चीन, पाकिस्तान और तालिबान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ रच रहा है साज़िश!

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

एक तरफ चीन का मोर्चा दूसरी तरफ पाकिस्तान, तीसरी तरफ तालिबान और चौथी तरफ तुर्की का कश्मीर राग. लेकिन इन तमाम साजिश करने वालों पर चलने वाला है सबसे बड़ा दांव और आतंक की ये टोली और इसके नुमाइंदे ताश के पत्तों की तरह ढह जाएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एजेंड़ा उनका भाषण और बाइडेन के साथ होने वाली द्वपक्षीय वार्ता पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. अमेरिका यात्रा के अंतिम दिन यानि 25 सितम्बर को नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में अपना भाषण देंगे. जाहिर है पूरी दुनिया पर महामारी का महाप्रभाव हुआ है. तो ऐसे में कोरोना के मुद्दे पर चीन की घेराबंदी की जाएगी. इस वजह से चीन भी हैरान परेशान है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में चीन हमेशा से भारत के विरोध में अपने स्वर बुलंद करता रहा है. लेकिन उसके खिलाफ पूरी दुनिया के पास बोलने के लिए इनते मुद्दे हैं कि जिनपिंग की एक नहीं चलने वाली है. क्योंकि पाकिस्तान के साथ सुर में सुर मिलाने की वजह से ही अब उसकी तगड़ी घेराबंदी होने वाली है. चीन भले ही कितनी भी साजिश कर ले कितने भी अड़ंगे लगा ले. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन एकदम साफ है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

भले ही अब अमेरिका में सरकार बदल गई है. डोनाल्ड ट्रंप की जगह जो बाइडेन ने ले ली है. लेकिन भारत वही है,यहां की सरकार भी वही है और भारत के मुद्दे भी वहीं हैं. अमेरिका भारत की अहमियत को बखूबी समझता है. लिहाजा भारत के साथ उसके संबंधों में नयी गर्माहट देखने को मिलेगी.

अफगानिस्तान में चीन का दखल तेजी से बढ़ रहा है. पाकिस्तान चीन के इशारे पर हक्कानी नेटवर्क को तालिबानी सरकार ने पावरफुल बना रहा है. इसी वजह से आशंका है कि भारत की सुरक्षा को भी बड़ी चुनौती मिल सकती है. हालांकि चीन तालिबान और पाकिस्तान की मदद से अमेरिका को भी सीधी चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा कूटनीति, कारोबार की दम पर भी चीन अमेरिका को सीधी टक्कर दे रहा है.

ADVERTISEMENT

इधर पाकिस्तान ने अपने करीबी देशों के साथ कश्मीर के मुद्दे पर फिर साजिशों के दौर शुरू कर दिया. संयुक्त राष्ट्र महासभा के भाषण में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया. हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब एर्दोआन ने कश्मीर पर बयान दिया हो. इससे पहले भी 2020 में अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान भी वो कश्मीर पर बयानबाजी कर चुके हैं. लेकिन भारत का विदेश मंत्रालय पहले भी ये साफ कर चुका है कि अगर कश्मीर के मुद्दे पर बयानबाजी की जाएगी तो तुर्की के साथ संबंध प्रभावित होंगे.

ADVERTISEMENT

भले ही चीन,पाकिस्तान,तालिबान और तुर्की कितनी भी साजिशों को अंजाम दे लें. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति के आगे कोई टिकने वाला नहीं है. क्योंकि भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि कश्मीर के मुद्दे पर हम किसी का भी दखल बर्दाश्त नहीं करेंगे.

इसके अलावा सीमा विवाद पर हिंदुस्तान अकेले ही चीन से लोहा ले रहा है. अब तक इस मुद्दे पर भारत ने दुनिया के किसी मुल्क से ना तो मदद मांगी है और ना ही आगे मांगेगा क्योंकि हमारी सेना हर चुनौती से निपटने के लिए सदैव सक्षम है.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT