तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने दावा किया है कि वो सालों तक अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) में अपने विरोधियों की 'नाक' के नीचे ही रहे जो उन्हें 'भूत' की तरह मानते थे। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार को दिए इंटरव्यू में मुजाहिद ने कहा, 'उन्हें (अमेरिका और अफगान सेना) लगता था कि मैं हूं ही नहीं।' मुजाहिद ने कहा, 'मैं कई बार उनकी पकड़ में आने से बचा इसलिए वो मानने लगे थे कि 'जबीउल्लाह' कोई काल्पनिक व्यक्ति है। ऐसा कोई व्यक्ति असल में है ही नहीं।'
'अमेरिकी सेना 'भूत' मानने लगी थी' 'मैं अफगानिस्तान में ही रहा'
13 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
तालिबान के जबीउल्लाह मुजाहिद(Zabiullah Mujahid) ने बताया की सालों से Kabul में रह रहा था, अमेरिका भूत मानने लगा था, Get लेटेस्ट breaking news, crime news in Hindi, photos and videos on CrimeTak
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सालों बाद किसी मीडिया को दिए इंटरव्यू में मुजाहिद ने कहा, 'मुझे लगता है कि इसकी वजह से मुझे काफी मदद मिली। मैं सालों तक काबुल में रहा। हर किसी की नाक के नीचे। मैं देश में हर जगह घूमा। मैं उन फ्रंटलाइन तक भी पहुंचने में कामयाब रहा, जहां तालिबान अपने कामों को अंजाम देता था। ये हमारे विरोधियों के लिए काफी हैरान करने वाला था।'
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'अमेरिका ने मुझे तलाशने के लिए दर्जनों ऑपरेशन चलाए'
मुजाहिद ने कहा कि वो सालों तक इतना बचकर भागा कि अमेरिकी और अफगान सेना मानने लगी कि वो एक 'भूत' हैं। उसने कहा, 'मेरी तलाश में अमेरिकी सेना लोगों से पूछताछ करती थी। पता नहीं उसने कितने दर्जनों ऑपरेशन मुझे ढूंढने के लिए चलाए होंगे, लेकिन मैंने कभी भी अफगानिस्तान छोड़ने के बारे में न सोचा और न ही कोशिश की।'
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