Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी में सर्वे कराने की तैयारी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा पहले फ़ाइल देखेंगे फिर फैसला करेंगे

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

Latest Court News: इस याचिका में वाराणसी कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। वाराणसी कोर्ट ने पूरे ज्ञानवापी मसजिद परिवार का सर्वे और वीडियोग्राफी करवाने का आदेश दिया है। ज्ञानवापी विवाद मामले में याचिकाकर्ता अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में कहा है कि 1991 में दाखिल किए गए वाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही रोक लगा चुका है।

उस याचिका में भी सर्वेक्षण कराने पर कोर्ट का आदेश भी था। जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। जब स्टे लगा हुआ था तो निचली अदालत में फिर याचिका कैसे आई और निचली अदालत ने फिर से वीडियोग्राफी के साथ सर्वेक्षण कराने का आदेश कैसे दिया?

इस मामले में दोनों याचिकाएं उपासना स्थल कानून 1991 के खिलाफ हैं। इस पर अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने अपने फैसले के जरिए इस कानून पर अपनी मुहर भी लगाई थी।

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

Gyanvapi Masjid: याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले में सर्वेक्षण कराने से पहले कमेटी की आपत्तियों पर विचार नहीं किया था।

मंदिर के पैरोकारों ने यह नई याचिका 1991 में दाखिल की गई याचिका को दरकिनार करके दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में यह भी जिक्र किया है कि जब उपासना स्थल कानून की तस्दीक सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी कर दी गई है कि अयोध्या में राम मंदिर के अलावा और कोई उपासना स्थल के स्थिति में बदलाव नहीं किया जाएगा तो वाराणसी की कोर्ट ने यह आदेश कैसे दिया है!

ADVERTISEMENT

भारत के मुख्य न्यायाधीश यानी CJI एन वी रमना ने इस याचिका पर कहा है कि पहले इस पूरे मामले की फाइल देखी जाएगी और उसके बाद फैसला लेंगे। CJI ने इस मामले से जुड़े दस्तावेज़ और फाइल मांगी है।

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT