What Is Child Pornography?: चाइल्ड पोर्नोग्राफी क्या है? जानिए क्या हैं चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर नियम-कानून और सजा

PRIVESH PANDEY

08 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 8 2023 2:58 PM)

child pornography: चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना न केवल अपराध है बल्कि इसके लिए सात साल तक की सजा का भी प्रावधान है. सवाल है चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर देश में क्या नियम-कानून है. यह सब कुछ जानने के लिए पढि़ए यह खबर-

पोर्नोग्राफी क्या है :- What is pornography

पोर्नोग्राफी क्या है :- What is pornography

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child pornography is Crime: अब जब पूरे देश में पॉर्नोग्राफी को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं तो यह जान लीजिए भारत में पोर्न देखना अपराध नहीं है. लेकिन, चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना न केवल अपराध है बल्कि इसके लिए सात साल तक की सजा का भी प्रावधान है. सवाल है चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर देश में क्या नियम-कानून है. यह सब कुछ जानने के लिए पढि़ए यह खबर-

पोर्नोग्राफी क्या है :- What is pornography

पोर्नोग्राफी (Pornography) एक ऐसी कला है, जिसमें लोगों की नंगी तस्वीरें या अश्लील वीडियो (Nude Video) दिखाई जाती हैं. यह तस्वीरें या वीडियो अक्सर सेक्स या सेक्सुअल गतिविधियों को दिखाते हुए बनाई जाती हैं, इस तरह की कला ज्यादातर व्यापक रूप से इंटरनेट पर मौजूद होती है.

पोर्नोग्राफी के बारे में विभिन्न विचार हैं. कुछ लोगों का मानना है कि इसे स्वतंत्रता के तहत बनाया जाना चाहिए और लोग जिसे देखना चाहते हैं वह देख सकते हैं. दूसरी ओर, लोगों का मानना है कि इसका असर नकारात्मक होता है और इसे बंद करना चाहिए.

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इसके अलावा, पोर्नोग्राफी से जुड़े कुछ समस्याएं भी हैं. इसका इस्तेमाल बाल विवाह, जंगली जानवरों के साथ अश्लीलता, धर्म और संस्कृति को अपमानित करने जैसे कुछ दुष्परिणामों का कारण भी बनता है.


चाइल्ड पोर्नोग्राफी क्या है : - What is child pornography?

चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक अपराध है जिसमें बच्चे का यौन आग्रह या नाबालिग की भागीदारी वाली अश्लील सामग्री का निर्माण शामिल. बच्चों को बहला-फुसलाकर ऑनलाइन संबंधों के लिए तैयार करना, फिर उनके साथ यौन संबंध बनाना या बच्चों से जुड़ी यौन गतिविधियों को रेकॉर्ड करना, एमएमएस बनाना, दूसरों को भेजना आदि भी इसके तहत आते हैं. यहां बच्चों से मतलब है - 18 साल से कम उम्र के लोग.

भारतीय कानून के अनुसार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी की तस्वीरें बनाना, उत्पादित करना और शेयर करना गैरकानूनी है. इसके अलावा, चाइल्ड पोर्न कंटेंट रखना और देखना भी अपराध है. POSCO एक्ट 2012 के धारा 14 और 15 में बताया गया है कि किसी भी बच्चे का इस्तेमाल चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए करने पर 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इसके साथ ही, IT एक्ट की धारा 67B में भी किसी भी तरह के चाइल्ड न्यूड कंटेंट को रखना, ब्राउज करना, डाउनलोड करना, एडवर्टाइज करना, प्रमोट करना और शेयर करना गैरकानूनी है.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर कानून :- Law on Child Pornography?

चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child pornography) में चाइल्ड सेक्स ट्रैफिकिंग (sex trafficking), ऑनलाइन चाइल्ड सेक्स सॉलिसिटेशन (sex solicitation and child molestation) और चाइल्ड मोलेस्टेशन का उत्पादन, स्टोरेज, बाटना और संबंधित अपराध शामिल हैं.

दुनिया भर में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है. इस अपराध के बाद, सरकारें चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करती हैं. इसके अलावा, अपराधों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए संगठनों और समुदायों द्वारा कई पहल भी की जाती हैं.

Law on Child Pornography?

 

लेकिन पोर्नोग्राफी पर भारतीय कानून क्या कहता है?

भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम 2000, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम 2012 में पोर्नोग्राफी से जुड़े कई प्रावधान हैं. दिप्रिंट बता रहा है कि इनमें क्या कहा गया है.

भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अपराध के तौर पर माना जाता है और इस पर कई कानून हैं

भारतीय दण्ड संहिता, 1860: भारत की प्राचीनतम दण्ड संहिता में, बाल यौन उत्पीड़न और बाल अश्लीलता को अपराध के रूप में माना गया है. 

धारा 354, 354A, 354B, 354C और 376एबी में बाल यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के लिए सजा दी गई है.

बाल अधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2019: यह अधिनियम भारत के सभी बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है. इस अधिनियम में, बाल यौन उत्पीड़न, बाल अश्लीलता और बाल विपत्ति जैसे अपराधों के लिए कानून हैं.

इंफांट लेबर (प्रतिबंध) अधिनियम, 2016: यह अधिनियम बच्चों को श्रम से मुक्ति देने के लिए बनाया गया है. यह अधिनियम उन लोगों के खिलाफ होता है जो बाल श्रम, बाल यौन उत्पीड़न और बाल अश्लीलता जैसे अपराधों में बच्चों का इस्तेमाल करते हैं.

सजा- पहले अपराध पर पांच साल की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना. दूसरे अपराध पर सात साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना

 

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