सीरियल किलर चंद्रकांत झा गिरफ्तार, दिल्ली में की थीं 18 हत्याएं, तिहाड़ के बाहर रखता था कटा सिर

ADVERTISEMENT

सीरियल किलर चंद्रकांत झा गिरफ्तार, दिल्ली में की थीं 18 हत्याएं, तिहाड़ के बाहर रखता था कटा सिर
social share
google news

Delhi tihar jail: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उस दरिंदे को एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी क्रूरता ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। वो दरिंदा, जिसने तिहाड़ जेल के बाहर सिर कटी लाशें फेंक कर पुलिस को खुली चुनौती दी थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं 'द बुचर ऑफ दिल्ली' के नाम से कुख्यात, सीरियल किलर चंद्रकांत झा की।
 
साल 2007 में तिहाड़ जेल के बाहर सिर कटी लाशों का सिलसिला शुरू हुआ था। लाशें फेंकने वाला कोई और नहीं, बल्कि यही चंद्रकांत झा था। पुलिस के लिए हर बार एक चिट्ठी छोड़ता था हरकतों को रोकने की चुनौती देता था। अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में ये सजा उम्रकैद में बदल दी गई। मगर ये दरिंदा अपनी सजा भुगतने के लिए तैयार नहीं था। अक्टूबर 2023 में उसे पैरोल मिली और उसके बाद से वो फरार हो गया।


दिल्ली पुलिस ने चंद्रकांत की गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। लेकिन आखिरकार, पुलिस की अपराध शाखा की टीम, अतिरिक्त आयुक्त संजय सेन की अगुवाई में, शुक्रवार को इस सीरियल किलर को पकड़ने में कामयाब हुई। उसे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया।

इससे पहले कि ये दरिंदा बिहार भागने की कोशिश करता, पुलिस ने उसे धर दबोचा। पूछताछ में उसने साफ-साफ कहा कि वह दोबारा जेल नहीं जाना चाहता था। लेकिन अब, ये अपराधी फिर सलाखों के पीछे है। चंद्रकांत झा की कहानियां इतनी खौफनाक हैं कि नेटफ्लिक्स पर उस पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई 'द बुचर ऑफ दिल्ली'। उसमें दिखाया गया था कि कैसे उसने छोटी-छोटी बातों पर लोगों की जान ली, और कैसे दिल्ली पुलिस ने उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल की।

ADVERTISEMENT


वर्ष 1998 में आदर्श नगर इलाके में मंगल उर्फ औरंगजेब की हत्या। शव के टुकड़े अलग-अलग जगह फेंक दिए गए। 2003 में शराबी शेखर को झूठ बोलने के जुर्म में मौत के घाट उतार दिया।  उमेश, गुड्डू, अमित, उपेन्द्र और दिलीप—सात जानें सिर्फ इसलिए गईं क्योंकि इस दरिंदे को उनके तौर-तरीके, आदतें पसंद नहीं आईं। हर बार एक ही तरीका। हत्या करना और फिर शव के टुकड़े तिहाड़ जेल के बाहर फेंक देना। जैसे मानो पुलिस के मुंह पर तमाचा मार रहा हो। मगर ये सिलसिला अब खत्म हो गया। एक बार फिर, चंद्रकांत झा पुलिस की गिरफ्त में है। पर सवाल ये है... क्या हमारी व्यवस्था ऐसे दरिंदों के लिए तैयार है? वो पैरोल पर कैसे निकला? क्या ये गिरफ्तारी किसी नए खेल का हिस्सा है या वाकई इस खूनी की कहानी का आखिरी पन्ना लिखा जा चुका है?

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