Delhi Crime: ईडी के फर्जी नोटिस वाले स्पेशल 26 गैंग का पर्दाफाश, असम राइफल्स के हेड कांस्टेबल सहित नौ गिरफ्तार

TANSEEM HAIDER

17 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:30 PM)

Delhi News: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने देश के बड़े व्यापारियों को ईडी का फर्जी समन भेज कर करोड़ों रुपए की धन उगाही करने वाले गैंग का खुलासा किया, सैकड़ों लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं।

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Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने दिल्ली समेत देश के बड़े व्यापारियों (Businessman) को ईडी (ED) का फर्जी समन (Notice) भेज कर करोड़ों रुपए की धन उगाही करने वाले गैंग का खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी देश भर में सैकड़ों लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं।

क्राइम ब्रांच ने अब तक इस मामले में असम राइफल्स के एक हेड कांस्टेबल को भी गिरफ्तार किया है। स्पेशल सीपी क्राइम रविंद्र यादव ने बताया कि इस वसूली गैंग में दिल्ली की एक वकील भी शामिल है। पुलिस अफसरों के मुताबिक वकील समेत कुछ और लोगों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

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पुलिस ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड के कब्जे से 12 मोबाइल फोन और एक कार बरामद की गई है।  क्राइम ब्रांच ने मुंबई, वेस्ट बंगाल, यूपी और दिल्ली में छापेमारी कर अब नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। मुंबई के एक बड़े बिजनेसमैन ने शिकायत में बताया था कि कुछ लोग ED का फर्जी नोटिस भेजकर उससे करोड़ों रुपये की मांग कर रहे हैं। व्यापारी की शिकायत पर बाद क्राइम ब्रांच ने जांच करते हुए इस गैंग का पर्दाफाश किया।

स्पेशल 26 से प्रभावित गैंग का खुलासा। पुलिस ने अखिलेश मिश्रा, दर्शन हरीश, विनोद, धर्मेंद्र, नरेश, असरार, विष्णु, देवेंदर और गजेंद्र को गिरफ्तार किया है। दरअसल निप्पॉन इंडिया पेंट्स लिमिटेड के अध्यक्ष हरदेव सिंह को ईडी से 02 नोटिस मिले थे। उनके साथी को अखिलेश मिश्रा नाम के युवक ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है और जल्द ही वे गहरी मुसीबत में फंस जाएंगे।

शिकायतकर्ता को फिर वही नोटिस स्पीड पोस्ट के माध्यम से मिला। जिसके बाद हरदेव सिंह ने आरोपियों से संपर्क किया और आरोपियों ने नोटिस रद्द करने के लिए शुरू में 2-3 करोड़ रुपये की फिरौती मांग की और दिल्ली के अशोका होटल में मिलने को कहा। जिसके बाद हरदेव सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी।

आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की पहली टीम द अशोका होटल पहुंची और आरोपी अखिलेश मिश्रा और दर्शन हरीश जोशी को होटल के लाउंज से पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उनके तीन सहयोगी उसी होटल के एक कमरे में मौजूद थे। टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए होटल के कमरे में छापेमारी की और मौके से विनोद कुमार पटेल, धर्मेंद्र कुमार गिरि और नरेश महतो को गिरफ्तार कर लिया।

विनोद कुमार पटेल ने आगे खुलासा किया कि तीन और सहयोगी उनसे क्लासिक चिकन कॉर्नर, खान मार्केट, दिल्ली में मिलेंगे। क्राइम ब्रांच की टीम ने आगे चलकर क्लासिक चिकन कॉर्नर पर छापा मारा और खान मार्केट से असरार अली, विष्णु प्रसाद और देवेंद्र कुमार दुबे को गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही नए तथ्य सामने आए पुलिस टीम ने एलआर टैक्सी स्टैंड, निजामुद्दीन भोगल पर छापा मारा और एक और आरोपी गजेंद्र उर्फ गड्डू को गिरफ्तार कर लिया अवैध धंधे में इस्तेमाल की जा रही एक मारुति सियाज कार बरामद कर ली।

आरोपी अखिलेश मिश्रा गैंग का सरगना है जिसका जन्म यूपी के बलिया में हुआ था। वर्ष 1963 में 10वीं तक ही पढ़ाई की। बाद में, वह मुंबई चली गया और एक सेल्समैन के रूप में काम करने लगा। इस मामले में आरोपी अखिलेश मिश्रा ने शिकायतकर्ता को कॉल और मैसेज करना शुरू कर दिया और उसे प्रवर्तन निदेशालय में आने वाली समस्याओं के बारे में धमकी दी। उन्होंने शिकायतकर्ता को मंत्रालयों और प्रवर्तन निदेशालय में अपने संबंधों के माध्यम से उनकी मदद करने का आश्वासन दिया।

वह ईडी को समन भेजने के लिए सह आरोपी व्यक्तियों धर्मेंद्र कुमार गिरि, नरेश महतो, अरुण सिंह और विनोद पटेल के संपर्क में था। आरोपी दर्शन हरीश जोशी का जन्म साल 1980 में मुंबई के मुलुंड में हुआ था और वह 10वीं तक ही पढ़ा है। वह केमिकल का कारोबार करता है। वह आरोपी अखिलेश मिश्रा का करीबी है और फर्जी छापेमारी के दौरान अपने शिकार से बात करता था और दहशत का माहौल बनाने की कोशिश करता था। 

आरोपी विष्णु प्रसाद का जन्म देवरिया यूपी में हुआ था। वह 54 साल का है और लोकसभा के एक पूर्व सांसद के पीए के रूप में काम करता था।  है। कोरोना काल में उसकी नौकरी चली गई और बेरोजगार हो गया था। अभियुक्त देवेन्द्र कुमार दुबे 2006 में असम राइफल्स में चयनित हुआ था। आरोपी देवेंद्र कुमार दुबे ईडी के डीडी की भूमिका निभाता था।

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