Yasin Malik : यासीन मलिक के गुनाहों का हिसाब थोड़ी देर में!

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Yasin Malik : यासीन मलिक के गुनाहों का हिसाब थोड़ी देर में!
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श्रेया चटर्जी के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को फांसी की सजा होगी या फिर उम्र कैद, ये थोड़ी देर में साफ हो जाएगा। इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया था।

कोर्ट का फैसला

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कोर्ट ने माना है कि मलिक ने 'आजादी' के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में एक नेटवर्क स्थापित किया। NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था। इस मामले में एक दर्जन के अधिक लोगों के खिलाफ 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की गई थी। एनआईए ने कोर्ट में कहा था, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करके घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया।

यासीन मलिक ने गुनाह कबूल किया था

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यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता।

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उम्रकैद या फांसी ?

यासीन मलिक को उसके गुनाहों के लिए कितनी सजा मिलेगी, ये तो कोर्ट के फैसले के बाद ही पता चलेगा। हालांकि, मलिक को इन मामलों में अधिकतम मौत की सजा भी हो सकती है, जबकि कम से कम उम्रकैद की सजा तय मानी जा रही है।

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