बच्चे को बस बाप का नाम मालूम था, गूगल मैप के जरिए जापान से पहुंचा पंजाब, 2 साल की उम्र में बिछड़ा अब जाकर ऐसे मिला

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बच्चे को बस बाप का नाम मालूम था, गूगल मैप के जरिए जापान से पहुंचा पंजाब,  2 साल की उम्र में बिछड़ा अब जाकर ऐसे मिला
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Viral News: जापान के एक युवक ने अपने भारतीय पिता को खोजने के लिए लंबी दूरी तय की और आखिरकार पंजाब के अमृतसर में उनसे मिलकर दिल को छू लेने वाला पुनर्मिलन किया. यह कहानी किसी फिल्मी पटकथा जैसी प्रतीत होती है, जिसमें 20 साल के बाद पिता और पुत्र का मिलन हुआ. सुखपाल सिंह, जो अमृतसर के निवासी हैं, उनकी कहानी तब शुरू होती है जब उन्होंने थाईलैंड में एक जापानी महिला से मुलाकात की. इस मुलाकात ने उनके जीवन को नया मोड़ दिया, और दोनों ने 2002 में शादी कर ली. शादी के बाद सुखपाल सिंह और उनकी पत्नी साची, जापान के टोक्यो के पास चिबा केन में रहने लगे, जहां उनके बेटे रिन का जन्म 2003 में हुआ.

थाईलैंड में हुई थी सुखपाल और साची की मुलाकात

हालांकि, सुखपाल और साची के बीच का रिश्ता कुछ साल बाद बिगड़ने लगा. शादी में बढ़ती कठिनाइयों के चलते दोनों ने अलग होने का फैसला किया. इसके परिणामस्वरूप, रिन, जो उस समय मात्र दो वर्ष का था, अपने पिता से दूर हो गया और कभी भी अपने पिता का प्यार नहीं पा सका. सुखपाल सिंह, जो 2007 में भारत लौट आए थे, उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे से कोई संपर्क नहीं रहा. रिन अपने पिता की अनुपस्थिति में बड़ा हुआ, और उसने जापान में अपने जीवन को जारी रखा, लेकिन उसके दिल में हमेशा एक खालीपन बना रहा.

फैमिली ट्री प्रोजेक्ट ने जगाई प्रेरणा

समय के साथ रिन बड़ा हो गया और ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ़ आर्ट्स में पढ़ाई करने लगा. अपने एक फैमिली ट्री प्रोजेक्ट के दौरान रिन को एहसास हुआ कि वह अपनी मां के परिवार को तो जानता है, लेकिन अपने पिता के परिवार के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. इस बात ने उसे अपने पिता को खोजने की प्रेरणा दी. रिन ने अपने पिता को ढूंढने का दृढ़ निश्चय किया और इसके लिए उसने इंटरनेट का सहारा लिया. उसने Google मैप्स का उपयोग करके सुखपाल सिंह का पता लगाने की कोशिश की. अंततः, उसके प्रयास रंग लाए और वह 15 अगस्त को भारत पहुंचा. हालांकि, उसे कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन वह अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटा और 18 अगस्त को अपने पिता से मिलने में सफल रहा.

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Google मैप्स बना सहारा: रिन ने ढूंढा अपने पिता को

पिता-पुत्र के मिलन का वह क्षण अत्यंत भावुक था. सुखपाल सिंह ने बताया कि उनके बेटे ने उन्हें खोजने के लिए बहुत प्रयास किए. वह तस्वीरों का उपयोग करके और लोगों से पूछताछ करके उनके बारे में जानकारी इकट्ठा करता रहा. जब सुखपाल सिंह ने अपने बेटे को देखा, तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैं अपने बेटे से मिल रहा हूं; यह किसी सपने जैसा लगता है. मैं हमेशा से अपने बेटे से मिलने की इच्छा रखता था, उसे कभी भूल नहीं सकता."

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पुनर्मिलन का वीडियो

रिन ने अपने पिता के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उसने यह यात्रा इसलिए शुरू की क्योंकि वह अपने पिता के परिवार के बारे में और जानना चाहता था. यह मिलन दोनों के लिए बेहद खास था, क्योंकि उन्होंने लगभग दो दशक बाद एक-दूसरे को देखा. यह कहानी न केवल एक बेटे की अपने पिता के लिए प्यार की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह तकनीक और दृढ़ संकल्प के माध्यम से परिवार के बिछड़े सदस्य फिर से मिल सकते हैं.

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इस पुनर्मिलन की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसने लोगों के दिलों को छू लिया. सुखपाल सिंह और रिन की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने बिछड़े परिजनों को ढूंढने का सपना देखता है. यह घटना इस बात का प्रमाण है कि समय और दूरी चाहे कितनी भी बड़ी हो, सच्चे रिश्ते कभी खत्म नहीं होते.

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