इस मौत के पीछे राज. एक हीरे की अंगूठी कैसे बना इस मर्डर का सबसे बड़ा किरदार. जानिए क्राइम की कहानी (Crime Story in hindi) में...

सबसे बड़े रसूखदार कन्हैया सिंह की हत्या से सनसनी

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जमशेदपुर में 29 जून की रात करीब साढ़े 8 बजे रसूखदार माने जाने वाले कन्हैया सिंह की हत्या से सनसनी फेल गई थी. कुछ देर बाद ही शहर की राजनीति गर्मा गई, पूरे शहर में पुलिस के खिलाफ धरने प्रदर्शन की शुरुआत हो गई. लोग सड़कों पर उतर आए. नारेबाजी होने लगी. कहने की जरूरत नहीं है कि पुलिस भी दवाब में आ गई. लेकिन इसी दबाव के बीच पुलिस को काम भी करना था. आनन-फानन में एसआईटी बनाई गई और पुलिस ने हर एंगल से जांच शुरू की.

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कारोबार, बदला, दबंगई, रिश्ते-नाते हर एंगल से. लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि परिवार के लोग कन्हैया सिंह के कत्ल को लेकर ना तो किसी पर कोई शक जता रहे थे और ना ही इसकी कोई वजह बता पा रहे थे. ऐसे में पुलिस ने टेक्नीकल सर्विलांस का सहारा लेना शुरू किया. आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की स्कैनिंग की गई और मोबाइल का डंप डाटा और सीडीआर भी निकाला गया.


टेक्नीकल सर्विलांस में पुलिस को इस केस का पहला सुराग मिला. असल में ये सुराग सीसीटीवी फुटेज से मिला. इस सीसीटीवी फुटेज में कन्हैया सिंह को गोली मारनेवाला कातिल बदहवास भागता हुआ दिख रहा था. हालांकि, फुटेज बहुत क्लीयर तो नहीं था, लेकिन इससे कातिल के डील-डौल और बॉडी लैंग्वेज का पता जरूर चलता था.

तस्वीरें धुंधली ही सही लेकिन इन्हीं की बदौलत जल्द ही पुलिस ने कातिल की पहचान भी कर ली. ये शहर का छंटा हुआ बदमाश और शूटर निखिल गुप्ता था. पुलिस ने जब निखिल की सीडीआर यानी कॉल डिलेट रिकॉर्ड निकलवाई, तो कहानी और साफ़ हो गई. कत्ल की सारी रात निखिल अपना लोकेशन बदलता दिख रहा था और अगले ही दिन वो शहर छोड़ चुका था.

अब कातिल के तौर पर बेशक निखिल गुप्ता का चेहरा सामने आ चुका हो, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही था कि आखिर निखिल ने कन्हैया सिंह जैसे बडे आदमी का कत्ल क्यों किया? क्या ये कत्ल किसी के इशारे पर हुआ या फिर उसकी खुद ही कन्हैया सिंह से कोई दुश्मनी थी? तो निखिल के सीडीआर ने इस सवाल का भी जवाब दिया.

निखिल की कत्ल से पहले और कत्ल के बाद लगातार एक राजवीर सिंह नाम के एक लड़के से बात हो रही थी. अब पुलिस ने राजवीर सिंह के बारे में जानकारी निकलवाई. पता चला कि राजवीर सिंह कभी आदित्यपुर में कन्हैया सिंह का पडोसी हुआ करता था और इन दिनों वो और उसका परिवार आदित्यपुर से दूर शहर के बिल्कुल दूसरे छोर पर डिमना रोड में रहता था. लेकिन राजवीर की असली पहचान ये थी कि वो कन्हैया सिंह की बेटी अपर्णा का ब्वॉयफेंड था.

असल में अपर्णा और राजवीर स्कूल में ही साथ-साथ पढ़ते थे और आठवीं क्लास से ही दोनों रिलेशनशिप में थे. तो क्या इस कत्ल से राजवीर का भी कोई लेना देना था? अगर हां तो क्या? कन्हैया सिंह यानी अपनी गर्लफेंड के पिता से भला उसकी क्या दुश्मनी हो सकती थी? और अगर इस कत्ल से उसका कोई लेना-देना नहीं था तो फिर वो कन्हैया सिंह को गोली मारनेवाले शूटर से लगातार बात क्यों कर रहा था?

