मकान में बंद 'मोंगली' देख मोहल्ले वाले परेशान, 11 साल का मासूम 22 कुत्तों संग इसलिए क़ैद था

GOPAL SHUKLA

13 May 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:18 PM)

मकान में मोंगली को देख मोहल्ले वाले हुए परेशान, 22 कुत्तों के संग बंद मकान में क़ैद था 11 साल का मासूम, Pune: Parents booked for keeping 11-year-old boy ‘confined’ with stray dogs Crime News in Hindi

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Latest Crime News: महाराष्ट्र के पुणे से एक हैरतअंगेज ख़बर सामने आई जिसे सुनकर वो तमाम लोग डर गए जो कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि इस क़िस्से में एक तरह से कमरे में बंद हिन्दुस्तानी मोंगली पुलिसवालों को मिला था। क़िस्सा पुणे के कोंढवा इलाके का है। यहां पुलिस को इत्तेला मिली थी कि एक बच्चे को कमरे में क़ैद करके रखा गया है। पुलिस ने जब इस इत्तेला पर हरक़त की तो उसने जो सच अपनी आंखों से देखा तो वो भी हैरान हुए बिना नहीं रह सकी।

असल में एक 11 साल के बच्चे को उसके माता पिता ने दो सालों तक एक कमरे में क़ैद रखा। लेकिन हैरानी उस वक़्त बढ़ जाती है जब ये पता चला कि उस मासूम बच्चे के साथ एक दो नहीं पूरे 22 कुत्ते भी उसी कमरे में क़ैद थे। पुलिस ने एक बच्चे को अमानवीय तरीक़े से घर में जानवरों के साथ क़ैद करने के इल्ज़ाम में संजय लोधरिया और उनकी पत्नी शीतल लोधरिया को गिरफ़्तार किया है। ये परिवार कोंढवा में कृष्णा बिल्डिंग के एक अपार्टमेंट में रहता था। इस परिवार में 22 कुत्ते भी पले हुए थे। लेकिन ये किसी बड़ी या बढ़ियां नस्ल के कुत्ते नहीं थे बल्कि सड़क से उठाए हुए आवारा कुत्ते थे।

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Maharashtra Crime News: पुणे के पुलिस अफसर सरदार पाटिल के मुताबिक लोधरिया दंपति उस घर को सिर्फ कुत्तों के लिए ही रखे हुए थे। वहां वो सड़क से लाए कुत्तों को क़ैद में रखते थे। लेकिन बीते दो सालों से उन लोगों ने अपने ही बच्चे को उन कुत्तों के साथ क़ैद करके रख दिया था। पुलिस अफसर की तफ़्तीश में ये तो पता चला है कि ये दम्पत्ति बच्चे और कुत्ते को खाना खिलाने के लिए रोज आते तो थे, लेकिन कुछ वक़्त वहां बिताने के बाद वो लोग घर को ताला लगाकर वापस चले जाते थे।

सवाल उठता है कि मकान में कुत्तों के साथ बच्चे के क़ैद होने की इत्तेला पुलिस को कैसे मिली? असल में कृष्णाई बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने उस मकान की खिड़की पर एक बच्चे को अजीबो ग़रीब हरकत करते हुए देखा। उन लोगों ने पुलिस को बच्चे की हरकत के बारे में जो कुछ बताया था उस पर पुलिसवालों को भी यकीन नहीं हो रहा था। कई दिनों तक उसे उसी हालत में देखने के बाद बिल्डिंग के लोगों ने चाइल्ड लाइन एनजीओ की अनुराधा सहस्त्रबुद्धे को इसकी जानकारी दी।

Un Human Crime: लोगों ने बताया कि असल में वो बच्चा कुछ ज़्यादा नहीं करता बल्कि बालकॉनी या खिड़की पर आकर बैठ जाता था। इसके अलावा घर से अक्सर कुत्तों के भौकने और लड़ने की आवाज़ें भी आती रहती थी। लेकिन बीते कुछ अरसे से उसी घर से भयानक दुर्गन्ध आने लगी थी। जिससे आस पास के रहने वालों को काफी परेशानी होने लगी।

बच्चे के क़ैद होने की शिकायत मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई और बिल्डिंग में छापा मारकर उस बच्चे को वहां से बाहर निकाला। उसके बाद बच्चे को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। लेकिन उस मासूम के माता पिता पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 23 और 28 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।

लेकिन अभी तक इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे सका कि आखिर उस बच्चे को कुत्तों के साथ क्यों कैद करके रखा गया था। क्योंकि इस क़िस्से का सबसे दर्दनाक हिस्सा तो यही है। आखिर वो कौन सी वजह थी कि एक बेडरूम वाले उस घर में एक मासूम बच्चा 22 कुत्तों के साथ रहने को मजबूर था।

Pune Stray Dog and Young Child: पुलिस की तफ़्तीश में पता चला है कि लोधरिया दंपत्ति को कुत्ते पालने का शौक है और आमतौर पर अक्सर वो आवारा कुत्तों और उनके बच्चों को लेकर घर आ जाते हैं। मगर कुत्तों के साथ रहते रहते उनका बच्चा भी वैसी ही हरकतें करने लगा था। पुलिस को पड़ोसियों ने यही बताया था कि वो बच्चा खिड़की और बालकॉनी में बैठकर कुत्तों जैसी ही हरकत करता था।

असल में कोरोना की वजह से स्कूल दो साल से बंद थे और इन दो सालों के साथ वो कुत्तों के साथ ही रहा और उनकी ही तरह हरकतें भी करने लगा। यहां तक कि जब कोरोना के बाद स्कूल खुले तो बच्चे ने स्कूल में कई बच्चों को काट भी लिया। हालांकि अभी तक पुलिस ने इस मामले में स्कूल से कोई पुष्टि नहीं की है।

पुलिस का कहना है कि बंद मकान से जब बच्चे को बरामद किया गया तो उसकी हालत बेहद ख़राब थी। पूरे घर में गंदगी फैली हुई थी। पुलिस अब बच्चे के माता पिता से पूछताछ कर रही है साथ ही बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने का इरादा कर रही है लेकिन उससे पहले पुलिस स्कूल में बच्चे के बारे में पता लगाएगी। लेकिन इस किस्से के सामने आने के बाद से ही पुलिस बेहद परेशान और बेचैन है।

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