जीजा की मौत, पर अस्पताल ने साले को क्यों जीते जी मार दिया?

GOPAL SHUKLA

26 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 26 2024 3:15 PM)

जमशेदपुर के एक सरकारी अस्पताल का अजीबो गरीब किस्सा सामने आया, यहां एक शख्स अपने जीजा का इलाज करवाने आया, इलाज के दौरान जीजा की मृत्यु हो गई लेकिन अस्पताल ने उसके नाम का ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। अब वो जिंदा होने के लिए भटक रहा है।

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Jamshedpur MGM Hospital made Death Certificate: साहब, मैं तो अभी जिंदा हूं लेकिन फिर भी मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया गया! जबकि मेरे जीजा की इराज के दौरान मौत हो गई थी। ये शब्द हैं फुचु हेंब्रम के, जो जमशेदपुर के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम के सुप्रिटेंडेंट के सामने खड़ा होकर अपनी दलील दे रहा था। और उसकी इस दलील अस्पताल में छाई सरासर लापरवाही की पोल खोल रही थी। अब यही फुचु हेंब्रम उस सरकारी कागज को लेकर खुद को जिंदा साबित करने के लिए चक्कर काट रहा है। 

जिंदा शख्स पहुँचा मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर

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असल में झारखंड के सरायकेला जिले के तामोलिया का रहने वाला फुचु हेंब्रम गुरुवार को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल के सुप्रींटेंडेंट रवींद्र कुमार के पास अपनी गुहार लेकर पहुँचा था। गवाही के तौर पर वो अपने साथ भारतीय जनता पार्टी के एक नेता विमल को भी साथ ले गया था। उसने अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट रविंद्र को बताया कि 30 मार्च को इलाज के लिए अपने जीजा हलदर माझी को भर्ती करवाया था। लेकिन इलाज के दौरान 1 अप्रैल को जीजा की मौत हो गई थी।

जीजा के मृत्यु प्रमाण पत्र पर पीड़ित का नाम

जीजा की मौत के बाद उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अस्पताल में दौड़ भाग कर रहा था। वहां कागजात में उसे ही मृत घोषित कर दिया गया। कागजात में नाम बदलवाने और नाम सुधारने के लिए वह लगातार अस्पताल का चक्कर लगा रहा है। नाम बदलने के लिए उससे लगातार एफिडेविट मांगा जा रहा है। आखिरकार वो अपनी गवाही के लिए एक स्थानीय नेता को साथ लेकर अस्पताल पहुँचा और गुरुवार को उसने अस्पताल के अधीक्षक को बाकायदा एक पत्र देकर कहा कि वो जिंदा है लेकिन उसके हाथ में उसका ही मृत्यु प्रमाण पत्र है। लिहाजा कागज में नाम बदल दिया जाए। 

अस्पताल ने कागज पर जिंदा को मुर्दा बनाया

फुचु हेंब्रम का कहना है कि गलती अगर सरकारी अस्पताल की है तो खमियाजा उसे क्यों भुगतना पड़े। उसने कहा कि जिंदा रहते हुए जमशेदपुरके एमजीएम अस्पताल ने उसे ही मुर्दा बना दिया। जबकि उसे अपने जीजा का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ही अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं और ऐसा करते हुए उसे 20 दिन से ज्यादा हो गए। इस पर भारतीय जनता पार्टी के नेता विमल ने कहा है कि अस्पताल में ऐसी बड़ी भूल की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं लिहाजा जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। 

अस्पताल ने नाम बदलने का दिया भरोसा

उधर अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट का कहना है कि आखिर ये सब कैसे हुआ किन हालात में हुआ इसके बारे में जांच की जा रही है। गलत प्रमाण पत्र में नाम सुधार की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने फुचु हेंब्रम को भरोसा दिया है कि जल्दी ही मृत्यु प्रमाण पत्र में उसका नाम सुधार कर दिया जाएगा। 
 

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