7 केस वाले मंगेश यादव का एनकाउंटर मगर 36 केस वाला विपिन सिंह कैसे बचा? ये बात दिमाग हिला देगी

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7 केस वाले मंगेश यादव का एनकाउंटर मगर 36 केस वाला विपिन सिंह कैसे बचा? ये बात दिमाग हिला देगी
विपिन सिंह (बाएं) और मंगेश यादव (दाएं)
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Mangesh Yadav Encounter: सुल्तानपुर में भरत ज्वैलर्स की लूट की घटना के मुख्य आरोपी मंगेश यादव का एनकाउंटर  एसटीएफ द्वारा किया गया, जिसमें उसके साथ शामिल विपिन सिंह पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर यह चर्चा तेज है कि एसटीएफ ने केवल मंगेश यादव का एनकाउंटर किया, जबकि विपिन सिंह, जो इस लूट का मुख्य साजिशकर्ता था, बचकर कोर्ट में सरेंडर कर गया. इस पर एसटीएफ और योगी सरकार की कार्रवाई पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं.

एसटीएफ की कार्रवाई पर उठे सवाल

घटना के बाद 4 सितंबर को ही विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था, जबकि मंगेश यादव फरार था. उसे 6 सितंबर को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया. अब दोनों अपराधियों की क्राइम हिस्ट्री भी सामने आई है. इस लूटकांड में मुख्य आरोपी विपिन सिंह के खिलाफ दर्ज केसों की संख्या और गंभीरता मंगेश यादव से कहीं अधिक है. यह सामने आया है कि विपिन सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड कहीं अधिक खतरनाक और विस्तृत है. 

क्यों बचा विपिन सिंह?

विपिन सिंह एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ गुजरात और उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में लूट, डकैती, चोरी, और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं. विपिन सिंह पर कुल 36 केस दर्ज हैं, जिसमें सूरत में दिनदहाड़े लूट जैसी संगीन वारदातें शामिल हैं. इसके अलावा, विपिन पर आर्म्स एक्ट के तहत भी 7 मामले दर्ज हैं. जबकि दूसरी ओर मंगेश यादव के खिलाफ सिर्फ 8 मामले दर्ज थे, जो चोरी और लूट से जुड़े थे.

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विपिन सिंह का आपराधिक इतिहास

मंगेश यादव पर जहां केवल एक गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज था, वहीं विपिन सिंह के खिलाफ सुल्तानपुर, अमेठी और रायबरेली में कई गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हैं. इसके अलावा, विपिन सिंह के खिलाफ हत्या की कोशिश के मामले भी अमेठी, रायबरेली और लखनऊ में दर्ज हैं. इस लूट के बाद कोर्ट में सरेंडर करने से पहले, उसने कई अपराधों को अंजाम दिया, जिससे उसकी शातिरता स्पष्ट होती है. वहीं, मंगेश यादव के खिलाफ चोरी, लूट और डकैती के सात मामले दर्ज थे, जिनमें ज्यादातर जौनपुर, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर से जुड़े थे.

लूट, डकैती और चोरी में लिप्त था, 7 केस दर्ज

इस घटना ने एसटीएफ की कार्रवाई और योगी सरकार की नीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने सरेंडर कर दिया, जबकि मंगेश यादव का एनकाउंटर हुआ. जनता में यह चर्चा है कि क्या न्याय समान रूप से हो रहा है, या कुछ अपराधी कोर्ट की शरण लेकर बच निकलते हैं, जबकि अन्य को एनकाउंटर में मारा जा रहा है.

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