Sidhu Moose wala murder Case: सिद्धू मूसेवाला मर्डर के मामले में पुलिस की तरफ से ये खुलासा बार बार बताया जा रहा है कि असल में 29 मई की बजाए पंजाबी सिंगर (Punjabi Singer) को 27 मई को ही मौत के घाट (Assassination) उतारने की साजिश (Planning) थी, मगर इत्तेफ़ाक से वो साज़िश सिरे नहीं चढ़ सकी।
एक और बात सामने आई। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हवाले से कि सिद्धू मूसेवाला मर्डर में शामिल शूटरों का सरगना प्रियव्रत फौजी ने ये बात भी उजागर की है कि सिद्धू मूसेवाला को उसी के घर में घुसकर मारने की पूरी प्लानिंग थी। प्रियव्रत फौजी ने बताया था कि प्लानिंग यहां तक हो गई थी कि सिद्धू मूसेवाला को उसके ही घर में घुसकर उसे गोलियों से छलनी कर दिया जाएगा।
और इसके लिए बाकायदा पंजाब पुलिस की वर्दियों का भी इंतज़ाम कर लिया गया था। प्लानिंग यही थी कि अगर 29 मई को उन्हें कामयाबी नहीं मिली तो पंजाब पुलिस की वर्दियों के सहारे वो लोग सिद्धू मूसेवाला के घर में घुसेंगे और वहीं उसे गोली मार देंगे।
Delhi Police Arrest: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के स्पेशल कमिश्नर HGS धालीवाल तो प्रियव्रत फौजी और उसके दो साथियों को पकड़ने के बाद इस खुलासे के साथ सामने आए थे कि सिद्धू मूसेवाला मर्डर मामले में जिन शूटरों को स्पेशल सेल ने दबोचा है उनके पास से खतरनाक हथियारों का ज़खीरा मिला है।
ये ऐसे हथियारों का जखीरा था जिसका इस्तेमाल कम से कम एक इंसान की हत्या के लिए तो नहीं ही किया जा सकता था...या यूं भी कहें कि इससे पहले क़त्ल की किसी साज़िश को अंजाम तक पहुँचाने के लिए हथियारों का ऐसा बंदोबस्त कभी नहीं देखा गया। वो हथियार को देखकर साफ कहा जा सकता था कि कोई गैंग कोई वॉर करने जा रहा है।
ऐसे में एक सवाल तो उठता ही है कि आखिर लॉरेंस बिश्नोई और उसका गैंग सिद्धू मूसेवाला को मौत के घाट उतारने के लिए इस कदर उतावला क्यों था...वो कौन सी ऐसी बात थी जिसने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड के गैंग के लोगों को इस कदर बेताब कर दिया था कि वो किसी भी सूरत और क़ीमत पर सिद्धू मूसेवाला को मार डालें, जबकि लॉरेंस के साथ सिद्धू मूसेवाला की दुश्मनी को अच्छा खासा वक़्त भी बीत चुका था। इसी सवाल की रोशनी में जब प्रियव्रत फौजी से पूछताछ हुई तो उसके मुंह से जो कुछ निकला, उसने दिल्ली पुलिस को भी चौंकाकर रख दिया।
Gangsters Planning: असल में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ हर हाल में सिद्धू मूसेवाला को मारना चाह रहे थे...कई प्लान बने कई प्लान बिगड़े...पहले भी तैयारी की गईं...और आगे की भी तैयारी हो रही थी। मगर एक बात लॉरेंस और गोल्डी बराड़ अपने गैंग के लोगों से अक्सर कहते रहते थे कि मौत ऐसी दी जाएगी कि जिसे न सिर्फ सब याद रखें बल्कि उसकी चर्चा कभी ख़त्म न हो। यानी मौत में भी मशहूरी का ज़रिया ढूंढ़ रहा था लॉरेंस बिश्नोई। इसी लिए सिद्धू मूसेवाला की 15 दिन के भी नौ बार रेकी भी करवाई थी...
और सिद्धू मूसेवाला को मारने के लिए ऐसी अत्याधुनिक AK सीरीज की उस गन का भी इंतज़ाम किया था जिसकी मार बुलेटप्रूफ गाड़ी भी बर्दाश्त नहीं कर पाती। इतना ही नहीं अगर किसी भी सूरत में असॉल्ट राइफल भी न चल पाएं तो भी सिद्धू मूसेवाला बचकर न निकल जाए इसके लिए ग्रेनेड और उसके लॉंचर तक का इंतज़ाम कर लिया था। आमतौर पर किसी भी गैंगवॉर तक में ऐसे हथियारों का इस्तेमाल आज तक के हिन्दुस्तान के इतिहास में किसी भी गैंग ने नहीं किया। ज़ाहिर है कि लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग ने इस शूटआउट की आड़ में अपने लिए शोहरत की सुर्खियों की भी तलाश कर ली थी।