तालिबान की दोस्ती के चक्कर में अमेरिका को धमकी दे बैठा पाकिस्तान!

VARNITA VAJPAYEE

21 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)

TALIBAN AND PAKISTAN IS AGAINST AMERICA

CrimeTak
follow google news

अफगानिस्तान की नई हुकूमत तालिबान को मान्यता देने में दुनिया की देरी से पाकिस्तान के पेट में दर्द हो रहा है. तालिबान और पाकिस्तान की टेरर पार्टनरशिप वाली दोस्ती किसी से छिपी नहीं है और अब तो पाकिस्तान तालिबान के समर्थन में खुलकर आ गया है.

तालिबान के लिए खुलकर बैटिंग करने वाला पाकिस्तान तालिबान को मान्यता देने के लिए छटपटा रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि अगर अमेरिका तालिबान को मान्यता नहीं देगा तो हालात बिगड़ जाएंगे. तालिबान के हमदर्द इमरान खान पहले तो ना नुकुर कर रहे थे लेकिन अब आतंकी तालिबान का खुलेआम समर्थन कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें...

तालिबान के साथ खुलकर खड़े इमरान खान अपनी पीठ खुद ही थपथपा रहे हैं. इमरान ने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका के खिलाफ जीत में तालिबान की मदद की है. तो इसका मतलब है कि पाकिस्तान, अमेरिका और यूरोप से ज्यादा मजबूत है. अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रहे इमरान यहीं नहीं रुके उनके झूठ के दरिया का दायरा तो बढ़ता ही जा रहा था.

इमरान ने कहा कि वो हल्के हथियारों से लैस करीब 60 हजार लड़ाकों वाली फौज बनाने में सक्षम हैं. जिसने हथियारों से लैस तीन लाख वाली मजबूत सेना को हराया. इमरान का ये इशारा अमेरिका, नाटो और अफगानिस्तान की सेना की तरफ था और ये सच भी है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अगर कोई सबसे ज्यादा खुश है तो वो पाकिस्तान है.

अफगानिस्तान की आजादी छीनने के बाद इस्लामाबाद में तक तालिबानी झंडे लहराए गए, जश्न के जुलूस और रैलियां निकाली गईं और अब इमरान खान सरकार तालिबानी हुकूमत को दुनिया से मान्यता दिलाने के लिए दम लगा रही है.

लेकिन पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमैट हुसैन हक्कानी ने कहा है कि पाकिस्तान में तालिबान की जीत का जश्न उसे महंगा पड़ने वाला है..

मुल्क को मज़हब के नाम पर चलाने वाले तालिबान को मान्यता और मदद दोनों चाहिए. वो चाहता है कि दुनिया उस पर डॉलर लुटाए और वो शरीयत के नाम पर शोषणतंत्र चलाए. हालांकि तालिबानियों के किए की सजा अफगानिस्तान की जनता को भुगतनी पड़ रही है.

    follow google newsfollow whatsapp