अब पुलिस की टीमें शूटर निखिल गुप्ता और कन्हैया सिंह की बेटी अपर्णा के ब्वॉयफेंड राजवीर का पीछा कर रही थी. दोनों के मोबाइल फ़ोन की लोकेशन और ह्यूमन इंटेलिजेंस से पता चला कि निखिल गुप्ता जहां बनारस में छुपा बैठा है, वहीं राजवीर कोलकाता में.

दो गिरफ्तारी, पर मर्डर मिस्ट्री की पूरी कहानी रही अभी अधूरी

अब पुलिस ने बिना देर किए हुए दोनों के ठिकानों पर दबिश दी और एक-एक कर दोनों पकड़ लिए गए. निखिल बनारस से पकड़ा गया, जबकि राजवीर कोलकाता में अपने चाचा के फार्म हाउस से. गिरफ्त में आने के बाद पहले तो निखिल ने थोड़ी झूठी-सच्ची कहानियां सुनाई और फिर कबूल कर लिया कि उसी ने कन्हैया सिंह को गोली मारी थी.

लेकिन उसने इस कत्ल को अंजाम देने की जो कहानी सुनाई, वो बहुत चौंकानेवाली थी. उसने कहा कि इस कत्ल के लिए उसे सुपारी मिली थी और ये सुपारी किसी और ने नहीं बल्कि कन्हैया के बेटी अपर्णा के ब्वायफेंड राजवीर सिंह ने दी थी. उधर, ब्वॉयफेंड ने कन्हैया सिंह के कत्ल के पीछे अपना हाथ होने की बात तो कबूल कर ली और तफ्तीश में सुपारी की बात भी सही निकली.

उसने कन्हैया सिंह से अपनी दुश्मनी की बात कही और बताया कि वो पिछले तीन सालों से उसकी हत्या करने के फिराक में था और सही मौके की तलाश कर रहा था. इसी मौके की तलाश में उसकी मुलाकात निखिल गुप्ता से हुई और निखिल कन्हैया सिंह का कत्ल करने के लिए राजी गया. दोनों के पास कन्हैया सिंह से दुश्मनी की अपनी-अपनी वजहें थीं.

असल में कन्हैया सिंह को अपनी बेटी अपर्णा से राजवीर के रिश्तों का पता था. और इसी वजह से वो ना सिर्फ़ राजवीर को कई बार धमका चुका था, बल्कि उसके साथ मारपीट भी की थी. कहते तो यहां तक हैं कि उसने राजवीर को अपने बाहुबली बहनोई मलखान सिंह का नाम लेकर भी कई बार पीटा और एक बार बंदूक सटा कर जान से मारने की धमकी दी थी.

बताते हैं कि कन्हैया सिंह ने अपनी बेटी से राजवीर के रिश्तों के चलते ही उसे और उसके घरवालों को इतना टॉर्चर किया था कि वो आदित्यपुर का अपना घर छोड़ कर डिमना रोड पर आकर बसने को मजबूर हो गए थे. और कन्हैया सिंह के इस रवैये से राजवीर अंदर ही अंदर घुट रहा था.

उधर, शूटर निखिल गुप्ता की कन्हैया सिंह से दुश्मनी की अलग ही कहानी थी. निखिल गुप्ता की मानें तो कन्हैया सिंह ने उसे अपने घर के आस-पास घूमता हुआ देख कर कई बार डराया धमकाया था. यानी दोनों ही कन्हैया सिंह से खासे नाराज़ थे और उसकी दबंगई का हिसाब चुकाना चाहते थे. लेकिन क्या कहानी इतनी भर थी? खुद पूर्व विधायक मलखान सिंह को इस कहानी पर पूरी तरह यकीन नहीं था.

