भाई बहन ने काटी नस, मां ने लिखा बेटा बेटी का सुसाइड नोट, बच्चों का खून फ्रिज में रखकर चली गई स्कूल

GOPAL SHUKLA

03 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 3 2024 11:00 AM)

Ujjain Suicide Case: उज्जैन में एक भाई बहन की खुदकुशी का ऐसा किस्सा सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया। भाई बहन की खुदकुशी की ऐसी दास्तां इससे पहले कभी किसी ने नहीं सुनी होगी!

उज्जैन में खुदकुशी करने वाले बच्चे

उज्जैन में खुदकुशी करने वाले बच्चे

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Brother and Sister Suicide Case: मध्य प्रदेश के उज्जैन से जो किस्सा सामने आया वो दिल दहला देगा। खुदकुशी का ऐसा किस्सा न तो कभी किसी ने देखा होगा और न ही कभी सुना होगा। इस वाकये के बारे में जानने के बाद खासतौर पर वो लोग डर भी सकते हैं जो अपने बच्चों को वक्त नहीं दे पाते। 

सगे भाई बहनों ने खुदकुशी की

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असल में पिछले दिनों उज्जैन के जीवाजीगंज में दो सगे भाई बहनों ने खुदकुशी कर ली थी। दोनों ने अपने हाथों की नस काटकर अपनी जान दी थी थी। घर में दोनों भाई बहनों की डेड बॉडी मिलने की खबर जैसे ही शहर में फैली तो सनसनी फैल गई थी। इस किस्से का सच जब पुलिस के सामने तो उसकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि जिन बच्चों ने हाथ की नस काटकर खुदकुशी की थी, उन बच्चों के पिता विदेश में नौकरी करते थे। बच्चों की मां भी खुदकुशी करना चाहती थी, लेकिन बच्चों के पिता को उनका खून दिखाने की गरज से उसने खुदकुशी नहीं की और बच्चों का खून फ्रिज के भीतर रखकर स्कूल पढ़ाने चली गई। 

खुदकुशी करने वाला ताहिर  और उसकी बहन जेहरा

पिता कुवैत में मां स्कूल टीचर

पुलिस का खुलासा यही है कि बच्चों के पिता साल 2003 से कुवैत में जॉब करते हैं। वो कभी कभी ही भारत आ पाते हैं। जबकि मां स्कूल में पढ़ाती है। और दोनों ही बच्चे अपने माता पिता का वक्त चाहते थे। जो उन्हें नहीं मिल पा रहा  था, जिसकी वजह से दोनों बच्चे और उनकी मां भी बहुत परेशान थी। 

शहर में फैली सनसनी

दरअसल, ये वाकया बीती 29 मार्च का है। शुक्रवार की शाम करीब 6 बजे जीवाजीगंज पुलिस को इत्तेला मिली थी कि केडी गेट के पास सैफी मोहल्ले में 29 साल के ताहिर और 15 साल की जेहरा की डेड बॉडी मिली है। खबर यही थी कि दोनों ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस मौके पर पहुंची और मौका-ए-वारदात का जायजा लिया। 

खुदकुशी के बाद बच्चों की डेडबॉडी

फ्रिज में खून और सुसाइड नोट

पुलिस ने देखा तो दोनों के हाथ की नस कटी हुई थी। इसी के साथ कमरे में रखे फ्रिज में दोनों का खून भी रखा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने हत्या-आत्महत्या के एंगल से जांच शुरू की। पता चला कि मरने वाले दोनों बच्चों के पिता सादिक हुसैन काफी अरसे से कुवैत में ही हैं। मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला। उस सुसाइड नोट को पढ़कर खुद पुलिस के हाथ कांप गए जिसमें लिखा था- “माता-पिता हमारा ध्यान नहीं रखते, इसलिए हम सुसाइड कर रहे हैं”।

पिता का मैसेज और छायी मायूसी

पुलिस ने जब इस मामले में और तहकीकात की तो बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ।  पूछताछ में पता चला कि बुधवार को कुवैत में रह रहे सादिक ने अपनी पत्नी फातिमा को एक  मैसेज किया था, जिसमें लिखा था, ‘’मेरे पास पैसे कम हैं और कर्ज ज्यादा.... मुझसे तुम लोग ज्यादा उम्मीद मत रखना...’’ इस मैसेज को पढ़कर फातिमा, उसका बेटा ताहिर और बेटी जेहरा तीनों ने एक साथ खुदकुशी करने का इरादा किया लेकिन। बच्चों ने मां को इसलिए रोक दिया कि उनका खून उनके पिता को दिखा देना। 

बच्चों का पिता सादिक

प्लास्टिक की थैली में बच्चों का खून

इसके बाद दोनों ने हाथों की नस काटकर खुदकुशी कर ली। हैरानी की बात ये है कि बच्चों का खून एक प्लास्टिक की थैली में भरकर फ्रिज में रख दिया था। पुलिस को मां फातिमा ने बताया कि पति साल 2003 से कुवैत में नौकरी कर रहे हैं। घर पर कई साल बाद आते थे। परिवार को कम समय देते थे और ध्यान नहीं रखते थे। ताहिर को आंखों की गंभीर लाइलाज बीमारी थी जिसकी वजह से वो डिप्रेशन में था। 

मां भी करने जा रही थी आत्महत्या

फातिमा ने पुलिस को बताया कि मैं भी आत्महत्या करने वाली थी, लेकिन बच्चों ने रोक दिया था और कहा था कि हमारा खून आप पिता को दिखाना। इसी के बाद दोनों का ब्लड प्लास्टिक की थैली में भरकर फ्रिज में रख दिया था। बकौल पुलिस बेटे-बेटी की खुदकुशी के बाद फातिमा स्कूल पढ़ाने चली गई थी। जबकि उसके बच्चों ने उसके सामने ही अपने हाथ की नस काटकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली थी।  शाम को घर आकर उसने नाटक किया और कहा कि बच्चों ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस का कहना है कि घर से जो सुसाइड नोट मिला था, वो भी बच्चों की मां ने ही लिखा था, लेकिन साइन दोनों बच्चों से करवा लिए थे। 

बच्चों की मां फातिमा

बच्चों को चाहिए था माता पिता का वक्त

पुलिस का कहना है कि पिता विदेश में है और मां स्कूल में पढ़ाती है। जबकि घर के बेटे को आंखों की ऐसी बीमारी थी जिसका कोई इलाज नहीं था। ऐसे में बच्चों को माता पिता की कमी खलती थी मगर दोनों ही उन्हें वक्त नहीं दे रहे थे। इस केस में माता-पिता दोनों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने के लिए धारा 306 और 305 के तहत केस दर्ज किया गया है।

खुदकुशी का अजीबो गरीब केस

पुलिस अफसर का कहना है कि ये एकदम अजीबो गरीब केस है। ऐसा केस उसने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा। मां यह जानती थी कि बच्चे इस तरह की हरकत कर सकते हैं। सब कुछ जानते हुए भी वह नार्मल स्कूल टीचर का काम करती रही। ये वारदात इसलिए भी भयानक है क्योंकि फ्रिज में ब्लड में रखा था। बच्चों का मां से कहना था कि यह के बाद खून इकट्ठा करके फ्रिज में रखें, जब पिता लौटकर आएं तो उन्हें दिखाएं, क्योंकि अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाए। 

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