Delhi Fire: दिल्ली में बेबी केयर सेंटर में भयंकर आग, 7 नवजात की मौत, केयर सेंटर का मालिक डॉक्टर नवीन समेत दो गिरफ्तार
Delhi Baby Care Hospital Fire: 31 मार्च को नर्सिंग होम की परमिशन खत्म हो गई थी। दिल्ली सरकार का हेल्थ डिपार्टमेंट परमिशन देता है। यानि अवैध तरीके से चलाया जा रहा था नर्सिंग होम। नर्सिंग होम को 5 बेड की परमिशन थी लेकिन 25-30 बच्चे रखे जा रहे थे।
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Delhi Baby Care Hospital Fire: पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात एक दुखद घटना घटी. एक बेबी केयर सेंटर में भीषण आग लगने से सात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. इस हादसे में 12 बच्चों को रात में ही बचा लिया गया, जिनमें से 7 बच्चों की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई. पांच बच्चे अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं और एक बच्चा वेंटिलेटर पर है. पुलिस ने सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन को गिरफ्तार कर लिया है. ये गिरफ्तारी दिल्ली से की गई है। बताया जा रहा है कि नवीन के दिल्ली में कई बेबी सेंटर चलते हैं। दिल्ली पुलिस ने FIR में दो धाराएं और जोड़ी हैं। दिल्ली पुलिस IPC 304 और IPC की धारा 30 जोड़ दी है।
बेबी केयर सेंटर में आग बुझाने के इंतजाम नहीं
दिल्ली पुलिस के मुताबिक बेबी केयर सेंटर में आग बुझाने के इंतजाम नहीं थे। अंदर आने और बाहर जाने का सही इंतजाम नहीं था। कोई इमरजेंसी एग्जिट नहीं था। मौके पर BAMS डॉक्टरों की ड्यूटी लगी थी जो बच्चों की केयर करने के लिए क्वालिफाइड नहीं थे। दिल्ली सरकार ने बेबी केयर सेंटर को जो लाइसेंस जारी किया था वो 31 मार्च 2024 को एक्सपायर हो गया था। लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद केवल 5 बेड की अनुमति थी लेकिन घटना के वक्त 12 बच्चे एडमिट थे। इस असपताल की चार ब्रांच है जिसमें विवेक विहार, पंजाबी बाग, फरीदाबाद और गुरुग्राम शामिल है। बेबी केयर सेंटर के मालिक नवीन खिंची ने Pediatric Medicine में एमडी किया है और वो पश्चिम विहार में रहता है। उसकी पत्नी जागृति डेंटिस्ट है और इस अस्पताल को चलाती है। अब तक जांच में पता चला है कि आज लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है। डॉक्टर आकाश और डॉक्टर नवीन को अरेस्ट किया गया है ,आकाश ने बीएएमएस किया है।
7 बच्चों की मौत के जिम्मेदार गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने 25 साल के डॉक्टर आकाश को भी गिरफ्तार किया है। डॉक्टर आकाश की इस मामले में दूसरी गिरफ्तारी है। डॉक्टर आकाश जिस वक्त आग लगी उस वक्त ड्यूटी पर था यानि इस वक्त का हेड था, आग लगते ही मौके से फरार हो गया था। दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि 31 मार्च को नर्सिंग होम की परमिशन खत्म हो गई थी। दिल्ली सरकार का हेल्थ डिपार्टमेंट परमिशन देता है। यानि अवैध तरीके से चलाया जा रहा था नर्सिंग होम। नर्सिंग होम को 5 बेड की परमिशन थी लेकिन 25-30 बच्चे रखे जा रहे थे। 5 बेड के हिसाब से ही ऑक्सीजन सिलेंडर होने चाहिए थे लेकिन हादसे के बाद नर्सिंग होम में 32 ओक्सीजन सिलेंडर पाए गए। नर्सिंग होम को फायर की NOC भी नहीं मिली थी।
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भगवान भरोसे चल रहा था नर्सिंग होम
बता दें कि दिल्ली फायर सर्विस को रात 11.32 बजे आईटीआई, ब्लॉक बी, विवेक विहार इलाके के पास बेबी केयर सेंटर से आग लगने की सूचना मिली. नौ दमकल गाड़ियों को तुरंत मौके पर भेजा गया. दमकलकर्मियों ने तत्परता दिखाई और इमारत से 12 नवजात शिशुओं को सुरक्षित बाहर निकाला. यह घटना उसी दिन हुई जब गुजरात के राजकोट शहर में एक भीड़ भरे गेमिंग क्षेत्र में भीषण आग लगने और इमारत गिरने से 27 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे.
हॉस्पिटल में सिलेंडर ब्लास्ट से लगी आग
इस घटना पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि बच्चों के अस्पताल में आग लगने की यह घटना हृदय विदारक है. हम सभी उन लोगों के साथ खड़े हैं जिन्होंने इस हादसे में अपने मासूम बच्चों को खोया है.' सरकार और प्रशासन के अधिकारी घटना स्थल पर घायलों का इलाज कराने में जुटे हैं. घटना के कारणों की जांच की जा रही है और इस लापरवाही के लिए जो भी जिम्मेदार होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में लगी आग को लेकर डीसीपी शाहदरा का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि पश्चिम विहार के भरोन एन्क्लेव में रहने वाले अस्पताल मालिक नवीन और आकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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दिल्ली अग्निशमन विभाग के मुताबिक, चाइल्ड केयर सेंटर 120 गज की इमारत में बनाया गया था. पहली मंजिल से 12 बच्चों को बचाया गया, जिनमें से 7 बच्चों की अस्पताल में मौत हो गई. बाकी 5 अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं और एक बच्चा जो आईसीयू में था, उसकी आज सुबह मौत हो गई। आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. शिशु देखभाल केंद्र के अंदर बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर पड़े हुए थे. आग में कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर भी फट गए, जिससे मौके पर स्थिति और गंभीर हो गई. मौके पर पहुंची दमकल की 16 गाड़ियों ने करीब 50 मिनट में आग पर काबू पा लिया.
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16 गाड़ियों ने करीब 50 मिनट में आग पर काबू पाया
शिशु देखभाल केंद्र के बगल में एक अन्य इमारत में भी आग लग गई, लेकिन सौभाग्य से वहां कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। आग की इस भयावह घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित सुरक्षा उपाय अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता घायलों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना और घटना के कारणों की गहन जांच कराना है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस दुखद घटना के लिए जो भी जिम्मेदार है उसे सख्त सजा दी जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इस हादसे ने एक बार फिर शहर में सुरक्षा उपायों की जरूरत को उजागर कर दिया है.
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