पहले गे जज ! सौरभ कृपाल बनेंगे दिल्ली हाईकोर्ट के प्रथम गे जज

CHIRAG GOTHI

16 Nov 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:09 PM)

सबसे खास बात यह है कि सौरभ कृपाल भारत के पहले समलैंगिक (GAY) जज हो सकते हैं। ये फैसला न्यायपालिका के इतिहास में भी एक मिसाल बन सकता है, Do read crime news Hindi and more on CrimeTak.

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first gay judge story : जी हां, पहले गे जज ! सुन कर आप भी चौंक गए ना, लेकिन ये सच है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वरिष्ठ वकील सौरभ को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने का फैसला किया है। सबसे खास बात यह है कि सौरभ कृपाल भारत के पहले समलैंगिक यानी (GAY) जज हो सकते हैं। ये फैसला न्यायपालिका के इतिहास में भी एक मिसाल बन सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार गे व्यक्ति को जज बनाने का फैसला किया है। अगर उनकी नियुक्ति हो जाती है तो वह भारत के पहले समलैंगिक जज होंगे।

कॉलेजियम ने की थी सिफारिश

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इस बारे में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी बयान है, जिसमें बताया गया है कि 11 नवंबर को कॉलेजियम की बैठक हुई थी, जिसमें उनके नाम पर सिफारिश की गई थी। इससे पहले इस साल मार्च में भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश एसए बोबडे ने केंद्र सरकार से सौरभ कृपाल को जज बनाये जाने को लेकर पूछा था कि सरकार इस बारे में अपनी राय स्पष्ट करे। गौरतलब है कि पहले चार बार ऐसा हो चुका है कि उनके नाम पर जज बनाए जाने को लेकर राय अलग रही है। बता दें कि सौरभ कृपाल के नाम पर सबसे पहले कॉलेजियम ने साल 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाए जाने को लेकर सिफारिश की थी।

सौरभ कृपाल की जानें शिक्षा

सौरभ कृपाल ने दिल्‍ली के सेंट स्‍टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। वहीं उन्‍होंने ग्रेजुएशन में लॉ की डिग्री ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ली है। पोस्‍टग्रेजुएट (लॉ) कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से किया है। सुप्रीम कोर्ट में उन्‍होंने दो दशक तक प्रैक्टिस की है। वहीं उन्‍होंने यूनाइटेड नेशंस के साथ जेनेवा में भी काम किया है। सौरभ की ख्‍याति 'नवतेज सिंह जोहर बनाम भारत संघ' के केस को लेकर जानी जाती है, दरसअल वह धारा 377 हटाये जाने को लेकर याचिकाकर्ता के वकील थे। सितंबर 2018 में धारा 377 को लेकर जो कानून था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था।

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