हिमाचल जैसी खूबसूरत जगह पर बोरे में मिली लाश, 8 टुकड़ों में पाई गई कई दिनों से लापता नौजवान की ये लाश

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Murder Story: हिमाचल में पाई गई बोरे में बंद एक नौजवान की लाश, करीब 8 टुकड़ों में बटी हुई थी बॉडी.

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Murder Full Story: खूबसूरत वादियों के बीच बसा हिमाचल (Himachal Prdaesh) का चंबा शहर. आम तौर पर यहां जुर्म की संगीन वारदातें कम ही देखन-सुनने को मिलती हैं, लेकिन शुक्रवार यानी 9 जून को यहां कुछ हुआ, उसने चंबा जैसे सर्द शहर में रहनेवाले लोगों के भी पसीने छुड़ा दिए. यहां पिछले छह दिनों से गायब एक नौजवान की लाश शहर के पास से बहते सीवर के नाले से बरामद हुई. और वो भी बोरे में बंद आठ टुकडों की शक्ल में... नाले के पास पड़ी इस संदिग्ध बोरी को देख कर जब लोगों ने पुलिस को इत्तिला दी और पुलिस ने बोरी का मुंह खोला, तो सामने मौजूद मंजर देख कर हर किसी के रौंगटे खडे हो गए. आनन-फानन में लाश की पहचान की कोशिश शुरू कर दी गई. और जल्द ही ये साफ हो गया कि ये लाश चंबा के ही रहनेवाले मनोहर नाम के एक नौजवान की है, जो पिछले 3 दिनों से अपने घर से रहस्यमयी तरीके से गायब था. उसके घरवालों ने पुलिस थाने में अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी.

असल में मनोहर 6 जून को अपने घर से किसी से मिलने जाने की बात कह कर निकला था, लेकिन इसके बाद वो घर नहीं लौटा. देर तक घर नहीं आने पर घरवालों ने उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन उसका मोबाइल फोन कुछ ऐसे स्विच्ड ऑफ हुआ कि फिर कभी ऑन ही नहीं हुआ. ऐसे में पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई और घरवालों के साथ-साथ पुलिस ने भी मनोहर को ढूंढना शुरू कर दिया. इस बीच 3 दिन यानी 9 जून को चंबा के ही थरौली गांव के पास से गुजरते एक नाले के पास लोगों ने एक संदिग्ध बोरी पड़ी हुई देखी. बोरी  से बदबू आ रही थी. जिसके बाद लोगों ने पुलिस को इसकी खबर दी और ये राज बाहर आ गया.

लेकिन अब सवाल ये था कि आखिर मनोहर का ये हाल किसने किया? उससे आखिर किसी की क्या दुश्मनी थी? लाश के आठ टुकडे करने का मकसद क्या था? तो पुलिस ने जब इस सिलसिले में मनोहर के घरवालों से पूछताछ की, तो पता चला कि मनोहर रुखसाना नाम की एक लड़की से प्यार करता था और दोनों के इस रिश्ते से रुखसाना से घरवाले कुछ ज्यादा ही नाराज थे. उन्होंने मनोज को रुखसाना से दूर रहने को कहा था. घरवालों से मिली इस जानकारी के बाद पुलिस ने रुखसाना के परिवार पर शिकंजा कस दिया और जल्दी ही लड़की के अलावा, उसके भैया-भाभी, चाचा और कुछ दूसरे रिश्तेदारों को हिरासत में ले लिया गया. पुलिस की अब तक की तफ्तीश में आरोपियों के इस वारदात में शामिल होने के कुछ सबूत मिले हैं. पुलिस इस मामले में डीएनए एगजामिनेशन की भी मदद ले रही है, ताकि सबूतों के मामले में कोई शक की गुंजाइश ना रहे.

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Vardaat Full Story: देश में रह रह कर सामने आती टुकडे टुकडे वाली मर्डर मिस्ट्री की कडी में 7 जून को इस फ्लैट से जो नई कहानी बाहर निकली, उसने पूरे देश को सन्न कर दिया. क्योंकि ठीक दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस की तरह यहां भी 34 साल की एक लड़की सरस्वती का लिव इन पार्टनर मनोज साने उसकी लाश के टुकडे टुकडे कर ना सिर्फ उन्हें ठिकाने लगा रहा था, बल्कि उससे भी दो कदम आगे बढ कर टुकडों को उबाल रहा था, रोस्ट बना रहा था और उन्हें कुत्तों को खिला रहा था. लेकिन इस वारदात को सामने आए एक हफ्ते का वक्त गुजर जाने के बावजूद कई सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब अब तक पुलिस को नहीं मिल सका है. वो भी तब जब मुल्जिम पुलिस की गिरफ्त में है और पुलिस लगातार उससे इस वारदात को लेकर सवाल-जवाब कर रही है.

