Manish Sisodia: मनीष सिसोदिया को गर्दन से घसीट कर ले जा रहा दिल्ली पुलिस का ये ACP कौन है? इस वीडियो पर आप पार्टी ने पूरा बवाल काट दिया!

CHIRAG GOTHI

23 May 2023 (अपडेटेड: May 23 2023 1:48 PM)

Manish Sisodia: आम आदमी पार्टी ने कभी सपने में भी ये सोचा नहीं होगा कि उनके पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को इस तरह से पुलिस वाले गर्दन से खींचते हुए कोर्ट में पेश करेंगे।

 delhi police misbehaved with manish sisodia

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क्या दिल्ली पुलिस का ये रवैया ठीक है?

 

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Manish Sisodia: आम आदमी पार्टी ने कभी सपने में भी ये सोचा नहीं होगा कि उनके पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को इस तरह से पुलिस वाले गर्दन से खींचते हुए कोर्ट में पेश करेंगे। आज ये देखने को मिला है। इसे ही किस्मत कहते हैं। अर्श से फर्श तक का सफर। हालांकि हर किसी का सोचना अलग हो सकता है। (manish sisodia misbehaved in court by delhi police acp)

Manish Sisodia: दरअसल, मनीष सिसोदिया की आज कोर्ट में पेशी थी। उनकी 1 जून तक न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ा दी। अब आपका पूरा माजरा बताते हैं। दिल्ली पुलिस के एक एसीपी अपने अन्य पुलिस कर्मियों के साथ मनीष सिसोदिया को अदालत में पेश कर रहे थे। मीडिया वाले कोर्ट के बाहर मौजूद थे। मीडिया वालों से सिसोदिया से सवाल पूछना शुरू किया। सवाल था - 'सर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार अध्यादेश ले आई, इस पर क्या कहेंगे।' तपाक से सिसोदिया बोले - 'ये मोदी जी का अंहकार है।'

delhi police misbehaved with manish sisodia

फिर क्या था एसीपी साहब को लगा पता नहीं सिसोदिया ऐसा कुछ न बोल दे जिससे नौकरी खतरे में पड़ जाए। एसीपी साहब ने उन्हें गर्दन से खींचा और मीडिया से बचाते हुए कोर्ट में ले गए। (manish sisodia misbehaved in court by delhi police acp)

सवाल ये है कि अगर उनसे सवाल पूछे जा रहे थे और वो उसका जवाब दे रहे थे तो इसमें दिक्कत क्या थी? जब सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर आप के सारे नेता इस पर बोल चुके हैं तो फिर सिसोदिया जी बोल देते तो कौन सा पहाड़ टूट जाता? अगर आराम से वो बोलते जाते और कोर्ट के अंदर शालीनता से दाखिल हो जाते तो क्या फर्क पड़ जाता?  delhi police misbehaved with manish sisodia

तुरंत इस पर आप के सबसे बड़े नेता और दिल्ली के सीएम ने दिल्ली पुलिस को घेरा।

Arvind Kejriwal @ArvindKejriwal

'क्या पुलिस को इस तरह मनीष जी के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार है? क्या पुलिस को ऐसा करने के लिए ऊपर से कहा गया है?'

सीएम केजरीवाल ने दो सवाल किए। पहला

क्या पुलिस को ऐसा अधिकार है?

क्या ऐसा करने के लिए ऊपर वालों ने कहा है?

जाहिर है इसका जवाब कौन देगा?

आप के नेता संजय सिंह ने भी Tweet किया -

Sanjay Singh ,  AAP MP
'पुलिसिया गुंडागर्दी चरम पर @msisodia का गर्दन पकड़कर खींचता हुआ ये पुलिस अधिकारी अपने आका को खुश करने के चक्कर में भूल गया कि न्यायालय इसकी नौकरी भी ले सकता है। मा.न्यायालय इस घटना का संज्ञान ले। मोदी जी आपकी तानाशाही पूरा देश देख रहा है।'

सवाल ये है कि

क्या न्यायालय एसीपी साहब की नौकरी ले सकता है?

अब दिल्ली पुलिस भी एक्शन में आ गई। भई, सरकार का मामला है। 

दिल्ली पुलिस ने Tweet किया -

Delhi Police ON manish sisdio 
@DelhiPolice
राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के समय श्री मनीष सिसोदिया के साथ पुलिस दुर्व्यवहार की बात दुष्प्रचार है।

वीडियो में प्रचारित पुलिस की प्रतिक्रिया सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य थी।

न्यायिक अभिरक्षा में अभियुक्त द्वारा मीडिया को वक्तव्य जारी करना विधि विरुद्ध है।

चलिए एक-एक करके विश्लेषण करते हैं।

पहला -

पुलिस के मुताबिक, दुर्व्यवहार नहीं हुआ, चलिए ये आप पर छोड़ते हैं, आप तय कीजिए।

क्या वहां मनीष सिसोदिया की सुरक्षा को खतरा था? जहां मीडिया कर्मी मौजूद हो, पुलिस मौजूद हो, आरोपी हो, न्यायालय स्टाफ हो, वकील हो। लेकिन सवाल ये भी है कि अगर कुछ हो जाए तो यही मीडिया सुरक्षा को लेकर हल्ला मचाती है।

क्या कभी दिल्ली पुलिस ने आरोपी का कस्टडी के दौरान इंटरव्यू नहीं करवाया?

दिल्ली पुलिस को जब किसी भी आरोपी का इंटरव्यू करवाना होता है तो कई बार एक-एक मीडिया कर्मी के साथ आरोपी का साक्षात्कार करवाया जाता है, तब कानून कहां चला जाता है ? तब तो पुलिस की वाहवाही होती है, शायद इसलिए कानून को दरकिनार कर दिया जाता है।

delhi police misbehaved with manish sisodia

 

क्यों दिल्ली पुलिस के Double Standard है?

क्या मनीष सिसोदिया ऐसा अपराधी हो, जो दुर्दांत है या History Sheeter है?

या फिर वो इतना बड़ा अपराधी है कि मौका पाकर पुलिस की मौजदूगी में जुर्म कर सकता है?

 

लेकिन ये छोटा सा मुद्दा है, ये बात अधिकारी कह सकते हैं, लेकिन इस घटना का एक दूसरा पहलू भी है।

 

मसलन, आरोपी के साथ क्या पुलिस को सम्मानजनक रवैया अपनाना चाहिए? इस पर लोगों की राय है कि सम्मान न करे, लेकिन अपमान भी न करे।

क्या सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा करना ठीक नहीं है?

खैर, इस वाक्ये से आप और दिल्ली पुलिस फिर आमने-सामने है।

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