
Life of sex workers in Japan : बेशक आप इस बात से तो वाक़िफ़ होंगे कि भारत में पोर्नोग्राफ़िक पर बैन है यानी क़ानूनी तौर पर हम भारत में ना ब्लू फिल्म (BLUE FILM) बन सकती हैं और ना ही उसे सार्वजनिक तौर पर देखा जा सकता है.
लेकिन दुनिया के कई देश ऐसे भी हैं जहां, धड्डल्ले से पार्न मूविज बनती और सर्कुलेट होती हैं. उन्हीं देशों में से एक देश है जापान (JAPAN) जहां हाल में पोर्न मूविज को लेकर एक ऐसा क़ानून आया जो पुरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. (NEW LAW PASSED IN JAPAN PARLIAMENT)
दरअसल, हम बात कर रहे हैं जापान में पोर्न मूवीज बनाने के नाम पर कम उम्र की लड़कियों पर हो रहे अत्याचार और हिंसा की...
बता दें कि जापान में पोर्न मूवीज बनाने की उम्र को 20 साल से घटाकर 18 कर दिया गया था. जिसके बाद से ही वहाँ छोटी उम्र की लड़कियों पर अत्याचार (MOLESTATION) में इज़ाफ़ा हो गया था. अत्याचार इस कदर बढ़ गया था कि कई पीड़ित (VICTIMS) लड़कियों ने ख़ुद पर हुई ज़्यादती के बारें में सार्वजनिक तौर पर इसका खुलासा किया.
उन्हीं में से एक है माइकों. माइकों ने दस साल पहले अपनी पुरानी नौकरी से परेशान होकर, ज़्यादा पैसे कमाने की चाहत में पॉर्न इंडस्ट्री (PORN INDUSTRY) में कदम रखा. जहां पॉर्न फिल्म बनाने के लिए उन्हें हर महीने क़रीब 6 लाख रुपए सेलरी मिलने लगी.
लेकिन कुछ ही समय बाद माइकों पर क़रीब 10 से 50 मर्दों को एक साथ रख पॉर्न मूवी बनाने का दबाव बनाया गया. और जब माइकों ने इसके लिए ना कहा तो उन्हें ब्लैकमेल किया गया कि उनके पॉर्न वीडियोज को घरवालों के साथ साझा कर दिया जाएगा और उन्हें नौकरी कान्ट्रेक्ट तोड़ने पर भारी भरकम जुर्माना चुकाना पड़ेगा.
जिसके बाद मजबूरन माइकों को कई मर्दों के साथ पॉर्न मूवीज (Porn Movies) बनानी पड़ी, माइकों ने बताया कि ये काम उनके लिए बहुत मुश्किल था जिसके लिए उन्हें ड्रग्स और एलकहॉल का सेवन भी करना पडा. जिसका असर उसकी मैंटल हेल्थ (MENTAL HEALTH) पर भी हुआ.
आपको बता दें कि माइकों का ये केस जापान का पहला ऐसा मामला नहीं, जापान में कई ऐसे कैस सामने आए जिसमें कम उम्र के लोगों को पोर्नोग्राफ़िक में लाया गया और फिर उसी में रहने का दबाव बनाया गया. और इसके लिए ना करने पर उन्हें जुर्माना वसूलने, ब्लैकमेलिंग करने जैसी कई चीजों से धमकाया भी गया.
बहरहाल, इन सब के बाद जापान की संसद में पॉर्न इंडस्ट्री को रेगुलेट करने के लिए हाल में एक बिल पेश किया गया. जो जून महीने के अंत में जापान की ऊपरी सदन में पास होना है. अगर ये बिल पास हो जाता है तो पॉर्न मूवीज के डायरेक्टर्स को नियम के विरुद्ध शुट किए गए सभी वीडियोज को डिलिट करना होगा.
बिल के नियम के अनुसार लोग पॉर्न मूवी बनाने का अपना कांट्रेक्ट एक साल के अंदर कैंसल कर सकते हैं. साथ ही कांट्रेक्ट साइन करने और शुटिंग के बीच एक महीने का समय होना चाहिए और शूटिंग और पब्लिक रिलीज़ के बीच चार महीने का.
साथ ही एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस क़ानून से यंगस्टर्स को पॉर्न इंडस्ट्री में जाने से बचाया जा सकेगा.