Delhi Police Artificial intelligence Case: मृतक की तस्वीर तो साफ थी तो फिर एआई की मदद कैसे ली गई?
Delhi Police Solved Case Through Artificial intelligence: दिल्ली पुलिस ने एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हत्या के मामले को बेशक सुलझा लिया, लेकिन इस हत्याकांड की वजह ने सबको चौंका दिया।
ADVERTISEMENT
Delhi Police Solved Case Through Artificial intelligence: दिल्ली पुलिस ने एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हत्या के मामले को बेशक सुलझा लिया, लेकिन इस हत्याकांड की वजह ने सबको चौंका दिया। इस मामले की जांच नार्थ डिस्ट्रिक की कोतवाली थाना पुलिस कर रही थी। 10 दिसंबर को ये शव पुलिस को बरामद हुआ था। इसकी बाद पुलिस ने एआई तकनीक और दूसरे तरीकों के जरिए मृतक की पहचान की और उसके परिवार वालों से संपर्क साधा। North District के डीसीपी मनोज मीणा ने बताया कि 72 घंटों के अंदर-अंदर परिवार वालों को हितेंद्र के बारे में पता चल गया था और उनकी मौजूदगी में ही शव का दाह-संस्कार किया गया।
अमूमन इस तरह के मामलों में पुलिस 72 घंटों तक इंतजार करती है और उसके बाद शव को लावारिस मानकर उसका दाह संस्कार कर दिया जाता है, लेकिन सच्चाई ये है कि जब पुलिस ने बाद में मृतक के पोस्टर्स लगवाए, तब जाकर उसके परिजनों ने ये दावा किया कि हितेंद्र उनके परिवार का सदस्य था। इस तरह के मामलों में पुलिस मृतक की पहचान के लिए न केवल उसके पोस्टर्स छपवाती है, बल्कि अखबारों में फोटो छपवाती है, साथ-साथ पुलिस के Whats app ग्रुप में ये फोटो शेयर की जाती है। सभी थानों को सूचना दी जाती ताकि वो चेक कर सके कि क्या इससे संबंधित कोई शिकायत थाने में आई है या नहीं? इस केस में भी ऐसा ही हुआ, लेकिन सवाल ये है कि
शव की तस्वीर तो साफ थी फिर एआई की मदद कैसे ली गई?
ADVERTISEMENT
Artificial intelligence: दरअसल, 10 जनवरी को दिल्ली पुलिस को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे एक युवक की बॉडी मिली। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस को पता चला की हत्या गला दबाकर की गई है, लेकिन बॉडी के पास से ऐसा कोई भी निशान या पहचान पत्र नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान हो सके। पुलिस समझ चुकी थी कि कातिल ने बेहद शातिर तरीके से लाश को ठिकाने लगाने के लिए गीता कॉलोनी फ्लाई ओवर के नीचे का इलाका खोजा था। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी समस्या बॉडी के पहचान की थी, लेकिन चेहरा इस हालत में नहीं था कि उसकी फोटो देखकर कोई आसानी से उसे पहचान सके। इसके लिए उत्तरी दिल्ली पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली। पुलिस का दावा है कि उन्होंने एआई की मदद से लाश के चेहरे को कुछ इस तरीके से दिखाया कि जब उसकी आंखें खुली हो या वह ठीक हालत में होगा तो कैसा दिखता होगा?
North District Police: इस कवायद के बाद उस तस्वीर की पुलिस ने पोस्टर्स बनवाएं और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में उसे पोस्टर को लगवा दिया। थानों में पोस्टर्स को शेयर किए और व्हाट्सएप ग्रुप में भी शेयर किए गए। पुलिस ने कुल पांच सौ पोस्टर्स छपवाए थे। खास बात ये थी कि पुलिस ने एआई की मदद से ही लाश का बैकग्राउंड भी यमुना नदी से बदल दिया था। पुलिस ने बाहरी दिल्ली की छावला इलाकों में भी इन पोस्टर्स को लगवाया था।
ADVERTISEMENT
...जब छावला थाने के पास से आया कॉल
ADVERTISEMENT
छावला थाने के बाहर लगे पोस्टर से पहचान के बाद दिल्ली पुलिस के पास एक कॉल आई। कॉलर ने दिल्ली पुलिस को बताया कि यह फोटो उनके बड़े भाई हितेंद्र की है। दिल्ली पुलिस ने कोतवाली थाने में कत्ल का केस पहले ही दर्ज कर लिया था। एक बार पहचान हो जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने हितेंद्र की प्रोफाइल की जांच की उनके आसपास के लोगों से पूछताछ की ताकि जांच आगे बढ़ सके।
महिला समेत चार लोग थे हत्या में शामिल
पहचान हो जाने के बाद जब पुलिस ने केस की जांच को आगे बढ़ाया तो पुलिस को पता लगा कि तीन युवकों के साथ हितेंद्र का किसी बात पर झगड़ा हुआ था। पुलिस ने जब लोकेशन की जांच की और दूसरे सुराग जुटाए तो पुलिस को पता लगा कि उन तीन युवकों ने ही हितेंद्र की गला दबाकर हत्या की थी और फिर लाश को ठिकाने लगा दिया था। पुलिस को पता लगा कि सुराग छुपाने के मामले में एक महिला ने भी उनकी मदद की है, जिसके बाद पुलिस ने उसे महिला को भी गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।
कैसे सुलझा हत्या का ये मामला?
पुलिस ने इस मामले में जेम्स, राकी, एनी और विपिन को निहाल विहार एरिया से अरेस्ट किया। जांच में ये बात सामने आई कि मृतक हितेंद्र की महिला मित्र रुबी से जेम्स दोस्ती करना चाहता था। दोनों का इस बात पर विवाद भी हुआ था। ये भी पता चला है कि इस गिरोह के तार वाइफ स्वैपिंग गिरोह से जुड़े हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, 9 दिंसबर को भी विवाद हुआ था। दिल्ली के चंद्र विहार स्थित फ्लैट में ये विवाद हुआ था। इसके बाद जेम्स ने अपनी महिला मित्र एनी और दोस्त राकी के साथ मिलकर हितेंद्र की हत्या कर दी थी। इस साजिश में बाद में विपिन भी शामिल हो गया था। इसके बाद विपिन की कैब में शव डालकर उसे गीता कालोनी फ्लाईओवर के नीचे फेंक दिया था। अगले दिन यानी 10 दिसंबर को शव मिला था। अब जाकर पुलिस ने मामला सुलझाया है।
ADVERTISEMENT