पत्नी का मांग न भरना पति के प्रति क्रूरता, सिंदूर विवाहित होने की निशानी...इंदौर फैमिली कोर्ट की टिप्पणी

PRIVESH PANDEY

22 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 22 2024 7:40 PM)

Indore News: इंदौर की फैमिली कोर्ट ने कहा कि पत्नी का सिन्दूर न लगाना एक तरह की क्रूरता है.

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Indore News: इंदौर की फैमिली कोर्ट ने कहा कि पत्नी का सिन्दूर न लगाना एक तरह की क्रूरता है. हिंदू धर्म में महिलाओं का मांग भरना उनके सुहागिन होने की निशानी होती है. इस टिप्पणी के साथ अदालत ने अलग रह रही पत्नी को तुरंत अपने पति के पास लौटने का आदेश दिया.

दरअसल, शहर के एक शख्स ने अपनी पत्नी को वापस बुलाने के लिए फैमिली कोर्ट में वकील के माध्यम से याचिका दायर की थी. हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 9 के तहत वैवाहिक संबंधों की पुनर्स्थापना के लिए दायर याचिका में कहा गया था कि पत्नी बिना किसी कारण के पिछले 5 वर्षों से पति से अलग रह रही है.

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याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि विवाहिता अपने पति से अलग रह रही है और उसने अपनी मांग में सिन्दूर लगाना भी बंद कर दिया है. फैमिली कोर्ट के चीफ जस्टिस के सवाल पूछने पर भी महिला ने कहा कि पति से अलग रहने के कारण वह डिमांड नहीं भर पाती है. कोर्ट में बयान देते वक्त भी वह बिना सिन्दूर के ही आई थीं.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने असम गुवाहाटी हाई कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया और माना कि पति ने पत्नी को नहीं छोड़ा और दोनों के बीच तलाक का कोई मामला नहीं है. पत्नी खुद अपनी मर्जी से बिना किसी कारण के अलग रह रही है. वहीं, पत्नी ने अपने बयान में पति पर नशाखोरी, पर्दा करने के लिए प्रताड़ित करने और दहेज मांगने समेत कई आरोप लगाए हैं. लेकिन दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश दिया कि पत्नी तुरंत अपने पति के पास लौट जाए.

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