भारत को इस वजह से ज़ोर का झटका बहुत ज़ोर से लगा, अमेरिका ने रिहा कर दिया मिडिल ईस्ट का 'पाब्लो एस्कोबार'

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Drug Lord Release: सात समंदर पार अमेरिका (USA) से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसकी वजह से हिन्दुस्तानी सुरक्षा एजेंसियां (Security Agencies) अचानक सतर्क (Alert) हो गई हैं। आतंकवाद (Terrorism) से लड़ रहे भारत को एक बार फिर दुनिया के सबसे ताक़तवर मुल्क कहे जाने वाले अमेरिका ने ज़ोर का झटका बहुत ज़ोर से दिया है और अपने एक इंजीनियर के बदले जिस नामी ईनामी को जेल से रिहा करने का सौदा किया है उसकी वजह से भारत के सुरक्षा तंत्र में एक अजीब सी हलचल महसूस की जा रही है।

असल में पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा ड्रग लॉर्ड और नशे का सौदागर हाजी बशीर नूरजई को जेल से रिहा करने का फैसला किया गया है। नूरजई का शुमार दुनिया के ऐसे ताक़तवर ड्रग माफिया के तौर पर किया जाता है कि उसे मिडिल ईस्ट का पाब्लो एस्कोबार भी पुकारा जाता है। नूरजई को पाब्लो एस्कोबार का ये नाम इसलिए दिया गया क्योंकि दुनिया के किसी भी हिस्से में जब भी ड्रग पकड़ी जाती थी तो कहीं न कहीं उस पूरे सिंडीकेट में जो एक नाम हरदम उछलता था वो था हाजी बशीर नूरजई का।

बशीर नूरजई को अमेरिका की जेल में नशे की तस्करी के सिलसिले में आजीवन कैद की सज़ा सुनाई गई थी। लेकिन अचानक अमेरिकी सरकार ने उसके रिहा करने की खबर का खुलासा करके एक तरह से मध्य एशिया और खासकर भारत और उसके पड़ोसी देशों को बुरी तरह चौंकाया है।

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Drugs Mafia & America: खबर है कि अमेरिका ने बड़े ही शातिर तरीके से दुनिया भर का सबसे खूंखार ड्रग माफिया हाजी बशीर नूरजई को एक अमेरिकी इंजीनियर की रिहाई के बदले छोड़ने का फैसला किया है। अमेरिका को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि हाजी बशीर नूरजई दुनिया के इस हिस्से में अपने गैंग और नेटवर्क के जरिए कितना नुकसान कर सकता है। अमेरिका ने अपने नागरिक की रिहाई के बदले दुनिया के सबसे खतरनाक गैंग्स्टर और ड्रग माफिया को रिहा करने का फैसला किया है।

इस ड्रग माफिया के जेल से बाहर आने के बाद भारत और पाकिस्तान की तमाम सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि इससे पूरे इलाक़े में नशे का कारोबार अचानक बहुत तेज़ी से बढ़ सकता है जिस पर कंट्रोल करना करीब करीब नामुमकिन हो जाएगा।

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वैसे खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी ये भी कहती है कि असल में हाजी बशीर नूरजई केवल ड्रग माफिया ही नहीं है बल्कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए का एक अंडरकवर एजेंट भी है। जिसकी वजह से ही मोस्टवॉन्टेड होने के बावजूद उसे अमेरिका में कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

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असल में एक खबर के मुताबिक हाजी बशीर नूरजई का एक अमेरिकी खुफिया अफसर उसका हैंडलर है और उसने इसी शर्त पर अमेरिका में काम करने के लिए रजामंद हुआ था कि उसे अमेरिका की पुलिस कभी गिरफ्तार नहीं करेगी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने जब इस शर्त को मान लिया था नूरजई न्यूयॉर्क जाकर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के लिए काम करता था और नशे के सौदागरों की मुखबिरी किया करता था।

Drugs Lord and Taliban: लेकिन न्यूयॉर्क में एक बार नशे की खेप की सप्लाई के दौरान एक बार हाजी बशीर नूरजई पुलिस के हत्थे चढ़ गया और उसे उठाकर काल कोठरी में डाल दिया गया।

इधर अफग़ानिस्तान में भी सत्ता बदल गई और वहां की सरकार को हटाकर तालिबान ने अपना कब्जा कर लिया। तालिबान की हुकूमत आते ही अमेरिकी फौज को अफगानिस्तान से अपना बोरिया बिस्तर समेटना पड़ा। अमेरिका की फौज तो अफगानिस्तान से भाग खड़ी हुई लेकिन उसके कई नागरिक अफगानिस्तान में ही फंसे रह गए।

इसी बीच तालिबान सरकार ने एक अमेरिकी इंजीनियर मार्क फ्रेरिच के बदले नूरजई को रिहा करने की शर्त रखी। जिसे करीब एक साल तक चली बात चीत के बाद अमेरिकी सरकार ने मान लिया। असर में मार्क को जनवरी 2020 को अगवा किया गया था। जबकि बशीर नूरजई के बारे में अफग़ानिस्तान में मशहूर है कि उसने 1979 से लेकर 1989 तक अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाली सोवियत संघ की सेना के खिलाफ जंग लड़ी थी।  

बताया जाता है कि नूरजई का नेटवर्क इतना ज़बरदस्त है कि मुल्ला उमर के वक़्त वही तालिबान सरकार को गोला बारूद के साथ साथ हथियार और लड़ाके मुहैया करवाया करता था। इसीलिए तालिबान को उसकी कमी महसूस हो रही है।

तालिबान के एक प्रवक्ता की बातों पर यकीन किया जाए तो 19 सितंबर को ही नूरजई अफगानिस्तान पहुँच भी चुका है। तालिबान के पूर्व सरगना मुल्ला उमर का क़रीबी होने की वजह से नूरजई की तालिबान सरकार में काफी पूछ है।

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