'धमाके से कार के खुल गए एयरबैग...' चश्मदीद ने सुनाई बेबी केयर सेंटर में आग की आंखों देखी
Delhi Baby Care Hospital Fire: दिल्ली फायर सर्विस के चीफ अतुल गर्ग के अनुसार, रात 11:32 बजे फायर सर्विस डिपार्टमेंट को घटना की सूचना मिली. दमकल की 9 गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया. अभी तक आग लगने का कारण पता नहीं चल पाया है.
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Delhi Fire: पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके में शनिवार रात एक बच्चों के अस्पताल में भयंकर आग लग गई. इस घटना में कई बच्चे झुलस गए, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से 7 बच्चों की मौत हो गई और कई अन्य घायल बच्चों का इलाज जारी है. दिल्ली अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कम से कम 12 नवजात शिशुओं को अस्पताल से रेस्क्यू किया गया था.
अग्निकांड की कहानी चश्मदीदों की जुबानी
दिल्ली फायर सर्विस के चीफ अतुल गर्ग के अनुसार, रात 11:32 बजे फायर सर्विस डिपार्टमेंट को घटना की सूचना मिली. दमकल की 9 गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया. अभी तक आग लगने का कारण पता नहीं चल पाया है. Crimetak ने कुछ चश्मदीदों से इस घटना के बारे में बात की. अश्विनी, जो बेबी केयर सेंटर के सामने की बिल्डिंग में रहते हैं, ने बताया कि वह देर रात अपनी कार से गुजर रहे थे, तभी बेबी केयर सेंटर वाली बिल्डिंग में इतना जोरदार ब्लास्ट हुआ कि उनकी कार के एयरबैग खुल गए. उन्होंने देखा कि बिल्डिंग में भयंकर आग लगी थी. अश्विनी ने बताया कि ब्लास्ट इतना जोरदार था कि उनके घर के कांच भी टूट गए. उन्होंने बताया कि बेबी केयर सेंटर कुछ सालों पहले ही खुला था. जानकारी के मुताबिक, अस्पताल में रखे कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर में भी ब्लास्ट हुआ.
चश्मदीदों ने दोहराया भयावह मंजर
एक अन्य चश्मदीद अनीता का 15 दिन का बच्चा बेबी केयर सेंटर में भर्ती था. उन्होंने कहा, "हमें किसी अस्पताल वाले ने जानकारी नहीं दी कि हादसा हुआ है, न्यूज में देखकर हम यहां आए. एक दिन पहले मैंने अपने बच्चे को देखा था और वह ठीक था, खा पी रहा था. डॉक्टर ने आज बच्चे को डिस्चार्ज करने के लिए कहा था. मैं यहां पहुंची तो देखा कि बिल्डिंग में भयंकर आग लगी है. मेरा बच्चा कहां है, कुछ पता नहीं चल पा रहा." अस्पताल के पास की इमारत भी आग की लपटों में घिर गई. गनीमत रही कि उसमें किसी के हताहत होने या घायल होने की कोई खबर नहीं है.
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एक अन्य मासूम के पिता ने कहा, "मेरा बेटा 3 दिन का था, यहां एडमिट करवाया था. पहले किसी ने बताया नहीं, न्यूज में देखकर मैं यहां आया तो पता चला कि पूरी बिल्डिंग जल गई. पहले बोले फलाना अस्पताल जाओ, वहां गया तो पता चला जो बच्चे मर चुके हैं वे जीटीबी अस्पताल में हैं. अब जीटीबी गया तो जाने नहीं दे रहे हैं. बच्चे को रखने का 10 हजार रुपए फीस लेते थे. कैसे-कैसे करके फीस दिया था. अब यहां आग लग गई। हमें नहीं मालूम था कि यहां अवैध तरीके से ऑक्सीजन सिलेंडर की भराई का काम चलता था."
इस बीच, डीसीपी शाहदरा ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल के मालिक नवीन चींचीं के खिलाफ IPC की धारा 336, 304A और 34 के तहत FIR दर्ज कर ली है. उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है. वह पश्चिम विहार का रहने वाला है. डीसीपी के मुताबिक, अस्पताल में 12 नवजात भर्ती थे. उन सभी को रेस्क्यू करके पूर्वी दिल्ली के एक एडवांस एनआईसीयू अस्पताल में भेजा गया. डॉक्टरों ने इनमें से 6 को तुरंत मृत घोषित कर दिया और एक बच्चे की रविवार सुबह मौत हो गई. सातों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया गया है.
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