Supreme Court News: Alt न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ी राहत दी है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने मोहम्मद जुबैर को बड़ी राहत देते हुए उसके खिलाफ दर्ज पांच मामलों में उन्हें संरक्षण दिया। कोर्ट ने सुनवाई के बार यूपी पुलिस से राज्य में 5 FIR पर कार्रवाई नहीं करने के आदेश जारी किए।
सुप्रीम कोर्ट ने दी मोहम्मद ज़ुबैर को बड़ी राहत, UP पुलिस को नोटिस देकर जवाब तलब किया
18 Jul 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:22 PM)
Mohammed Zubair and Supreme Court: देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने ALT News के सह संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर (Mohammad Zubair) को बड़ी राहत (Big Relief) प्रदान की है।
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मोहम्मद जुबैर ने यूपी में दर्ज सभी 6 FIR रद्द करने की माँग वाली याचिका पर राहत के बाद कोर्ट अब बुधवार को आगे की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक तरह से फटकार लगाते हुए कहा है कि एक के बाद एक FIR का दर्ज होना वाकई परेशान करने वाला है।
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सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि यूपी में दर्ज पांच FIR में जुबैर पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी। मोहम्मद जुबैर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करके उत्तर प्रदेश पुलिस से जवाब तलब किया है।
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीतापुर मामले में जुबैर को ज़मानत मिली उसके बाद दिल्ली के मामले में जमानत मिल गई लेकिन इसी बीच दूसरी FIR दर्ज कर दी गई।
इससे पहले मोहम्मद जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के सामने याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। लेकिन उसी समय सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तत्काल सुनवाई की मांग का विरोध किया। तुषार मेहता का कहना था कि इस मामले को आज मत सुनिये इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई कीजिएगा।
इस पर मोहम्मद जुबैर के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एक मामले में ज़मानत दे दी है। लेकिन उसके बाद मोहम्मद जुबैर पर एक के बाद एक कई मामले दर्ज कर दिए गए। और सबसे हैरानी की बात ये है कि हरेक मामले में उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया। इसके अलावा वृंदा ग्रोवर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में ये बात भी लाईं कि मोहम्मद जुबैर को लगातार जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं, और इन धमकियों के मद्देनज़र जुबैर की जान को खतरा है।
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मोहम्मद जुबैर के खिलाफ हाथरस में दो, लखीमपुरखीरी में एक, सीतापुर में एक ग़ाजियाबाद में एक मामला दर्ज हुआ जबकि सीतापुर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोटेक्शन दे दिया। और दिल्ली के मामले में जमानत दी जा चुकी है।
ये ग़ौर तलब है कि जुबैर के ख़िलाफ IPC की 298 ए यानी किसी की धार्मिक आस्था को जानबूझकर चोट पहुँचाने के साथ साथ IT एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इन धाराओं में ज़्यादा से ज़्यादा तीन साल की सज़ा का प्रावधान है...ऐसे में जांच का क्या औचित्य रह जाता है।
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