Begusarai Firing : बेगूसराय में अमेरिका की तरह फायरिंग क्यों? इसके पीछे साइको या बाहुबली?

SUNIL MAURYA

14 Sep 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:26 PM)

Bihar Begusarai Firing : अमेरिका की तरह बिहार के बेगूसराय में मास फायरिंग (Mass Firing) क्यों हुई. इसके पीछे की वजह क्या है. बेगूसराय फायरिंग (Begusarai Firing) की कहानी के पीछे क्या है वजह. जानें

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Bihar Begusarai Firing News : करीब 28 किमी तक के हाइवे पर 40 मिनट तक कुल 24 राउंड फायरिंग. 1 शख्स की मौत और 10 लोग घायल. ऐसा हाल के महीनों में अमेरिका में ही घटनाएं देखने को मिलीं. लेकिन इंडिया में हाल के कई दशकों में ऐसी घटना नहीं हुई. लेकिन बिहार के बेगूसराय में हुई इस घटना ने पटना से लेकर दिल्ली तक को डरा दिया. मीडिया में इसी घटना की चर्चा है.

बेगूसराय में दो बाइक पर सवार 4 संदिग्ध लोग. बाइक के पीछे बैठे युवकों ने की फायरिंग. जिसे निशाना बनाया उनसे इनका कोई लेनादेना नहीं था. बस फायरिंग करते रहे. आखिर इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है. क्या वो साइको किलर थे. या फिर इनका मकसद उस एरिया में अपने वर्चस्व को कायम करना था. या फिर सिर्फ हथियार मिलने की सनक में फायरिंग की. ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब को क्राइम तक (CRIME TAK) ने समझने की कोशिश की है.  

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Begusarai firing Report : बिहार की राजधानी पटना से ठीक 97 किलोमीटर दूर बेगूसराय के बछवाड़ा थाना क्षेत्र के गोधना इलाके में 13 सितंबर की शाम करीब 5 बजे दो बाइक पर सवार 4 लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग की. ये फायरिंग करीब 28 किमी तक 40 मिनट तक हुई. इस तरह की मास फायरिंग की घटना इंडिया में देखने को नहीं मिलती हैं. ये भी कहा जा रहा है कि किसी बड़े आतंकी गुट या फिर उग्रवादियों को छोड़ दिया जाए तो बदमाशों की तरफ से की गई ये घटना पहली बार है.

 इस बारे में यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह (Ex DGP Vikram Singh) बताते हैं कि वाकई ऐसी घटना अभी तक इंडिया में किसी बदमाश ने नहीं की है. जिसमें 40 मिनट तक करीब तीस किलोमीटर की दूरी तक फायरिंग की गई हो. बेगूसराय फायरिंग को इन सवालों के जरिए आसान भाषा में समझते हैं.

सवाल : बेगूसराय फायरिंग क्या साइको किलर ने की है?

बेगूसराय फायरिंग (Begusarai Firing) को किसी साइको किलर (Psycho Killer) या साइकोपैथ (psychopath) की हो सकती है? इस सवाल के पूछे जाने पर रिटायर्ड आईपीएस अफसर विक्रम सिंह ने क्राइम तक को बताया...

मुझे नहीं लगता है कि ये किसी साइको किलर की वारदात है. क्योंकि साइको किलर अगर ऐसी घटना करता तो वो अकेले ही होता और ताबड़तोड़ फायरिंग करता. इस वारदात में दो बाइक पर चार लोगों को बताया जा रहा है. ऐसे में 4 लोग किसी एक साइको की बातों में आकर ऐसी वारदात नहीं करते.

सवाल : अगर साइको किलर क्राइम के पीछे नहीं तो कौन हो सकता है?

यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह बताते हैं कि...

मुझे लग रहा है कि इसके पीछे किसी दबंग या फिर जुर्म की दुनिया में खुद को बाहुबली बताने वाले का हाथ हो सकता है. क्योंकि जिस तरह से 4 लोग मिलकर बाइक पर घूमते हुए फायरिंग करते हैं उससे साफ है कि वो खुद को एरिया का नया रंगबाज घोषित करना चाहते थे. वो अपनी बादशाहत और लोगों में डर का माहौल बनाने के लिए ऐसी घटना की है. जिससे ये क्रिमिनल की दुनिया में मैसेज दे सकें कि अब यही बदमाश सबसे ताकतवर हैं.

सवाल : 40 मिनट तक फायरिंग की घटना क्या इंडिया में पहली बार हुई है?

 इस सवाल के जवाब में यूपी के पूर्व डीजीपी ने बताया कि...

अगर हाल के कुछ वर्षों की बात करें तो ये बिल्कुल सही है. क्योंकि इससे पहले 1984 के बाद पंजाब में जब चरमपंथी ही ऐसी अंधाधुंध फायरिंग करते नजर आए थे. अब इस घटना की पंजाब में हुई चरमपंथी वाली घटना से तुलना नहीं कर सकते. इसके साथ ही ऐसी घटना को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बड़े-बड़े गैंगस्टर ने अंजाम दिया लेकिन इनमें भी 40 मिनट तक 30 किमी के दायरे में फायरिंग नहीं हुई. इसलिए किसी बदमाशों के ग्रुप की तरफ से ऐसी घटना को पहली बार कहा जा सकता है.

सवाल : अमेरिका में हथियार आसानी से मिलते हैं लेकिन इंडिया में नहीं, फिर ये कैसे हुआ?

Begusarai firing News : आपको बता दें कि अमेरिका में हथियार ठीक वैसे ही आसानी से मिल जाते हैं जैसे इंडिया में खिलौने या खाने की सब्जियां. लेकिन इंडिया में हथियार को खरीदने से लेकर उसे रखने के लिए कड़े नियम-कानून हैं. यही वजह है कि अमेरिका में अक्सर मास फायरिंग की घटनाएं सामने आती हैं. लेकिन इंडिया में नहीं. लेकिन बिहार के बेगूसराय में हुई इस मास फायरिंग की घटना ने सवाल जरूर उठा दिया है कि आखिर बदमाशों के पास ऐसे हथियार आसानी से कैसे पहुंच रहे हैं. इस पर रिटायर्ड आईपीएस अफसर विक्रम सिंह कहते हैं कि..

बिहार का मुंगेर अब पूरे देश में हथियारों की सप्लाई कर रहा है. पहले यहां के हथियार उतने कारगर नहीं होते थे लेकिन अब ज्यादा कारगर साबित हो रहे हैं और उनकी सप्लाई सिर्फ बिहार नहीं बल्कि पूरे देश में है. खासतौर पर दिल्ली और उससे सटे शहरों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मुंगेर के हथियारों की सप्लाई हो रही है. ऐसे में बिहार में आसानी से ऐसे हथियार लेकर ऐसी घटना को अंजाम दिया जा सकता है.

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