भगोड़े मेहुल चोकसी को इस देश में मिली बड़ी राहत, जानें क्या है पूरा मामला

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

Mehul Choksi got relief in Dominica: 13 हजार 500 करोड़ के पीएनबी घोटाले में आरोपी मेहुल चोकसी को डोमिनिका में राहत मिली है. यहां के लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने मेहुल चोकसी के खिलाफ मामला वापस ले लिया है. मामला राष्ट्र द्वीप (island nation) में उसके अवैध प्रवेश से संबंधित था, जिसका मेहुल चोकसी ने यह कहते हुए विरोध किया था कि उसे एंटीगुआ और बारबुडा से अपहरण कर डोमिनिका ले जाया गया था.

बता दें कि मई 2021 में मेहुल चोकसी डोमिनिका में पकड़ा गया था. इसके बाद चोकसी के प्रत्यार्पण को लेकर चर्चा थी कि उसे सीधे वहां से भारत भेजा जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. डोमिनिका की सरकार ने कहा था कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ को ही सौंपा जाएगा. उसके पास एंटीगुआ की ही नागरिकता है.

डोमिनिका सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि मेहुल चोकसी उनके देश में 'गैरकानूनी तरीके' से घुसने की कोशिश कर रहा था. डोमिनिका की नेशनल सिक्योरिटी और होम अफेयर्स से जुड़े मंत्रालय का कहना था कि वो एंटीगुआ और बरबूडा के अधिकारियों से संपर्क में हैं और उसे (मेहुल चोकसी) एंटीगुआ वापस भेजने की व्यवस्था की जाएगी.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

बयान में कहा गया था कि "मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल सिक्योरिटी एंड होम अफेयर्स इस बात की पुष्टि करता है कि भारतीय नागरिक और भारत के लिए वॉन्टेड मेहुल चोकसी को डोमिनिका में गैरकानूनी तरीके से आने के लिए हिरासत में लिया गया है." बयान में ये भी कहा गया था कि मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल की तरफ से रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है.

क्या है पूरा मामला?

ADVERTISEMENT

मेहुल चोकसी मई 2018 से एंटीगुआ में रह रहा है और उसके पास वहां की नागरिकता भी है. 23 मई 2021 की शाम को मेहुल चोकसी एंटीगुआ स्थित अपने घर से गायब हो गया था. पता चला था कि वो क्यूबा भागने की फिराक में है, लेकिन उसे डोमिनिका में पकड़ लिया गया था. एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन का कहना था कि मेहुल चोकसी को भारत को ही सौंप देना चाहिए. हालांकि, डोमिनिका सरकार का कहना है कि वो एंटीगुआ को ही सौंपेगी.

ADVERTISEMENT

जनवरी 2018 से फरार है मेहुल चोकसी

जनवरी की शुरुआत में पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होने का खुलासा हुआ था. इस मामले में 30 जनवरी को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. लेकिन उससे पहले ही इस घोटाले के दो मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भारत छोड़कर भाग गए थे. तब से ही दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है. नीरव मोदी ब्रिटेन में है और वहां के गृह मंत्रालय ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. हालांकि, इसके खिलाफ नीरव मोदी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT