Taliban ने पाकिस्तान के अंदर की सर्जिकल स्ट्राइक, हाल ही में दी थी चेतावनी

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Taliban ने पाकिस्तान के अंदर की सर्जिकल स्ट्राइक, हाल ही में दी थी चेतावनी
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World News: पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच की डूरंड लाइन (Durand Line) पर हालात काफी ख़राब हो गए हैं। हाल ही में, पाकिस्तान के 16 सैनिकों की हत्या के बाद, पाकिस्तानी एयर फोर्स ने अफगानिस्तान के पाकटीका और 4 जगहों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में 50 लोगों की मौत हो गई। पाकिस्तान का कहना था कि ये लोग टीटीपी यानि कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकवादी थे। इसके बाद तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा पर मौजूद सैन्य चौकियों पर हमला कर दिया और 19 पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा किया। तालिबान ने ये भी कहा कि उसने दो पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया। इसके साथ ही, तालिबान ने डूरंड लाइन को मानने से इनकार किया। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दावा किया कि उनके हमले में अफगानिस्तान के 8 लोग मारे गए हैं।

डूरंड लाइन क्या है?

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से डूरंड लाइन के मुद्दे को हवा दी है, जो ब्रिटिश काल से अस्तित्व में है। डूरंड लाइन एक बॉर्डर लाइन है, जो 1893 में ब्रिटिश इंडिया और अफगानिस्तान के बीच खींची गई थी। ये रेखा सर हेनरी मोर्टिमेर डूरंड के नाम पर रखी गई थी, जो उस समय ब्रिटिश भारत के विदेश सचिव थे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच दशकों से इस बॉर्डर को लेकर विवाद चला आ रहा है। अफगान सरकार ने कभी भी इस सीमा रेखा को स्वीकार नहीं किया, और तालिबान भी इसे नहीं मानता है। तालिबान का कहना है कि डूरंड लाइन केवल ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा खींची गई एक रेखा है, और वो इसे पाकिस्तान की सीमा नहीं मानते।

दो मुल्कों के बीच लाइन को लेकर विवाद

साल 1947 में पाकिस्तान बनने के बाद अफगानिस्तान ने कभी भी डूरंड लाइन को मान्यता नहीं दी। चाहे हामिद करजई की सरकार रही हो या वर्तमान में तालिबान की सरकार, कोई भी इस रेखा को नहीं मानता। तालिबान पाकिस्तान के पेशावर शहर को भी अपना क्षेत्र मानता है। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान को उम्मीद थी कि वह तालिबान के साथ मिलकर डूरंड लाइन पर समझौता कर लेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके बावजूद पाकिस्तान और तालिबान के बीच कई बार डूरंड लाइन को लेकर संघर्ष हुआ है, खासकर बाड़बंदी के मामले में।

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पाकिस्तान पर तालिबान ने किए हमले

अफगानिस्तान का रक्षा मंत्रालय भी डूरंड लाइन को एक काल्पनिक बॉर्डर मानता है। उन्होंने 28 दिसंबर को पाकिस्तानी हमले के बारे में बयान देते हुए कहा कि ये हमला उन क्षेत्रों में किया गया था, जो अफगानिस्तान की तरफ से पाकिस्तान पर हमला करने के लिए इस्तेमाल होते थे। अफगान सेना ने पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट भी किया। पाकिस्तान ने अपनी ओर से ये माना कि कई जगहों पर लड़ाई हुई थी, लेकिन उसने सिर्फ एक सैनिक की मौत की पुष्टि की। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच ये विवाद और संघर्ष अब भी जारी है और डूरंड लाइन पर तनाव बढ़ता जा रहा है। तालिबान ये भी कहता है कि पाकिस्तान अपने इलाके में इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत के आतंकवादियों को पाल रहा है, जो तालिबान के कट्टर दुश्मन हैं। इस वजह से पाकिस्तान और तालिबान के बीच संबंध और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं।

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