मोहब्बत के साथ नफरत का वो क़िस्सा जो सिहरन पैदा कर दे, कहानी का ऐसा अंत कभी नहीं सुना होगा

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Shams Ki Zubani: मोहब्बत और नफरत क्राइम की किसी भी कहानी का शायद सबसे अहम हिस्सा होता है। कहते हैं मोहब्बत और जंग में सब जायज है लेकिन जब बात जुर्म की हो तो जंग की जगह नफरत को रखा जा सकता है। यानी मोहब्बत और नफरत में सब जायज है। लिहाजा क्राइम की कहानी के आज के इस सिलसिले में मोहब्बत और नफरत की एक अनोखी मिसाल के तौर पर सामने आई है।

कहा तो ये भी जाता है कि प्यार अंधा होता है, और इसी अंधेपन की वजह से वो अपने प्यार को पाने के लिए किसी भी हद से गुजरने को तैयार हो जाता है। ऐसा ही एक प्यार की हद से गुज़रकर जुर्म की दहलीज पार करने का किस्सा बिहार से सामने आया, जिसे सुनकर लोग सिहर गए।

Shams Ki Zubani: बिहार की राजधानी पटना से करीब 320 किलोमीटर दूर अररिया ज़िले के रानी गंज थाना इलाके से एक हैरतअंगेज दास्तां सामने आई। ये कहानी बिहार के अररिया ज़िले में दो गांव की हैं जहां दो परिवार रहते थे। उसी गांव में उमेश यादव का परिवार भी रहता था। मध्यम वर्गीय परिवार का बेटा उमेश यादव अपना काम बड़ी इमानदारी से करता और अपने परिवार का पेट पालता था। उनका एक बेटा था छोटू यादव। गांव का लड़का छोटू बेहद शरीफ और सीधा सादा था। उनके गांव के नज़दीक एक दूसरे गांव में एक परिवार रहता था जिसकी लड़की थी आरती कुमार।

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आरती का परिवार छोटू के परिवार से थोड़ा ज़्यादा खुशहाल और अधिक अमीर था। और आरती के परिवार के लोगों की गांव में अच्छी खासी हनक भी थी। उनकी दबंगई भी चलती थी। इसी गांव में छोटू यादव के नाना नानी भी रहते थे। यानी ये भी कहा जा सकता है कि आरती के गांव में ही छोटू का ननिहाल था। जाहिर है कि अक्सर छोटू और उसके परिवार का अपने नाना नानी और मामा मामी के पास आना जाना लगा रहता था।

Shams Ki Zubani: छोटू जब भी अपने ननिहाल जाता तो वहां गांव के दूसरे लोगों से भी मेल मुलाकात करता रहता था। इसी बीच छोटू की उसी गांव के एक लड़के के साथ दोस्ती हो गई। इत्तेफाक से वो लड़का आरती का भाई था। दोनों के बीच अच्छी छनने लगी...और छोटू ने आरती के भाई से फोन नंबर लिया और दोनों के बीच अच्छी लंबी बातचीत होने लगी। कहा जा सकता है कि दोनों के बीच अच्छा याराना हो गया।

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करीब दो साल पहले एक रोज आरती ने अपने भाई से नंबर लेकर छोटू से बात की। उस पहली बातचीत में दोनों ने अपने अपने शौक साझा किए और अपनी अपनी बातों को एक दूसरे से शेयर की। उस बातचीत के बाद दोनों को लगा कि उनके बीच में बहुत कुछ ऐसा है जो बिलकुल एक जैसा है। दोनों की पसंद एक दूसरे से मिलती जुलती थी...दोनों को एक जैसा खाना और एक जैसी बातों में दिलचस्पी थी। लिहाजा दोनों ने एक दूसरे के साथ अपने अपने नंबर साझा कर लिए। और दोनों के बीच बातों का सिलसिला शुरू हो गया।

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Shams Ki Zubani:वक्त जैसे जैसे आगे बढ़ा दो दोनों की बातचीत का सिलसिला और भी आगे बढ़ गया। धीरे धीरे दोनों की दोस्ती और गहरी हो गई और वक़्त के साथ ये दोस्ती कब प्यार में बदल गई उन्हें भी इसका अंदाज़ा नहीं हुआ।

मगर कमाल देखिये कि दोनों एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खाने लगे थे लेकिन दोनों ने अभी एक दूसरे को देखा तक नहीं था। क्योंकि आरती अमूमन अपने घर से कम निकलती थी और छोटू भी ननिहाल में जाने के बावजूद आरती के घर कभी नहीं जाता था।

इजहार-ए-मोहब्बत के दरम्यान आरती और छोटू ने एक दूसरे के साथ जीवन भर का साथ निभाने की कस्मे तक खानी शुरू कर दी। हालांकि उस वक़्त छोटू की उम्र महज 22 साल की थी और वो अभी कुछ कमाता भी नहीं था। लिहाजा दोनों के बीच ये तय हुआ कि पहले कोई नौकरी वगैराह की जाए उसके बाद आगे अपने सपनों की दुनिया को बसाएंगे।