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मुंबई के सरस्वती की 'डेथ मिस्ट्री' पर रहस्य बरक़रार
पूछताछ में मनोज ने अब तक नहीं क़बूला क़त्ल का जुर्म
सरस्वती ने ख़ुदकुशी की या फिर उसका क़त्ल हुआ?
अगर ये क़त्ल है तो फिर क़त्ल का मोटिव साफ़ क्यों नहीं?
अब तक की तफ्तीश में पुलिस ने बरामद किए लाश के 35 टुकडे
लाश के कई टुकडों का अब तक कोई अता-पता नहीं

Death Mystery: असल में 7 जून को मीरा रोड की इस सोसायटी के लोगों ने सेवेंथ फ्लोर में रहने वाले मनोज साने को अपने घर से काले रंग के एक बोरे में कोई चीज ले जाते हुए देखा. जिसके बारे में पूछताछ करने पर उसने कोई साफ जवाब नहीं दिया. ऊपर से पिछले कई दिनों से मनोज के फ्लैट के आस-पास किसी चीज के सडने की तेज बदबू आ रही थी. ऐसे में अपार्टमेंट की सेवेंथ फ्लोर पर रहनेवाले लोगों ने 704 में रहनेवाले मनोज साने से इसके बारे में पूछताछ की, क्योंकि उसके घर में कुल दो लोग थे. वो और उसकी लिव इन पार्टनर. और उसकी पार्टनर पिछले कुछ दिनों से कहीं नजर नहीं आ रही थी. ऐसे में पड़ोसियों ने पुलिस को इतिला दी और जब पुलिस ने मनोज के फ्लैट यानी फ्लैट नंबर 704 की तलाशी ली, तो इस हॉरर हाउस का राज खुल गया. मनोज के किचन में अलग-अलग तीन बाल्टियों में इंसानी लाश के टुकडे रखे थे.

जांच आगे बढ़ी तो ये तो साफ हो गया कि टुकडे मनोज की लिव इन पार्टनर सरस्वती वैद्य के हैं, जिन्हें मनोज ही काट-काट कर ठिकाने लगा था. लेकिन हैरानी भरे तरीके से मनोज ने सरस्वती का कत्ल करने की बात से ही इनकार कर दिया. उसका कहना था कि सरस्वती ने जहर खा कर खुदकुशी कर ली थी, जिसके बाद वो घबरा कर सरस्वती की लाश के ठिकाने लगाने की कोशिश कर रहा था. मनोज से शुरू हुई पूछताछ को अब एक हफ्ते का वक्त गुजर चुका है, लेकिन उसने अब भी सरस्वती का कत्ल करने की बात नहीं मानी है.  मगर पुलिस सूत्रों की मानें तो उन्हें मनोज की बात पर यकीन नहीं है और इसीलिए वो इसे कत्ल का मामला मान कर ही इसकी तफ्तीश कर रही है. मुकदमा भी आईपीसी की धारा 302 के तहत कत्ल का ही दर्ज किया गया है. इस बीच पुलिस को मनोज के फ्लैट की छानबीन से कीटनाशक दवाएं मिली हैं. साथ ही ये भी पता चला है कि ये दवाएं खुद मनोज ने ही बोरीवली पश्चिम उप नगर की एक दुकान से खरीदी थी. ऐसे में शक ये है कि मनोज ने यही कीटनाशक दवा खिला कर अपनी पार्टनर सरस्वती की जान ली है.

Murder Full Story: हालांकि अगर ये मान भी लिया जाए कि सरस्वती ने खुदकुशी नहीं की, बल्कि मनोज ने ही उसका कत्ल किया, तो भी कत्ल का मोटिव फिलहाल साफ नहीं है. मनोज और सरस्वती के रिश्ते में अनबन को लेकर कई थ्योरीज़ सामने हैं. इनमें एक थ्योरी मनोज के रवैये को लेकर है. पुलिस को पता चला है कि सरस्वती अक्सर मनोज से नाखुश और असंतुष्ट रहती थी, जिसे लेकर दोनों में झगड़ा हुआ करता था. जबकि दूसरी थ्योरी सरस्वती के पोसेसिवनेस यानी मनोज पर उसके अधिकार की भावना को लेकर है. सरस्वती को शक था कि मनोज दूसरी महिलाओं और लड़कियों से भी मिलता-जुलता था, उनसे बातें करता था और इसे लेकर सरस्वती उससे लडती रहती थी.

