बांग्लादेशी सलमा ने मीनू सक्सेना बन हड़पी एडिशनल सेक्रेटरी की संपत्ति? नौकरानी बन गई बंगले की मालकिन, ऐसे खुला राज
Gwalior: आरोप है कि मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली सलमा ने दौलत हड़पने के लिए मीनू सक्सेना बन गई. आरोपी मीनू का कहना है कि वह बचपन से ही दीपक सक्सेना के घर में रहती थी और उनके पिता की सेवा करती थी.
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Gwalior News: ग्वालियर में एक रिटायर्ड एडिशनल सेक्रेटरी की नौकरानी ने ऐसा काम किया है जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे. गुजरात सरकार में एडिशनल सेक्रेटरी रहे दीपक सक्सेना ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी नौकरानी इतनी शातिर है कि उसने खुद को पत्नी और बेटी साबित करने के लिए फर्जी पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड भी बनवा लिया.
कैसे हड़पी एडिशनल सेक्रेटरी की संपत्ति?
आरोप है कि मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली सलमा ने दौलत हड़पने के लिए मीनू सक्सेना बन गई. आरोपी मीनू का कहना है कि वह बचपन से ही दीपक सक्सेना के घर में रहती थी और उनके पिता की सेवा करती थी. उसकी सेवा से खुश होकर एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना के पिता ने मकान और जमीन मीनू के नाम कर दी. जबकि दीपक सक्सेना का आरोप है कि मीनू ने फर्जी दस्तावेज बनवाए और इसी आधार पर फर्जी वसीयत बनवा ली, जबकि कानूनी तौर पर पैतृक संपत्ति की वसीयत नहीं की जा सकती.
नौकरानी से बन गई मालकिन
मीनू खुद को सक्सेना परिवार की सदस्य बता रही है, जबकि दीपक सक्सेना का कहना है कि वह बांग्लादेशी है और उसका असली नाम सलमा है. पहले वह नोएडा में मजदूरी करती थी और उसके घर में इस्लाम की तस्वीर लगी हुई थी. लेकिन बांग्लादेश के कुछ लोगों के साथ साजिश करके उसने संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए.
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इस मामले में पुलिस ने अपर सचिव दीपक सक्सेना के बयान दर्ज किए हैं. ग्वालियर आईजी अरविंद सक्सेना ने बताया कि उनकी नौकरानी सलमा पहले नोएडा में उनके घर में काम करती थी. यह नौकरानी पुरानी थी, इसलिए पूरा परिवार उस पर भरोसा करता था. इसलिए दीपक सक्सेना ने उसे अपने पिता के पास ग्वालियर भेज दिया था. इसी बीच सलमा नौकरानी से मालकिन बनने की चाहत रखने लगी.
धोखाधड़ी का हैरान करने वाला मामला
इसी दौरान दीपक सक्सेना के पिता की मौत हो गई और सलमा ने पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवाकर अपना नाम सलमा से मीनू सक्सेना रख लिया. फर्जी तरीके से बनवाए गए दस्तावेजों में कहीं उसने खुद को प्रेम नारायण की पत्नी तो कहीं बेटी बताया. इसी बीच जब मार्च महीने में अपर सचिव दीपक सक्सेना ग्वालियर आए तो सलमा ने गुंडों से उनकी पिटाई करवाई और यह कहकर बाहर निकलवा दिया कि यह उसका घर है.
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सलमा ने जब दीपक सक्सेना की मुरैना में ढाई करोड़ की संपत्ति बेची और नामांतरण के लिए आवेदन किया तो पूरा मामला उजागर हुआ, क्योंकि दीपक सक्सेना के चाचा भी उस संपत्ति में हिस्सेदार थे. इसलिए उनकी सहमति के बिना नामांतरण नहीं हो सकता और उन्होंने दीपक सक्सेना को इस बारे में जानकारी दी. रिटायर्ड अपर सचिव दीपक सक्सेना ने पूरे मामले की शिकायत ग्वालियर में पुलिस से की है. जिसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है. लेकिन घर का सामान बेचकर फरार हुई सलमा अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आई है. बताया जाता है कि सलमा बांग्लादेशी है और इस मामले में उसके साथ पूरा गिरोह शामिल है.
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