कहते हैं कि इश्क और मुश्क छुपाए नहीं छुपता। ऐसा ही छोटू और आरती के साथ भी हुआ। दोनों के बीच पनपते प्यार और मोहब्बत का किस्सा उनके घरवालों तक जा पहुँचा। ये बात जब आरती के भाई और भाभी को पता चली तो उन्हें ये नागवार गुजरा। क्योंकि यहां मोहब्बत और नफरत से भी एक बड़ी चीज सामने आ गई वो थी हैसियत। और ये बात जगजाहिर थी कि छोटू का परिवार हैसियत में आरती के परिवार के आगे कहीं नहीं टिकता था।

Shams Ki Zubani: हालांकि इन सबके बावजूद दोनों के बीच फोन पर बातचीत का सिलसिला जारी रहा। दो साल तक ये सिलसिला यूं ही चलता रहा, मगर दोनों एक दूसरे से कभी मिले नहीं।

ऐसे में आरती की भाभी ने मोहब्बत की इस कहानी में एक ट्विस्ट पैदा किया। और घरवालों को इस बात के लिए राजी किया कि मोहब्बत की इस कहानी में यहीं ब्रेक लगवाना जरूरी है वर्ना बात खानदान की इज्जत तक पहुँच जाएगी। लिहाजा अब घरवालों ने आरती पर पहले से ज़्यादा नज़र रखनी शुरू कर दी और छोटू से बात न करने के लिए ताकीद तक कर दिया। लेकिन जब ये सिलसिला यूं ही जारी रहा तो आरती के घरवाले अब धमकी पर उतारू हो गए। उन्होंने आरती से कहा कि छोटू से न तो वो बात करेगी बल्कि उस तक ये खबर ज़रूर पहुँचा दे कि अगर वो कभी उन्हें गांव में नज़र आ गया तो वो लोग उसे मार डालेंगे।

छोटू का अपने ननिहाल तो आना जाना लगा ही रहता था। लिहाजा आरती ने छोटू से कहा कि वो अब गांव न आया करे क्योंकि उसके घरवाले उसकी जान के दुश्मन हो गए हैं।

साल 2022 की जुलाई के महीने के दूसरे मंगलवार को छोटू अपने मामा के घर जाता है। जिस वक़्त छोटू अपने मामा के घर में दाखिल हो रहा था तभी आरती की भाभी ने छोटू को देख लिया। फौरन वो अपने ससुर और अपने पति के पास जाकर इस बात की इत्तेला देती है कि छोटू अपने मामा के घर आया हुआ है।

Shams Ki Zubani: छोटू के अपने गांव में आने की खबर पाकर आरती के घरवाले एक प्लान बनाते हैं। और उसी प्लान के मुताबिक घर के ही लोग खासतौर पर आरती की भाभी उसके पास आती है और कहती है कि छोटू गांव में आया है तो क्यों न वो उसे यहां घर पर बुला ले। क्योंकि भाभी ने आरती को झांसा दिया उसके पापा और भइया छोटू से उसकी शादी की बात करेंगे। आरती अपनी भाभी की बातों में आ जाती है और फौरन छोटू के घर आने के लिए कहती है। साथ ही ये खुशखबरी भी देती है कि घरवाले दोनों की शादी के लिए राजी हैं लिहाजा अब उनकी शादी घरवालों की मर्जी से ही हो जाएगी।

अपनी माशूका से अपने अनाम रिश्ते को नाम मिलने की खुशखबरी पाकर छोटू बेहद खुल होता है। शाम ढल चुकी थी। देर रात छोटू अपने मामा के घर से निकला और सीधा आरती के घर जा पहुँचा।

आरती का पूरा घर छोटू का इंतज़ार कर रहा था। छोटू के घर पहुँचते ही पहले उसे बड़े आराम से बिठाया जाता है और बातचीत का सिलसिला शुरू हो जाता है। और इन्हीं बातों में वो आरती के घरवालों के सामने अपने प्यार का इज़हार भी कर देता है। तब घरवालों ने उसी के सामने आरती से भी पूछा...तो आरती ने भी अपनी रजामंदी दे दी। इस गुमान में कि अब घरवालों उनकी शादी करवा ही देंगे।

Shams Ki Zubani:जैसे ही छोटू और आरती के प्यार का इज़हार उनकी जुबान से सुना तो अचानक घरवाले छोटू पर टूट पड़े। डंडे सरिये और लात घूंसों से आरती के घरवालों ने छोटू की पिटाई कर दी। अपने सामने अपने प्यार की इस कदर पिटाई देखकर आरती घबरा गई। वो बीच बचाव करना चाहती थी लेकिन घरवालों ने अब आरती की पिटाई शुरू कर दी। और पीटते पीटते घरवालों ने आरती को एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद आरती के पिता और भाई अपने एक रिश्तेदार के साथ मिलकर छोटू को दूसरे कमरे में ले गए और वहां ले जाकर उन सभी ने छोटू की जमकर धुनाई शुरू कर दी।

सभी ने छोटू की इस कदर पिटाई कि वो अधमरा हो गया। छोटू की पिटाई का सिलसिला सुबह चार बजे तक चलता रहा।

