Taliban haqqani: तालिबानी नेता रहीमुल्ला हक्कानी की हत्या!

CHIRAG GOTHI

12 Aug 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:24 PM)

Taliban haqqani: सुसाइड ब्लास्ट में तालिबानी नेता रहीमुल्ला हक्कानी का ख़ात्मा हो गया है। ये हमला काबुल में एक मदरसे में हुआ।

CrimeTak
follow google news

Taliban haqqani: सुसाइड ब्लास्ट में तालिबानी नेता रहीमुल्ला हक्कानी का ख़ात्मा हो गया। ये हमला काबुल में एक मदरसे में हुआ। काबुल के इस मदरसे में गुरुवार को जिस वक्त धमाका हुआ, उस समय वहां तालिबानी हुकूमत में बड़े नेता रहीमुल्ला हक्कानी की तकरीर चल रही थी। इससे पहले रहीमुल्ला की तकरीर खत्म हो पाती एक साज़िश ने ज़मीन पर उतर कर उन्हें ही ख़त्म कर दिया। रहीमुल्ला हक्कानी को मारने के लिए यह तीसरा हमला था। इससे पहले दो बार उन पर हमला हो चुका है। हालांकि वो दोनों बार बच गए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

इससे पहले अक्टूबर 2020 में भी रहीमुल्ला को निशाना बनाया गया था। 2013 में पेशावर के रिंग रोड पर उसके काफिले पर बंदूकधारियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी तब भी क़िस्मत उसके साथ थी। पाकिस्तान पुलिस और सेना के जवाबी कार्रवाई से हमलावर भाग खड़े हुए थे और रहीमुल्ला की जान बच गई थी।

यह भी पढ़ें...

तालिबानी हुकूमत की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज के मुताबिक शेख रहीमुल्ला हक्कानी को खोरासन प्रॉविंस में मौजूद इस्लामिक स्टेट के आतंकी तनिक भी पसंद नहीं करते थे। माना यही जा रहा है कि इस फिदाइन हमले में इस्लामिक स्टेट खुरासन ग्रुप का हाथ हो सकता है।

हालांकि अभी तक ये बात साफ नहीं है कि इस हमले के पीछे कौन लोग हैं क्योंकि अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने भी नहीं ली है। प्रेस रिलीज में ये भी साफ किया गया है कि ये आशंका इसलिए जाहिर की जा रही है क्योंकि रहीमुल्ला हक्कानी अक्सर इस्लामिक स्टेट खुरासन गुट का विरोध करते थे। लिहाजा तालिबानी हुकूमत में इस्लामिक स्टेट खुरासन ग्रुप को कोई तवज्जो नहीं देता था।

शेख रहीमुल्ला हक्कानी की हत्या को हक्कानी नेटवर्क के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा सकता है क्योंकि हक्कानी नेटवर्क का ये एक वैचारिक चेहरा भी था जिसकी कई मुल्क़ों में अच्छी खासी पकड़ थी।

रहीमुल्ला हक्कानी को अफगानिस्तान के वर्तमान गृहमंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी का वैचारिक गुरु माना जाता था। रहीमुल्ला की सोशल मीडिया पर जबरदस्त धमक थी।

लेकिन एक बात तो साफ है कि तालिबान की अगुवाई वाली सरकार राज में उसके सबसे मजबूत हक्कानी नेटवर्क के वैचारिक गुरू की हत्या ने तालिबान की नींद उड़ा दी है।

    follow google newsfollow whatsapp