डिजिटल अरेस्ट पर गृह मंत्रालय की साइबर विंग I4C का बड़ा एक्शन, ब्लॉक की 1000 से ज्यादा आईडी और सिम कार्ड
Digital Arresting: डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं को लेकर गृह मंत्रालय की साइबर विंग I4C ने अलर्ट जारी किया है.
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Digital Arresting: डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं को लेकर गृह मंत्रालय की साइबर विंग I4C ने अलर्ट जारी किया है. साथ ही, गृह मंत्रालय की I4C विंग ने धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए 1000 से अधिक स्काइप आईडी और सैकड़ों सिम कार्ड को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
MHA की डिजिटल विंग I4C का बड़ा एक्शन
हाल के महीनों में, कई मामले सामने आए हैं जहां व्यक्तियों ने घोटाले को अंजाम देने के लिए सीबीआई, ईडी और एनसीबी अधिकारियों का रूप धारण किया. इसके बाद, प्रभावित व्यक्तियों ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर इन घटनाओं की सूचना दी, जिससे I4C विंग की ओर से त्वरित कार्रवाई की गई.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस तरह की धोखाधड़ी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए, गृह मंत्रालय साइबर विंग समर्थन और संसाधन जुटाने के लिए आरबीआई सहित अन्य मंत्रालयों के साथ कोआर्डिनेट कर रहा है. रिपोर्टों से पता चलता है कि साइबर धोखाधड़ी के अपराधी अधिकारियों की आवाज़ की नकल करने के लिए AI का उपयोग कर रहे हैं, पीड़ितों में डर पैदा कर रहे हैं और ऑनलाइन Payment के माध्यम से उनसे बड़ी रकम ठग रहे हैं.
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इन अपराधों से निपटने के लिए, I4C विंग ने एक हेल्पलाइन नंबर, 1930 स्थापित किया है, जिसमें व्यक्तियों से ऐसी घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया जाता है. डिजिटल गिरफ्तारियों में वृद्धि साइबर अपराध के उभरते परिदृश्य से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों, नियामक निकायों और जनता के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित करती है.
इससे पहले नवंबर 2023 में साइबर अपराधियों ने नोएडा सेक्टर-34 निवासी महिला आईटी इंजीनियर को डिजिटली अरेस्ट कर आठ घंटे तक डराकर घर में ही बंधक बनाकर रखा था. आरोपियों ने उसको मनी लॉड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर 11 लाख ऐंठ लिए थे. इंजीनियर ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया था. तब पुलिस ने इसे डिजिटल अरेस्ट का केस बताया था.
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