रैगिंग करने वालों को पकड़ने के लिए, स्टूडेंट बनकर पहुंची लेडी पुलिस, ऐसे किया खुलासा

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रैगिंग करने वालों को पकड़ने के लिए, स्टूडेंट बनकर पहुंची लेडी पुलिस, ऐसे किया खुलासा
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Indore Ragging Case: एमजीएम मेडिकल कॉलेज (Indore MG Medical College) में एक बार फिर रैगिंग (Ragging) का बड़ा मामला सामने आया है. छात्रों की शिकायत पर कॉलेज प्रशासन ने सीनियर छात्रों पर प्रताड़ित करने और मारपीट करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने रैगिंग करने वाले छात्रों की पहचान कर उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. कॉलेज में रैगिंग की सच्चाई का पता लगाने छात्रा बनकर महिला कांस्टेबल को अंडरकवर एजेंट के रुप में भेजा गया था.

महिला सिपाही ने रैगिंग करने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई

Indore MG Medical College Ragging Case: दरअसल, संयोगितागंज थाना क्षेत्र में कई छात्रों ने गुपचुप तरीके से एमजीएम मेडिकल कॉलेज क्षेत्र में रैगिंग मामले की ऑनलाइन शिकायत एंटी रैगिंग कमेटी से की थी, जिसके बाद एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने संयोगितागंज थाने में मामला दर्ज कराया था. बहरहाल, जब पुलिस को छात्रों के नाम नहीं मिले तो पुलिस ने एक टीम गठित की और शालिनी चौहान नाम की कांस्टेबल को छात्र के वेश में कॉलेज भेजा और फिर वहां से रैगिंग करने वाले छात्रों के नाम और उनकी हरकतें को रिकॉर्ड किया और शिनाख्त की.

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जिसके बाद पुलिस ने इन 11 छात्रों की पहचान कर ली और इनके खिलाफ रैगिंग को लेकर नोटिस देकर कार्रवाई की गई है. कांस्टेबल शालिनी चौहान को उनके पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति पर पदस्थापित किया गया है और जिस तरह से उन्होंने अपने छात्र जीवन में अधिक छात्रों की मदद की है. छात्रों के लिए अभिशाप माने जाने वाले रैगिंग के डंक को उन्होंने बड़ा झटका दिया है. रैगिंग की घटना से आहत कई छात्र आत्महत्या की ओर मुड़ते हैं, इसे रोकने का प्रयास किया गया है.

महिला कांस्टेबल शालिनी चौहान ने कहा ''मैं एक मेडिकल छात्र के रूप में गया था, मैं उन छात्राओं से कैटिंग में मिलती थी, धीरे-धीरे दोस्त बनाकर मैं उन छात्रों तक पहुंची जो रैगिंग करते थे और हमें सफलता मिली.''

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पुलिस ने कहा हमने एक महिला कांस्टेबल को भेजा था जो मेडिकल छात्रों के बीच रहती थी, धीरे-धीरे वह घुल-मिल गई और उन लोगों तक पहुंच गई, जिन पर रैगिंग का आरोप था. पुलिस के पहनावे से हमने आरोपियों की पहचान कर ली है.

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रैगिंग के कारण कई बार छात्र अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं या आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आ जाती हैं, लेकिन पुलिस ने जिस तरह से इस कार्रवाई को अंजाम दिया है, वह रैगिंग करने वाले छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित होना चाहिए. अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में एमजीएम मेडिकल कॉलेज भी इन 11 रैगिंग करने वाले छात्रों पर कार्रवाई कर सकता है.

एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग का बड़ा मामला सामने आया है। प्रथम वर्ष के छात्रों की शिकायत पर कॉलेज प्रशासन ने तृतीय वर्ष के छात्रों पर प्रताड़ित करने और मारपीट करने का आरोप लगाया है.

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