76 की उम्र में पत्नी के 12 टुकड़े किए, शादी के 57 साल बाद पत्नी ने बताई ऐसी बात, खौल उठा खून, कसाई की तरह लकड़ी पर रखकर शव को काटा
Bihar News: बिहार के अरवल के मेहंदिया में एक रिटायर्ड टीचर, 76 साल के बीरबल प्रसाद ने 70 साल की अपनी पत्नी सुमंती सिन्हा की हत्या कर उनके शव के 12 टुकड़े कर दिए.
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Bihar News: बिहार के अरवल के मेहंदिया में एक रिटायर्ड टीचर, 76 साल के बीरबल प्रसाद ने 70 साल की अपनी पत्नी सुमंती सिन्हा की हत्या कर उनके शव के 12 टुकड़े कर दिए. बीरबल ने अपनी पत्नी के शव के टुकड़े मीट शॉप की तरह लकड़ी पर रखकर काटे. इस हत्या के पीछे की वजह काफी हैरान कर देने वीली है. स्थानीय लोगों के अनुसार, सुमंती सिन्हा बीरबल की दूसरी पत्नी थीं. उनकी पहली पत्नी की 1989 में घर में आग लगने से मौत हो गई थी, जब बीरबल लकड़ी के घर में रहते थे.
57 टुकड़ों में क्यों काटना चाहता था वो?
घटना सोमवार को मेहंदिया स्थित जमुहारी में हुई. हत्या के बाद पुलिस ने बीरबल को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि बीरबल को शादी के बाद से ही अपनी पत्नी पर अवैध संबंधों का शक था. परिवार के कारण उसने पहले कुछ नहीं किया, लेकिन 2021 से उसने अपनी पत्नी को मारने की योजना बनानी शुरू कर दी. आरोपी ने घटना के दिन दोपहर में गड़ासा की धार तेज करवाई थी. उसने अपनी पत्नी के ब्रेस्ट और पैर की अंगुली को भी नहीं छोड़ा. हत्या बंद कमरे में की गई. पुलिस को घटना स्थल पर शव के टुकड़े देखकर होश उड़ गए. फॉरेंसिक जांच के लिए एफएसएल की टीम बुलाई गई और शव के टुकड़ों को इकट्ठा किया गया. घर के विभिन्न कोनों में शव के टुकड़े फेंके गए थे.
76 की उम्र में पत्नी के 12 टुकड़े किए
पुलिस की इस थ्योरी पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर बीरबल को अपनी पत्नी पर शक था और वह उसकी हत्या करना चाहता था, तो इतने सालों तक इंतजार क्यों किया. आरोपी रिटायर्ड टीचर बीरबल प्रसाद के घर को पुलिस ने सील कर दिया है. घटना के बाद उसकी बहू अपने बच्चों को लेकर कहीं चली गईं हैं. बहू ने ही खून देखकर आसपास के लोगों और पुलिस को सूचना दी थी.
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डीएसपी कृति कमल ने बताया कि बीरबल के चार बेटे हैं. आरोपी का अपने बेटों से कोई संबंध नहीं था और इस अकेलेपन के कारण भी उसने यह घटना अंजाम दी. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार भी जब्त कर लिया है.
'मुझसे ज्यादा चाचा की सेवा में लगी रहती थी'
आरोपी ने बताया, उस समय मैं हजारीबाग के डेनुघाट में बिजली विभाग में काम करता था. बाद में मुझे शिक्षक की नौकरी मिल गई. नौकरी के दौरान मैं अरवल शहर में बच्चों को अपने साथ रखकर पढ़ाता था. मेरी पत्नी गांव में रहकर चाचा की देखभाल करती थी. रिटायरमेंट के बाद मैं गांव में रहने लगा। मेरी पत्नी मुझसे ज्यादा चाचा की सेवा में लगी रहती थी, जिससे मुझे शक होने लगा। इसको लेकर विवाद भी होता था. मेरे चाचा की मौत 2010 में हो गई, लेकिन मैं शक से उबर नहीं पाया। शक ने नासूर बना लिया और आखिरकार मैंने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी.
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बीरबल को 50 हजार रुपए पेंशन मिलते हैं और उन पर करीब चार लाख रुपए का कर्ज भी है. वह कभी-कभार अपनी पत्नी से झगड़ा भी करते थे, लेकिन सोमवार को ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने अपनी पत्नी को इतनी दरिंदगी से मार डाला, यह स्पष्ट नहीं है.
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