बल्कि उनका तो कहना था कि इस कत्ल के पीछे कोई बहुत बड़ी साजिश है, जिन्होंने उन्हें कमजोर करने के लिए उनके साले कन्हैया सिंह का कत्ल करवा दिया. और तो और उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए असली कातिलों की पहचान बताने या उनका सुराग़ देनेवालों को अपनी तरफ से एक लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान भी किया.


लेकिन जब कत्ल के पीछे की असली कहानी सामने आई तो हर कोई सन्नाटे में आ गया. खुद कन्हैया सिंह के घरवालों के लिए इस कहानी पर यकीन करना मुशिकल था. इस क़त्ल के दो किरदार तो पकड़े जा चुके थे, लेकिन इसमें और भी कई किरदार थे और इन्हीं किरदारों में सबसे अहम और सबसे चौंकानेवाला किरदार अपर्णा सिंह का था.

यानी मारे गए बाहुबली कन्हैया सिंह की बेटी. पुलिस ने जब इस कत्ल की साजिश से पर्दा उठाया तो खुद कन्हैया सिंह की बेटी अपर्णा सिंह का चेहरा भी कातिल के तौर पर बेनकाब हो गया. अपर्णा सिंह ना सिर्फ अपने पिता के कत्ल की साजिश में शामिल थी, बल्कि पुलिस की मानें तो वो अपने आशिक और कातिलों को अपने पिता के मूवमेंट की पल-पल की खबर दे रही थी.

यानी जो बेटी अपने पिता के कत्ल के बाद सबसे ज़्यादा दुखी नजर आ रही थी, रोने और बिलखने का नाटक कर रही थी, उसी ने अपने पिता का कत्ल करवाया था? यकीनन इस कहानी पर यकीन करना मुश्किल था. यानी ये कत्ल की ऐसी कहानी थी जिसमें एक बाहुबली की मौत की वजह कोई दूसरा बाहुबली या वर्चस्व की लड़ाई नहीं, बल्कि घर की बेटी थी.

जो लोग अब तक इस कत्ल को सियासी साजिश बताकर पुलिस पर दबाव बना रहे थे, पुलिस की तफ्तीश में अपर्णा सिंह का नाम सामने आने के बाद मानों उनको भी सांप सूंघ गया था. लेकिन आखिर क्यों करवाया एक बेटी ने अपने ही पिता का कत्ल? कैसे रची गई ये साज़िश? कैसे दी गई कत्ल की सुपारी? कैसे सामने आई पूरी कहानी? ये सब भी कम चौंकानेवाला नहीं था.


अब शूटर और मास्टरमाइंड ब्वॉयफेंड को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी थी, लेकिन उस बेटी का अभी पकड़ में आना बाकी था, कत्ल की ये पूरी साज़िश जिसके इर्द-गिर्द घूम रही थी. झारखंड पुलिस के लिए मकतूल बाहुबली कन्हैया सिंह की बेटी को खुद उसके पिता के कत्ल के इल्ज़ाम में गिरफ्तार करना भी एक बड़ी चुनौती थी.

लेकिन पुलिस के पास उसके खिलाफ इतने मजबूत सबूत थे कि आखिरकार अपर्णा सिंह को उसके बिहार के पुश्तैनी मकान से गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी गिरफ्तारी के साथ ही कत्ल की इस वारदात से जुड़ी एक से बढ़ कर एक जानकारियां सामने आने लगीं.

अब पूरी मर्डर मिस्ट्री की कहानी कुछ इस तरह की निकलकर सामने आई. पता चला कि कन्हैया सिंह के कत्ल वाली रात खुद उसकी बेटी अपर्णा सिंह ने ही अपने पिता की लोकेशन के बारे में शूटरों को जानकारी दी थी. असल में कन्हैया की जान लेने के लिए शूटर निखिल गुप्ता अपने दो साथियों के साथ कन्हैया सिंह की अपार्टमेंट की छत पर घात लगाए उसका इंतजार कर रहा था.

उनके पास गन के साथ-साथ चाकू और चापड़ जैसे हथियार भी थे कि अगर कहीं गोली मिसफायर हो जाए, तो कन्हैया सिंह पर चापड़ से वार किया जाए. उधर, शूटर कन्हैया सिंह के घर आने का इंतजार कर रहे थे. इधर, ब्वॉयफेंड राजवीर ने कन्हैया सिंह की बेटी अपर्णा से उसके पिता की लोकेशन पूछी. बेटी ने पिता को फोन कर लोकेशन लिया और ब्वॉयफेंड को बता दिया. ब्वॉयफेंड ने शूटरों को ये जानकारी दे दी.

