सिर पर बांधी पगड़ी... बाइक पर रखी लाश; दो भाइयों ने मालिक का कत्ल कर 20 किमी दूरी तय कर ठिकाने लगाया शव, किस बात की दी ‘सजा’?
UP News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दो भाइयों ने अपने मकान मालिक की क्रूरता से हत्या कर दी और शव को नहर में फेंक दिया. आरोपियों ने मकान मालिक की हत्या इसलिए की क्योंकि वह मकान को खाली करवा कर किसी और को देने वाले थे.
ADVERTISEMENT
UP News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दो भाइयों ने अपने मकान मालिक की क्रूरता से हत्या कर दी और शव को नहर में फेंक दिया. आरोपियों ने मकान मालिक की हत्या इसलिए की क्योंकि वह मकान को खाली करवा कर किसी और को देने वाले थे. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. यह घटना आलमबाग के रामनगर इलाके की है. वर्तमान में पुलिस मृतक के शव को गोताखोरों की मदद से शारदा नहर में खोज रही है.
मकान कब्जाने के लिए मालिक को मार डाला
जानकारी के अनुसार, आशियाना के एल्डिको उद्यान में रहने वाले 70 वर्षीय वीरेंद्र नरूला के दोनों बेटे सिद्धार्थ और गौरव अलग-अलग शहरों में काम करते हैं. उनका पुराना मकान आलमबाग के रामनगर इलाके में है, जहां एक परिवार किराए पर रहता है. 11 अगस्त को वीरेंद्र ने अपनी पत्नी अमला से कहा कि वह किराया लेने के लिए बाइक पर जा रहे हैं, लेकिन वह वापस नहीं लौटे. इसके बाद सोमवार को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई.
मकान-मालिक की हत्या कर धोया खून
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और किरायेदार सुखविंदर उर्फ विक्की और उसके भाई अजीत को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने वीरेंद्र की हत्या की और शव को गोसाईंगंज की शारदा नहर में फेंक दिया. सुखविंदर प्रॉपर्टी डीलर है और अजीत सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम करता है.
ADVERTISEMENT
14 हजार किराया मांगा तो दिया धक्का
जांच में पता चला कि सुखविंदर का परिवार 14 साल से किराए पर रह रहा था. 11 अगस्त को वह अपने भाई के साथ घर पर था. उस दिन दोपहर को वीरेंद्र एक ब्रोकर के साथ वहां पहुंचे, लेकिन ब्रोकर के जाने के बाद वीरेंद्र भी घर की ओर लौटे. इस दौरान सुखविंदर और अजीत ने किराया न देने के कारण वीरेंद्र से झगड़ा किया. विवाद बढ़ने पर दोनों ने वीरेंद्र की हत्या कर दी.
शव लगभग 12 घंटे तक घर में ही रखा
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने वीरेंद्र का शव लगभग 12 घंटे तक घर में ही रखा. फिर शव को साफ करके बाइक में इस तरह रखा जैसे कोई बैठा हुआ हो। वे शव को 20 किमी दूर गोसाईंगंज ले गए और नहर में फेंककर लौट आए. इस दौरान पुलिस ने उन्हें नहीं रोका, जिससे रात के समय पुलिस की सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं.
ADVERTISEMENT
सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच में पता चला कि कुछ फुटेज डिलीट कर दिए गए थे. आरोपियों ने सीसीटीवी फुटेज को सबूत के तौर पर हटाया था. पुलिस ने वीरेंद्र के पुराने घर के पास लगे कैमरों को भी खंगाला, जहां वीरेंद्र और एक अन्य व्यक्ति को घर में जाते हुए देखा गया, लेकिन वीरेंद्र फिर बाहर नहीं आए. इससे पुलिस को शक हुआ और आरोपियों से पूछताछ जारी है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT