Atiq Ahmed Conviction: अतीक अहमद को क्यों नहीं मिली फांसी की सजा? जानें वजह
Umesh Pal Kidnapping Case: उमेश पाल के अपहरण के मामले में अपराधी अतीक अहमद को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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Umesh Pal Kidnapping Case: उमेश पाल के अपहरण के मामले में अपराधी अतीक अहमद को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही उसके दो अन्य साथी दिनेश पासी और खान शौकत हनीफ को भी उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. वहीं, अतीक के भाई अशरफ अहमद समेत सात आरोपियों को निर्दोष बताया है.
गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद को रविवार (26 मार्च) की शाम 5 बजे के आसपास प्रयागराज की नैनी जेल के लिए रवाना किया गया था. इसके बाद सोमवार (27 मार्च) को लगभग 5 बजकर 15 मिनट पर वो जेल पहुंचा. इन सब के बीच उमेश पाल का परिवार लगातार अतीक अहमद के लिए फांसी की सजा की मांग करता रहा. हालांकि उसे फांसी की सजा तो नहीं मिली बल्कि उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और जुर्माना भी लगाया है.
अतीक अहमद को क्यों नहीं मिली फांसी की सजा
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दरअसल, अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज एफआईआर में शामिल धारा 364ए के तहत अपहरण के लिए दंड का प्रावधान है. दोषियों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 341, 504, 506, 342, 364, 34, 120बी की धाराएं लगाई गईं. इस मामले में अधिकतम सजा फांसी या आजीवन कारावास या जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं, कोर्ट ने इस केस को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस नहीं माना है. इस वजह से माफिया अतीक अहमद और अन्य को फांसी की सजा नहीं दी गई है.
जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि प्रयागराज की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने साल 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौकत हनीफ और पूर्व सभासद दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364-ए के तहत दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी.
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