यही वजह है कि जैसे ही कन्हैया सिंह अपनी बिल्डिंग में पहुंचे तभी छत के रास्ते से नीचे उतरे कातिलों ने उस पर हमला कर दिया. उसे करीब से गोली मारी गई और कातिल अलग-अलग दिशाओं में भाग निकले. और तो और कन्हैया सिंह के बॉडीगार्ड तक को संभलने का मौका नहीं मिला. बेटी की सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड से भी ये बात साफ़ हो गई कि उसने ही पूरी कत्ल की साजिश में शामिल रही थी.

छानबीन में पता चला कि कन्हैया सिंह का कत्ल बेशक 29 जून को हुआ, लेकिन उसकी मौत के परवाने पर बेटी के दस्तख्त पहले ही हो चुके थे. कन्हैया सिंह को 20 जून को भी टारगेट किया गया था. लेकिन किस्मत से उसकी जान बच गई. असल में उस रोज़ अपर्णा का परिवार बिहार के सोनपुर में था. जबकि उसका ब्वॉयफेंड और शूटर कन्हैया की जान लेने के लिए पूरी तरह तैयार थे.

इसी साजिश के मुताबिक 20 जून को ब्वॉयफेंड राजवीर, शूटर निखिल गुप्ता और उसके दो साथियों को लेकर सोनपुर पहुंच गया था. और तब कन्हैया की बेटी अपर्णा ने ही अपने पिता की लाइव लोकेशन अपने ब्वॉयफेंड और शूटर्स को दी थी.

लेकिन सोनपुर के पारिवारिक प्रोग्राम में भीड़ भाड़ होने की वजह से कातिलों ने उस रोज कन्हैया सिंह को गोली मारने का प्लान टाल दिया था. इसके बाद 29 जून को फिर से कन्हैया सिंह को टारगेट करने की तैयारी की गई और इस रोज़ शूटर अपने मिशन में कामयाब हो गए.

इस मर्डर में बेटी और हीरे की अंगूठी का ये है कनेक्शन

Murder Mystery Story in Hindi : अब सवाल ये था कि आख़िर अपर्णा ने अपने पिता के कत्ल में अपने ब्वॉयफेंड का साथ क्यों दिया? तो जवाब है कन्हैया सिंह राजवीर से मिलने जुलने के जुर्म में अपनी बेटी के साथ भी अक्सर मारपीट करते थे. वो अपर्णा की शादी कहीं और कराना चाहते थे और वो इसके लिए तैयार नहीं थी.

ऐसे में जब जब राजवीर उसे उसके पिता कन्हैया का कत्ल करा देने की बात कहता, वो उसका साथ देती और इस काम को जल्द से जल्द अंजाम देने के लिए उस पर दबाव बनाती. यहां तक कि राजवीर ने शूटर निखिल से बातचीत कर लेने की बात और इसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी कन्हैया की बेटी अपर्णा को सबूत के तौर पर भेजी थी.

सितम देखिए कि बेटी ने खुद ही अपने हाथों से अपने बाप के नाम की सुपारी दी. असल में कन्हैया ने अपनी बेटी अपर्णा को उसके बर्थ डे पर करीब एक लाख रुपये कीमत वाली एक हीरे की अंगूठी गिफ्ट में दी थी और अपर्णा ने यही अगूंठी अपने ब्वॉयफेंड राजवीर को दी और राजवीर ने सुपारी के तौर पर ये अंगूठी शूटर निखिल गुप्ता को दे दी.

उसने शूटर को कुछ और रुपये भी दिए थे. चूंकि शूटर पहले ही कन्हैया से खफा था, तो एक अदद हीरे की अंगूठी के बदले में ही उसने कन्हैया सिंह को गोली मार दी. और इस तरह एक बेटी ने ही अपने पिता का कत्ल करा दिया.

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