इस बीच मनोज के मोबाइल फोन की जांच में ठाणे पुलिस को ऐसी-ऐसी चीजें हाथ लगी हैं, जो दिमाग घुमा देने वाली हैं. मनोज की सर्च हिस्ट्री से पता चला है कि मनोज सिर्फ लाश के टुकडे करनेवाला दरिंदा ही नहीं है, बल्कि उसके दिमाग में भी हैवानियत भरी है... घर में सरस्वती के होने के बावजूद वो ना सिर्फ मोबाइल पर लगातार पोर्न साइट्स सर्च करता था, बल्कि पोर्न साइट्स के नाम भूल ना जाएं, इसलिए उन्हें अपने पास एक डायरी में लिख कर भी रखता था. इतना ही नहीं 55 साल के मनोज के मोबाइल फोन में कई डेटिंग एप भी मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वो कई लड़कियों और महिलाओं के भी संपर्क में था.

पुलिस की मानें तो मनोज के मोबाइल फोन की सर्च हिस्ट्री से ही ये पता चला है कि सरस्वती की जान लेने के बाद उसने लाश को सडने से बचाने और उसे ठिकाने लगाने के तौर-तरीकों के बारे में गूगल में सर्च किया था. और इसी के बाद उसने लाश के टुकडे करने के साथ-साथ उन्हें उबाला और रोस्ट भी किया था. एक हैरानी की बात ये भी सरस्वती के कत्ल के बाद उसने उसकी लाश की कई तस्वीरें भी उतारीं. ऐसा करने के पीछे उसका मकसद क्या था, ये अभी साफ नहीं है. उधर, सरस्वती के लाश के टुकडों के इकट्ठा किए गए डीएनए नमूनों की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि डीएनए सरस्वती की बहनों से मैच कर गए हैं. यानी जिस लाश के मनोज टुकडे कर रहा था, वो लाश सरस्वती की ही है, इसमें कोई शक की गुंजाइश नहीं है. पुलिस ने लाश के अब तक बरामद टुकडों को फॉरेंसिक जांच के बाद सरस्वती की बहनों के हवाले कर दिया था, बहनों ने जिनका शनिवार 10 जून को अंतिम संस्कार किया.

पुलिस को मनोज के घर से कुछ ऐसी दवाएं मिली हैं, जिन्हें देखकर उसे लगने लगा है कि खुद के एचआईपी पॉजिटिव होने को लेकर मनोज ने जो दावा किया था, वो सच हो सकता है... क्योंकि मनोज के घर से मिली दवाएं एचआईटी पॉजिटिव मरीजों के द्वारा ही इस्तेमाल की जाती हैं... मनोज ने पुलिस से ये भी कहा है कि एचआईवी का मरीज होने के चलते ही वो सरस्वती के साथ किसी फिजिलक रिलेशन में नहीं था... हालांकि मनोज के एचआईवी पॉजिटिव होने या नहीं होने पर अभी रिपोर्ट का सामने आना बाकी है.

इस बीच तफ्तीश में लाश निपटाने के सिलसिले में मनोज की एक और शातिराना हरकत की कहानी सामने आई है... सरस्वती की लाश के टुकडे करने के लिए मनोज भायंदर की एक दुकान से लकडी काटनेवाली मशीन यानी चेनशॉ खरीद कर लाया था... अब ये पता चला है कि लाश के टुकडे करते वक्त हड्डियों से टकरा कर वो चेनशॉ खराब हो गया... कटर का चेन उतर गया... जिसके बाद मनोज फिर से उस मशीन को लेकर उसी दुकान में मरम्मत के लिए पहुंचा, जहां से उसने उसे खरीदा था... खास बात ये रही कि कटर को रिपेयर के लिए ले जाने के दौरान मनोज ने कुछ इतनी एहतियात बरती और कुछ इस तरीके से उसे साफ किया कि उसका मरम्मत करते वक्त दुकानदार को दूर-दूर तक ये शक नहीं हुआ कि उस चेनशॉ का इस्तेमाल उसका ग्राहक किसी की लाश के टुकडे करने के लिए कर रहा है... पुलिस ने अब भायंदर के उस दुकानदार की पहचान कर ली है... और उसका बयान भी दर्ज कर लिया है.

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