what is dowry prohibition act 1961 ? दहेज कानून क्या है ? कितनी सजा मिल सकती है ?

CHIRAG GOTHI

20 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:17 PM)

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दहेज क्या है ?

what is Dowry Harassment ? भारतीय दंड संहिता की धारा 498 A दहेज से संबंधित धारा है। दहेज लेना और देना दोनों की अपराध की श्रेणी में आता है। जब कभी पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति अथवा कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक मांग की जाए उसे दहेज कहा जाता है।

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दहेज कानून क्या है और इसको लेकर कितनी सजा का प्रावधान है ?

what is dowry prohibition act 1961 ? दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के अनुसार दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 साल की कैद और 15,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए जो कि पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति अथवा कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक मांग के मामले से संबंधित है, के अन्तर्गत 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है। धारा 406 के अन्तर्गत लड़की के पति और ससुराल वालों के लिए 3 साल की कैद अथवा जुर्माना या दोनों, यदि वे लड़की के स्त्रीधन को उसे सौंपने से मना करते हैं।

दहेज हत्या क्या है ?

what is dowry prohibition act 1961 ? धारा 304-B के तहत अपराध को दहेज हत्या कहा जाता है। भारतीय दंड संहिता 1860 में 1986 में जोड़े गए इस प्रावधान के अनुसार विवाह के सात साल में किसी महिला की जलने या किसी अन्य प्रकार की शारीरिक चोट से मृत्यु हो जाती है और यह दिखाया जाता है कि मृत्यु के पूर्व उसे पति या पति के परिजन द्वारा क्रूरता या प्रताड़ना, दहेज की किसी मांग को लेकर किया जाता था तो उसे दहेज हत्या माना है।

दहेज केस शादी के कितने साल तक लगता है ?

दहेज से संबंधित मामले को किसी भी समय दायर किया जा सकता है, इसकी कोई निर्धारित समय सीमा नहीं है।

दहेज कानून में सुप्रीम कोर्ट ने अब क्या बदलाव किया है?

what is dowry prohibition act 1961 ? इसमें 498-ए के तहत महिला की शिक़ायत आने पर पति और ससुराल वालों की तुंरत गिरफ़्तारी पर रोक लगाई गई थी। इनमें सबसे अहम निर्देश है कि पुलिस ऐसी किसी भी शि‍क़ायत पर तुरंत गिरफ़्तारी नहीं करेगी। महिला की शि‍क़ायत सही है या नहीं, पहले इसकी पड़ताल होगी। पुलिस महकमे में CAW CELL बनाया गया है। यानी CRIME AGAINST WOMEN CELL. इनके अधिकारी दोनों पक्षों की छह महीने तक काउंसलिंग करते है और उसके बाद अंतिम रिपोर्ट पुलिस को सौंपते है। पहले कोशिश होती है कि दोनों पक्षों को समझाया जाए, लेकिन जब बात नहीं बनती है तो मुकदमा दर्ज किया जाता है।

क्या दहेज कानून का दुरुपयोग हुआ ?

what is dowry prohibition act 1961 ? ये सच है कि शुरुआत में इस कानून का दुरुपयोग हुआ। इस लिहाज से सुप्रीम कोर्ट को इसमें दखल देना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दहेज प्रताड़ना मामले (Dowry Harassment Case) में आदेश दिया । उसने कहा है कि 498ए (दहेज प्रताड़ना) (Section 498A of IPC) मामले में पति के रिलेटिव के खिलाफ स्पष्ट आरोप के बिना केस चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इस तरह केस नहीं चलाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा था कि इस बात की प्रवृत्ति बढ़ी है कि अपना स्कोर सेटल करने के लिए पति के रिश्तेदारों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना कानून का इस्तेमाल टूल की तरह हो रहा है। लिहाजा शुरुआत में गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी।

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