इसी बीच सुबह के चार बजे आरती ने अपने मोबाइल से छोटू की बहन को फोन कर दिया। और उसे पूरा किस्सा बता दिया। उसके बाद आरती ने छोटू के पापा से बात की और उन्हें भी छोटू के साथ हो रही मार पिटाई की पूरी बात बता दी।

Shams Ki Zubani: छोटू के घरवाले घबरा गए। और भागते हुए आरती के गांव पहुँचे। और सबसे पहले छोटू के मामा के पास पहुँचे और उन्हें नींद से उठाकर उन्हें पूरा किस्सा बताया। और फिर सब आरती के घर पहुँचते हैं। घर के सारे दरवाजे बंद थे। वो लोग बाहर से आवाज देते हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता। तब छोटू के पिता घर के पिछवाड़े जाते हैं तो उन्हें वहां एक खिड़की खुली दिखाई देती है। उस खिड़की से झांकते ही छोटू के पिता को अपना बेटा ज़मीन पर तड़पता दिख जाता है जो लगातार पानी मांग रहा था। अपने पिता को देखकर वो पानी मांगता है।

इसी बीच आरती के घरवाले जो क़रीब क़रीब शैतान बन चुके थे...वो वहां पहुँचते हैं और छोटू के पिता से वहां से भाग जाने को कहते हैं और ये भी धमकी देते हैं कि अगर वो वहां से नहीं गए तो उनका भी यही हाल होगा।

लेकिन छोटू का पिता मिन्नते करता है कि किसी तरह उनके बेटे को पानी पिला दो..तब आरती के पिता छोटू के पिता को घर के भीतर बुलाते हैं और कहते हैं कि पहले इस बात पर समझौता कर लिया जाए फिर आगे देखेंगे।

Shams Ki Zubani: इसी बीच छोटू की बहन के ज़रिए पूरे गांव के लोगों को छोटू का हाल पता चल जाता है और पूरा गांव सुबह सुबह आरती के गांव में जाकर आरती के घर के बाहर इकट्ठा हो जाता है।

अपने घर के बाहर इतनी भीड़ देखकर आरती के घरवाले घबरा जाते हैं। इस बीच गुस्साए गांव वाले दरवाजा तोड़कर आरती के घर में घुस जाते हैं। गुस्साए गांव वालों को देखकर आरती के घरवाले घर के पिछवाड़े से निकलकर भाग गए। इस बीच गांव वाले जब तक छोटू के पास तक पहुँचते तब तक छोटू की जान निकल चुकी थी। घरवालों ने देखा छोटू के नाखून उखड़े हुए थे और हाथ पैर दोनों ही टूटे हुए थे। और जिस्म पर जलने के काले निशान आरती के घरवालों की बेरहमी की गवाही दे रहे थे। वहीं फर्श पर एक बिजली का नंगा तार भी नज़र आया। बात को समझते देर नहीं लगी कि छोटू को बिजली का करंट भी देकर तड़पाया गया था।

गांव वाले छोटू को उठाकर अस्पताल पहुँचे तो डॉक्टरों ने उसे मुर्दा करार दे दिया। अब ये बात पुलिस तक पहुँच गई और गांव के लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। दूसरे कमरे में बंद आरती को भी बाहर निकाला गया। उसकी भी हालत खराब थी। आरती को तब किसी ने बताया कि छोटू मर चुका है। ये सुनकर आरती बेहोश हो गई। आरती जब होश में आई तो छोटू को देखने की जिद करने लगी तो उसे पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया जहां वो छोटू से लिपट कर रोने लगी।

Shams Ki Zubani: इस बीच पुलिस ने आरती के पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया। मगर गंवा के लोग बुरी तरह गुस्से से बौखलाए हुए थे। पुलिस ने जैसे तैसे गांववालों को समझाया और छोटू के अंतिम संस्कार के लिए राजी कर लिया।

आरती ने छोटू के अंतिम संस्कार में जाने की बात कही और अंतिम संस्कार स्थल पर जाकर आरती ने छोटू के साथ चिता में जलने की खौफनाक जिद ठान ली। बड़ी मुश्किल से लोगों ने आरती को समझाया गया। छोटू के अंतिम संस्कार के बाद अब आरती ने अपना एक फैसला सुनाया। उसने कहा कि वो अब उस घर में कभी नहीं जाएगी जहां उसके घरवालों ने उसकी मोहब्बत का कत्ल कर दिया। लिहाजा अब वो ताउम्र उसकी विधवा बनकर रहेगी।

तब छोटू के पिता उमेश यादव ने सारे गांव के सामने ये कहकर आरती को गले लगा लिया कि आज से ये मेरी न तो बेटी है और न ही बहू बल्कि ये मेरा बेटा है। उसके बाद छोटू के पिता आरती को लेकर प्राइवेट नर्सिंग होम में गए वहां उसका इलाज करवाया। और इलाज करवाने के बाद उमेश यादव आरती को लेकर घर आते हैं और अब आरती उसी घर में उमेश यादव का बेटा बनकर रह रही है।

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