Russian - Ukraine War Update: पुतिन को सताने लगा है हत्या का डर, रूसी राष्ट्रपति के खुफिया ट्रेन नेटवर्क का खुलासा

GOPAL SHUKLA

07 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 7 2023 9:19 AM)

Ukraine War Update: व्लादिमीर पुतिन को भी डर सता रहा है। और वो भी खुद उनकी हत्या का डर। रूसी सेवा से जुड़े एक अफसर ने रूसी राष्ट्रपति के उस खुफिया ट्रेन नेटवर्क का भी खुलासा किया है जिसका इस्तेमाल करके पुतिन अपने अनदेखे दुश्मन को गच्चा देने की फि

हत्या का डर सताने लगा है व्लादिमीर पुतिन को

हत्या का डर सताने लगा है व्लादिमीर पुतिन को

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पिछले एक साल एक महीने और 11 दिन से जारी रूस और यूक्रेन युद्ध में अब बात जीत और हार से भी आगे निकलती दिखाई देने लगी है। रूस पूरी ताकत लगाकर भी यूक्रेन पर अपनी जीत की पताका नहीं लहरा सका और यूक्रेन ने भी अपनी बची खुची ताकत समेटकर रूसी हमलों को झेलने की हिम्मत दिखाने की भरसक कोशिश कर रहा है। 
और इस कवायद में दोनों ही मुल्क खोखले होते जा रहे हैं। लेकिन इसी बीच जंग के मैदान से निकलकर जिस खबर ने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है वो है रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के डर की। सुनने में ये बात जितनी हैरान करती है उससे भी ज़्यादा इसका खुलासा दुनिया को परेशान कर रहा है। वजह साफ है कि दुनिया को ये बात गले से नीचे नहीं उतर रही है कि व्लादिमीर पुतिन को भी डर सता रहा है। और वो भी खुद उनकी हत्या का डर। 
असल में रूस के एसएफओ के पूर्व कैप्टन के हवाले से जो सच सामने आया है उसने दुनिया को हैरत में डाल दिया है। सुर्खियों से किनारे सरक गई रूस और यूक्रेन युद्ध की खबरों के बीच अचानक एक बार फिर रूसी राष्ट्रपति के इस डर की वजह से रूस यूक्रेन की जंग की खबरों को फिर सुर्खियों में जगह मिलने लगी। 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सताने लगा है अपनी हत्या का डर
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असल में रूस की फैडेरल सिक्योरिटी सर्विसेस यानी FSO से जुड़े रूसी सैनिक अफसर कैप्टन ग्लीब काराकुलोव की तरफ से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सुरक्षा घेरे में किए गए बदलावों के बारे में जानकारी साझा की गई है। 
अगर ब्रिटेन से छपने वाले अखबार द गार्डियन की रिपोर्ट पर गौर करें तो रूसी सेना से कैप्टन रहे ग्लीब काराकुलोव ने पिछले दिनों एक गुप्त ट्रेन और उसके नेटवर्क का हवाला दिया था। और ये भी खुलासा हुआ था कि उस ट्रेन के नेटवर्क से जुड़े शहरों में ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके तमाम दफ्तर और रहने के अलग अलग ठिकाने हैं। दावा किया जा रहा है कि इन दिनों व्लादिमीर पुतिन इसी ट्रेन के नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं और अपने अलग अलग ठिकानों पर आते जाते हैं। मगर वो कब कहां और कैसे जाते हैं इसकी कोई भी जानकारी किसी के पास नहीं है सिवाय उनके सुरक्षा घेरे में शामिल डेडिकेटेड टीम को छोड़कर। 
पुतिन के रोजमर्रा के काम काज और उनकी दिनचर्या के बारे में एक जानकारी काराकुलोव ने रूस के राजनीतिक सूचना संगठन डोजियर सेंटर में मीडिया के सामने दी थी। और आप जानकर हैरान भी हो सकते हैं जिस डोजियर सेंटर में बैठकर पुतिन के बारे में जानकारी दी जा रही थी उसे रूस के ही एक अरबपति मिखाइल खोदोरकोवस्की ने बनवाया था और कहने की जरूरत नहीं है कि खोदोरकोवस्की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े खैरख्वाह लोगों में से एक हैं। 
पूर्व कैप्टन ग्लीब काराकुलोव ने ही पुतिन को युद्ध का अपराधी भी कहा था और उनका दावा है कि पुतिन इन दिनों अपनी जिंदगी को लेकर बेहद डरे हुए हैं। शायद इसीलिए इस वक्त उनके साथ हरेक दौरे में फायर फाइटर के अलावा फूड टेस्टर और एमुनेशन इंजीनियर भी शामिल होते हैं। 
ग्लीब काराकुलोव ने ये भी खुलासा किया है कि पुतिन कभी भी इंटरनेट और मोबाइल सेवा का इस्तेमाल नहीं करते। इतना ही नहीं पुतिन ने अपनी जीवन शैली और रोजमर्रा के तौर तरीकों में जबरदस्त बदलाव किया है। खासतौर पर कोविड महामारी के बाद पुतिन का रुटीन एकदम बदल गया। 
आमतौर पर व्लादिमीर पुतिन ने सार्वजनिक जगहों और विदेश दौरे पर जाना करीब करीब बंद कर दिया है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन चूंकि पहले से ही पूर्व सोवियत संघ की खुफिया सर्विस से जुड़े हुए थे लिहाजा उन्होंने अपना जीवन भी किसी जासूस की तरह कर लिया है। ऐसे में उनकी जिंदगी क बारे में किसी को पूरी जानकारी हो ऐसा मुमकिन हो ही नहीं सकता। बताया जा रहा है कि जिस तरह से जासूसी जीवन के दौरान पुतिन अलग थलग रहा करते थे। इन दिनों यूक्रेन से युद्ध के बाद से उन्होंने अपना जीवन फिर से उसी अंदाज में जीना शुरू कर दिया है। और इसी गरज से उन्होंने रूस के कई बड़े और भीड़ भाड़ वाले शहरों जैसे सेंटपीट्सबर्ग, सोची, नोवो और ओगारियोवो में अपने दफ्तर बनाए हैं। और इन्हीं शहरों में उनके कई गुप्त ठिकाने भी हैं जहां तक जाने के लिए पुतिन या तो मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करते हैं या फिर एक शहर से दूसरे शहर निजी विमान का सहारा लेते हैं। 
देखने में आया है कि पुतिन जब भी कहीं जाते हैं तो उनके साथ नियमित रहने वाले लोगों की संख्या अचानक कम हो जाती है और ऑधिकारिक सुरक्षा कर्मी या टीमें उनके साथ देखी जाती हैं। 
 

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