...जब हनुमान जी को कोर्ट में घसीटा, कोर्ट ने कहा- भगवान को बीच में मत लाओ

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विवाद दो इंसानों का, बीच में आए संकटमोचन!

Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में निजी मंदिर विवाद में संकटमोचन हनुमान को ही पक्षकार यानी वादी (Hanuman Ji was Made a Party in Court) बना दिया गया। एक निजी मंदिर के विवाद में संकटमोचन हनुमान को ही पक्षकार यानी वादी बना दिया गया। इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के जस्टिस सी हरि शंकर की बेंच में हुई।

दिल्ली के सूरज मलिक की निजी जमीन पर मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में भगवान संकटमोचन हनुमान, भगवान शिव जी, श्री राम दरबार, देवी दुर्गा माता जी, भगवान किशन जी विराजमान है। इस मंदिर में सामान्य लोग भी पूजा करने आते हैं। ये बात अंकित मिश्रा नाम के शख्स को ठीक नहीं लगी। उन्होंने इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। 

अंकित मिश्रा ने दाखिल की थी याचिका

याचिका में आरोप लगाया गया कि सूरज मलिक द्वारा आम व्यक्ति की पूजा अर्चना पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें हनुमान जी को भी अपीलकर्ता बना दिया गया। सवाल ये है कि आखिर अंकित ने ऐसा क्यों किया?  

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ये कहा हाईकोर्ट ने

हाईकोर्ट ने कहा कि निजी मंदिर में जनता द्वारा केवल पूजा-अर्चना करने से यह सार्वजनिक मंदिर नहीं बन जाता, लिहाजा याचिका खारिज की जाती है। अदालत ने कहा अंकित मिश्रा का यह दावा कि वो भगवान हनुमान का बचाव करने के हकदार हैं, सरासर गलत है। कोर्ट ने उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। अदालत ने अंकित मिश्रा की अपील (Lord Hanuman in Court) को तुरंत खारिज कर दिया और उसे सूरज मलिक को लागत का भुगतान करने का आदेश दिया।

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