डेटिंग ऐप से हो रहा ये खतरनाक गेम, नोएडा पुलिस के हाथ लगा गैंग, कई लड़कों की जिंदगी कर चुके हैं बरबाद
गिरोह के सदस्यों ने पीड़ित के समलैंगिक होने की बात उसके घरवालों और रिश्तेदारों को बता देने की धमकी दी। मजबूरन पीड़ित ने अपने अकाउंट से गूगल-पे के जरिए पहली बार में 80 हजार और दूसरी बार में 20 हजार रुपये आरोपियों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। आरोपी इसके बाद उसे अकेला छोड़ मौके से फरार हो गए।
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Noida: नोएडा पुलिस ने गे ऐप के जरिये ठगी और लूट करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के सदस्य गे डेटिंग ऐप पर समलैंगिक लड़कों से बातचीत कर उनका भरोसा हासिल करते थे। इसके बाद उन्हें सुनसान जगह पर मिलने के लिये बुलाते थे और फिर उन्हें लूट लेते थे। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती। ये गिरोह समलैंगिकों को ब्लैकमेल कर उनके अकाउंट से भी पैसे ऑनलाइन ट्रांस्फर करा कर अपने अकाउंट में ले लेता और उनकी पहचान सार्वजनिक करने को लेकर उन्हें धमकाता भी था। इस मामले में पुलिस ने गे ऐप के जरिए लोगों को फंसाकर, उन्हें डरा-धमकाकर उनसे ऑनलाइन रुपयों की वसूली करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से अवैध हथियार और चोरी के सात हजार रुपये भी बरामद किए गए हैं।
ब्लैकमेल कर अकाउंट में ट्रांस्फर कराए पैसे
पुलिस को इस नये रैकेट का पता तब चला जब 21 सितंबर को एक पीड़ित ने नोएडा के दादरी थाने में तहरीर दी कि आरोपी विजय उर्फ विज्जी और कुलदीप ने पीड़ित से जबरन सात हजार रुपये छीन लिये हैं। इसके अलावा शिकायतकर्ता को ब्लैकमेल कर उसके अकाउंट से गूगल-पे के जरिये एक लाख रुपये और ट्रांसफर करा लिए। पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की धारा 303(2) के तहत केस दर्ज किया। इसी मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए 22 सितंबर को पुलिस ने दो आरोपियों को दादरी-सिकंदराबाद रोड पर बंद पड़े एक सीएनजी पंप के पास से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से अवैध तमंचा, जिंदा कारतूस समेत सात हजार रुपये नकद बरामद कर लिये।
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फर्जी आईडी बना कर फंसाते थे समलैंगिक
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इनके गिरोह में शामिल सदस्य ग्राइन्डर गे डेटिंग ऐप पर अलग-अलग आईडी बनाकर लोगों को फंसाते थे। ये पहले उनका भरोसा हासिल करते और फिर मिलने के लिये उन्हें अपने पास बुलाते। इसके बाद किसी सुनसान जगह पर ले जाकर उन्हें डरा-धमकाकर उनका कैश और सामान छीन लेते। साथ ही उनके बैंक अकाउंट में जमा पैसे भी ऑनलाइन अपने पास ट्रांसफर करा लेते।
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तीन आरोपियों के नाम सामने आए
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पकड़े गये आरोपियों विजय और कुलदीप ने बताया कि उनके साथ अरविंद नाम का एक तीसरा शख्स और है। उन्होंने बताया कि तीनों ने मिलकर ग्राइन्डर गे ऐप पर बैड बॉय नाम की आईडी वाले समलैंगिक लड़के को फंसाने का प्लान बनाया। इन्होंने राहुल नाम की आईडी से पहले उसे संपर्क किया फिर उसे मिलने के लिये बुलाया और उसे पिक करने के लिए बाइक पर आरोपी विजय उर्फ विज्जी चिटहैरा नहर पुलिया के पास गया था। यहां से ये उसे लेकर शाहपुर की तरफ नहर वाले रास्ते पर बढ़ा जहां प्लान के मुताबिक कुलदीप और अरविंद उनका पहले से इंतजार कर रहे थे।
गे होने की बात परिवार को बताने की धमकी
इसके बाद प्लानिंग के मुताबिक, अरविंद और कुलदीप ने उसकी जेब में रखे 7000 रुपये छीन लिए। फिर उन्होंने पीड़ित को धमकाया और उसके अकाउंट में मौजूद रुपये अपने पास ट्रांस्फर करने को कहा। नहीं करने पर पीड़ित के समलैंगिक होने की बात उसके घरवालों और रिश्तेदारों को बता देने की धमकी भी दी। मजबूरन पीड़ित ने अपने अकाउंट से गूगल-पे के जरिए पहली बार 80 हजार और फिर 20 हजार रुपये आरोपियों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। आरोपी इसके बाद उसे अकेला छोड़ मौके से फरार हो गए। पकड़े जाने पर आरोपी विजय और कुलदीप ने बताया कि उनके पास से बरामद सात हजार रुपये उसी घटना से बचे हैं। बाकी रुपये उन्होंने खर्च कर दिए।
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